ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल हुई उग्र:अहिरवारा से कवर्धा मार्ग में किया चक्का जाम, लगी वाहनों की लंबी कतार
Last Updated on 11 months by City Hot News | Published: January 1, 2024
दुर्ग// देश में लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं। छत्तीसगढ़ के सभी ट्रक ड्राइवर तीन दिन की हड़ताल पर हैं। नए साल के पहले दिन इस हड़ताल ने दुर्ग जिले में उग्र रूप ले लिया है। यहां जेके लक्ष्मी सीमेंट प्लांट पर लगे ट्रक ड्राइवरों ने अपने ट्रोकों को अहिरवारा से कवर्धा जाने वाले मार्ग के बीच में खड़ा करके चक्का जाम कर दिया है। इससे दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं।
ट्रक चालकों द्वारा चक्का जाम कर देने से लोग खासे परेशान हैं। लोगों ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो ट्रक चालकों ने जाम खोलने से मना कर दिया। उनका कहना है कि वो लोग कम पढ़ेलिखे हैं। उनकी पहुंच केंद्र सरकार तक नहीं है। इसलिए उन्होंने चक्का जाम किया है। इससे बड़े लोग परेशान होंगे तो वो लोग उनकी आवाज को केंद्र में बैठी सरकार तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कार और बाइक चालकों से भी कहा कि ये कानून उन पर भी लागू होता है। इसलिए उन्हें भी हडताल पर बैठना चाहिए।
चक्का जाम करने से अन्य वाहन चालक नए साल पर हुए परेशान
सुबह साढ़े 9 बजे से लगा जाम, पुलिस को दी गई सूचना
हड़ताली ट्रक ड्राइवरों ने सुबह 9.30 बजे अपने ट्रकों को सड़क पर खड़ा करके चक्का जाम कर कर दिया। इस दौरान वहां भास्कर संवाददाता ने तुरंत नंदिनी पुलिस को फोन करके मामले की सूचना दी। खबर लिखे जाने तक पुलिस मौके पर पहुंच गई है। उन्हें समझाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके चलते सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं।
क्या है हिट एंड रन कानून
केंद्र सरकार ने देश में नया हिट एंड रन कानून लागू किया है। इसके खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं। उनका कहना है कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान किया गया है।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने हिट एंड रन कानून को सख्त बनाने का विरोध किया है। उनका कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान परिवहन क्षेत्र और ट्रक चालकों का है। भारत इस समय वाहन चालकों की कमी से जूझ रहा है, लेकिन सरकार का इस और कोई ध्यान नहीं है। ऐसे में 10 साल की सजा के प्रावधान के बाद अब ट्रक ड्राइवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।