सेना ने कहा-ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मन के 40 सैनिक, 100 आतंकी मारे…पाकिस्तानी फायरिंग में भारतीय सेना के पांच जवान शहीद..हमारे सभी पायलट सुरक्षित, नौसेना के निशाने पर था कराची; प्रेस ब्रीफिंग की बड़ी बातें..

भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई की शाम पांच बजे से सीजफायर का समझौता हुआ, लेकिन पाकिस्तान ने भरोसा तोड़ा और संघर्ष विराम का उल्लंघन करना शुरू कर दिया। सीजफायर तोड़े जाने के बाद पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलाबारी में भारतीय सेना के पांच जवान बलिदान हुए। हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर हमला किया तो पड़ोसी देश के 35-40 सैनिक भी मारे गए।
सेना के अधिकारियों ने तस्वीरों के साथ विस्तार से बताया कि सैन्य कार्रवाई से पहले के हालात कैसे थे और बाद का मंजर कैसा है। उन्होंने बताया कि भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से कुछ आतंकी ठिकाने खाली हो गए। ऑपरेशन सिंदूर के लिए सोच-विचार कर नौ आतंकी शिविरों को हमले के लिए चुना गया। 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। नौसेना के निशाने पर कराची था।
नई दिल्ली// भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के 25 घंटे बाद रविवार शाम 6:30 बजे तीनों सेनाओं ने 1 घंटा 10 मिनट तक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दी।
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई की शाम 5 बजे संघर्षविराम हुआ था। इसके कुछ घंटे बाद पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़कर जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में फायरिंग और ड्रोन से हमला किया था।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा- ‘आप सबको पता है कि पहलगाम अटैक में किस क्रूरता से 26 लोगों को मारा गया था। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK स्थित आतंकी ठिकानों को टारगेट किया। इसमें दुश्मनों को भारी नुकसान हुआ।’
ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को हुई कार्रवाई में सीमा पार 9 ठिकानों पर हमने 100 आतंकवादी मार गिराए। इसमें कंधार हाईजैक और पुलवामा अटैक में शामिल 3 बड़े आतंकी चेहरे भी शामिल थे।
7 मई को हुई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल्स से हमारे बॉर्डर स्टेट्स में स्थित सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की। हमनें उन्हें हवा में ही मार गिराया। एक भी टारगेट सक्सेस नहीं होने दिया।
इसके बाद हमने पाकिस्तान को जवाब देते हुए सख्त कार्रवाई की, जिसमें पाकिस्तानी सेना के 35 से 40 सैनिक और अफसर मारे गए। बॉर्डर और LOC पर हुई पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में हमारे 5 जवान शहीद हुए हैं।
मुरीदके के टेररिस्ट कैंप के बाद बहावलपुर ट्रेनिंग कैंप में कई इन्फ्रास्ट्रक्चर को चुना, जहां आतंकवाद को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता था। इन 2 टेररिस्ट कैंप को हमने टारगेट बनाया और इन्हें तबाह किया।
हमने टेररिस्ट और टेररिस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर को टारगेट किया। पाकिस्तानी मिलिट्री और किसी और इन्फ्रास्ट्रक्चर को टारगेट नहीं किया। मुरीदके के टेररिस्ट कैंप में हवा से सतह पर मार करने वाली 4 टारगेटेड मिसाइल से हमला किया और उसे न्यूट्रलाइज्ड किया। एयरमार्शल भारती ने बताया,
सवाल: पाकिस्तान में 21 आतंकी ठिकाने चुने गए हैं, जिसमें से 9 तबाह किए गए। आपका कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है, क्या बचे हुए ठिकाने आगे तबाह किए जाएंगे? लेफ्टिनेंट जनरल घई: DGMO- भविष्य के ऑपरेशन के बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं बता सकता। लेकिन इतना तय है कि CDS ने हमारे सभी कमांडर को छूट दे रखी है कि वे किसी भी बॉर्डर वॉयलेशन का जवाब दें।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया, बहावलपुर ट्रेनिंग कैंप में कई इन्फ्रास्ट्रक्चर को चुना, जहां आतंकवाद को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता था। इन दो टेररिस्ट कैंप को हमने टारगेट बनाया और इन्हें तबाह किया। हमने टेररिस्ट और टेररिस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर को टारगेट किया। पाकिस्तानी मिलिट्री और किसी और इन्फ्रास्ट्रक्चर को टारगेट किया।
7 मई की शाम UAV और ड्रोन से पाकिस्तान ने हमला किया। ये किसी लहरों की तरह थे। इनमें से 3 लैंड कर पाए, लेकिन ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। हमने उनके आतंकवादियों को निशाना बनाया। उन्होंने मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिविलियंस को निशाना बनाया।
एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती
हमने 7 मई की रात उनके लाहौर और गुजरांवाला स्थित रडार सिस्टम को निशाना बनाया। हम उन्हें यह बताना चाहते थे कि उनके मिलिट्री ठिकाने हमारी पहुंच से दूर नहीं थे। 8-9 मई को पाकिस्तान ने ड्रोन और एयरक्राफ्ट से हमारे बॉर्डर पर हमला किया था और मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाने की उनकी ज्यादातर कोशिशें नाकाम रहीं।
पाकिस्तान ने 8-9 मई की रात श्रीनगर से नलिया तक ड्रोन और एयरक्राफ्ट से हमला किया।
उन्होंने जो टारगेट चुने थे, उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा। यह हमला आधी रात तक जारी रहा। मिलिट्री या सिविलियन इन्फ्रास्ट्रक्चर पर नुकसान नहीं हुआ। वे लड़ाई चाहते थे और हम तैयार थे। हमने उनके मिलिट्री ठिकानों पर हमला किया। उनके लाहौर और गुंजरावाला के सर्विलेंस राडार ठिकानों को निशाना बनाया।
इसके बाद उनके ड्रोन अटैक सुबह तक जारी रहे, जिसका हमने जवाब दिया। लाहौर के करीब से ड्रोन अटैक लॉन्च किए गए थे। उन्होंने अपने और इंटरनेशनल पैसेंजर विमान एयर स्पेस में उड़ने दिए।
जम्मुू, उधमपुर, पठानकोट, नाल, डलहौजी, फलौदी में इन्होंने हमला किया। हम तैयार थे, हमारे ट्रेंड क्रू ने एयर डिफेंस सिस्टम से तबाह कर दिया। हमारी जमीन पर उनके लगातार हमलों से कोई नुकसान नहीं पहुंचा। उनके लगातार एय़रबेस और पोस्ट पर हमले के बाद हमने उन्हें जवाब दिया। हमने वहां हमला किया, जहां उन्हें सबसे ज्यादा दर्द हो।
हमने उनके एयरबेस कमांड सिस्टम, मिलिट्री एयरबेस को हमला किया। चकलाला, रफीकी, रहरयार खान में हमला किया। हमने उन्हें कहा कि आक्रामकता को माफ नहीं किया जाएगा।
हमारे पास उनके हर बेस पर हर सिस्टम को निशाना बनाने की क्षमता है। हम चाहते हैं कि हमारे शत्रु आगे तनाव बढ़ाने की कोशिश ना करें। हमारी लड़ाई पाकिस्तानी मिलिट्री या किसी और से नहीं है। हमारी लड़ाई आतंकवादियों से है, जिन्हें हमने निशाना बनाया। लेकिन उन्होंने ड्रोन, यूएवी से हमला किया। हमारे पास जवाब देने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। हम यह करने की क्षमता रखते हैं। हमने पहलगाम अटैक के बाद अरब सागर में कई ड्रिल की, हथियारों की चेकिंग की। हम अपनी तैयारी को परख रहे थे। नेवी ने पाकिस्तानी नेवी को लगातार मॉनिटर किया। हम उनकी हर लोकेशन और मूवमेंट से वाकिफ थे।
मुझे 10 मई को पाकिस्तानी डीजीएमओ ने कॉल किया। पाकिस्तान के डीजीएमओ से 3.30 मिनट पर बातचीत हुई। जिसमें तय हुआ कि 7 बजे के बाद से कोई हमला नहीं किया जाएगा। अगली बातचीत 12 मई को होगी। कुछ ही घंटों बाद ही उन्होंने संघर्ष विराम तोड़ा। ड्रोन अटैक किया और फायरिंग की।
हमने उन्हें मैसेज भेजा कि हम पर किए गए हमले का जवाब हमने दिया है। अगर आज रात भी ऐसा किया तो हम जवाब देंगे। इसके बाद हमारे आर्मी चीफ ने हमें जवाब देने के लिए पूरी अथॉरिटी दी है। हमारे 5 जवान मारे गए, उन्हें हम श्रद्धांजलि देते हैं। हमने तनाव बढ़ाने वाली कोई प्रतिक्रिया नहीं की, लेकिन अगर हमारी संप्रभुता और अखंडता पर हमला किया गया तो इसका निर्णायक जवाब देंगे।
एयर मार्शल भारती ने बताया, मुझे 10 मई को पाकिस्तानी डीजीएमओ ने कॉल किया। पाकिस्तान के डीजीएमओ से 3.30 मिनट पर बातचीत हुई। जिसमें तय हुआ कि 7 बजे के बाद से कोई हमला नहीं किया जाएगा। अगली बातचीत 12 मई को होगी। कुछ ही घंटों बाद ही उन्होंने संघर्ष विराम तोड़ा। ड्रोन अटैक किया और फायरिंग की।
हमने उन्हें मैसेज भेजा कि हम पर किए गए हमले का जवाब हमने दिया है। अगर आज रात भी ऐसा किया तो हम जवाब देंगे। इसके बाद हमारे आर्मी चीफ ने हमें जवाब देने के लिए पूरी अथॉरिटी दी है। हमारे 5 जवान मारे गए, उन्हें हम श्रद्धांजलि देते हैं।
हमने तनाव बढ़ाने वाली कोई प्रतिक्रिया नहीं की, लेकिन अगर हमारी संप्रभुता और अखंडता पर हमला किया गया तो इसका निर्णायक जवाब देंगे।
सवाल: पाकिस्तान के साथ सीजफायर पहले भी हुआ है। इस बार सीजफायर का उल्लंघन होता है या उनकी तरफ से कुछ हरकत की जाती है तो भारत क्या कार्रवाई करेगा? एयर मार्शल भारती: हां आपने सही कहा कि पहले भी दोनों देशों के बीच सहमति बनी है। इस बार भी यही हुआ है लेकिन दुर्भाग्यवश 10 मई की शाम 7 बजे के करीब पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया। हमने इसके बारे में उन्हें बताया भी। देखते हैं आज क्या होता है। हमारे जवाब देने की बात हो तो आप जान सकते हैं भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
सवाल: ऑपरेशन के दौरान कितने पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। इस ऑपरेशन में ब्रह्मोस, S-400 मिसाइल की क्या भूमिका रही। एयर मार्शल भारती: अभी तक जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से पाकिस्तान के 35 से 40 जवान मारे गए हैं। वैसे भी हमारा टारगेट उनकी सेना नहीं बल्कि आतंकी ठिकाने थे। भारत ने कौन से हथियारों का इस्तेमाल किया, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती। वैसे भी हमारा काम टारगेट को निशाना बनाना है शव को गिनना नहीं।
सवाल: ऑपरेशन सिंदूर में क्या राफेल का इस्तेमाल हुआ। क्या ऑपरेशन में यह क्रैश हुआ? एयर मार्शल भारती: इस वक्त मैं इस पर कोई कमेंट नहीं करना चाहूंगा क्योंकि हम अभी भी युद्ध की हालत में हैं। अगर मैं कुछ कहता हूं कि इस पर कुछ कहूंगा तो इसका उलटा असर होगा। और हम उन्हें इस वक्त कोई फायदा नहीं देना चाहते हैं। बस इतना कहूंगा कि जो मकसद हमने तय किया उसे हासिल किया और हमारे सभी पायलट सुरक्षित वापस आए।
सवाल: हमने कितने पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया। एयर मार्शल भारती: ‘जैसा कि मैंने कहा, उनके विमानों को हमारी सीमा में आने से रोका गया। इसलिए, हमारे पास मलबा नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से, हमने कुछ पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया है। संख्या के बारे में हम यहां कोई अनुमान नहीं लगाना चाहेंगे, मेरे पास संख्याएं हैं और हम इसे स्थापित करने के लिए तकनीकी विवरण प्राप्त कर रहे हैं। इसलिए, मैं इस समय कोई आंकड़ा नहीं देना चाहूंगा।’
- डीजीएमओ लेफ्टिनेंट घई ने बताया, जमीन पर भी हमने वायु रक्षा प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर प्रणाली को तैनात करने जैसे कुछ अहम कदम उठाए, ताकि भारतीय वायु सेना के साथ मिलकर एक साझा सुरक्षा तंत्र (इंटीग्रेटेड ग्रिड) बनाया जा सके। मैंने देखा और सुना है कि आप में से कई लोग इस तरह की प्रणाली की काफी सराहना कर रहे हैं, खासतौर पर जब बात दुश्मन के हवाई हमलों को नाकाम करने की हो। हमने जमीन, समुद्र और आसमान तीनों क्षेत्रों में अपनी सेनाओं की तैनाती की और उन्हें आगे बढ़ाया। 9 और 10 मई की रात भी ड्रोन और विमानों से वैसी ही घुसपैठ की कोशिश हुई। इस बार दुश्मन ने खास तौर पर हमारे एयरफील्ड्स और कुछ बेहद जरूरी लॉजिस्टिक (सप्लाई) ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। लेकिन फिर एक बार भारतीय वायु सेना और थल सेना की साझा वायु रक्षा प्रणाली ने इन हमलों को पूरी बहादुरी और कुशलता से नाकाम कर दिया। दुश्मन का कोई भी हमला कामयाब नहीं हो पाया।

बहावलपुर आतंकी ठिकाना ध्वस्त – फोटो : एएनआई
- उन्होंने आगे कहा, कुछ एयरफील्ड और लॉजिस्टिक ठिकानों पर हवाई हमलों की कई लहरें आईं, लेकिन सभी को नाकाम कर दिया गया। पाकिस्तानी सेना ने 7 से 10 मई के बीच नियंत्रण रेखा पर तोप और छोटे हथियारों से हुई गोलीबारी में लगभग 35 से 40 सैनिकों के मारे जाने की रिपोर्ट दी।
- एयर मार्शल भारती ने कहा, 8 मई की शाम लगभग 8 बजे से पाकिस्तान के कई ड्रोन और लड़ाकू उपकरणों ने भारतीय वायु सेना के कई ठिकानों पर हमले की कोशिश की। इनमें जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, अमृतसर, बठिंडा, डालहौजी, जैसलमेर शामिल थे। ये हमले लगभग एक साथ किए गए थे और लहरों में आए। हमारी सभी एयर डिफेंस गन और अन्य प्रणाली पहले से तैयार थे। इन सभी लहरों को हमारे प्रशिक्षित चालकों ने वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग करके तबाह कर दिया। पाकिस्तान की ओर से इन घुसपैठ औरहमलों से जमीन पर कोई नुकसान नहीं हुआ।
- यह पूछे जाने पर कि कितने पाकिस्तानी विमान मार गिराए गए, एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, ‘उनके विमानों को हमारी सीमा में घुसने से रोका गया…निश्चित रूप से, हमने कुछ विमान मार गिराए हैं…निश्चित रूप से, उनकी तरफ नुकसान हुआ है, जो हमने पहुंचाया है।’ एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, क्या हम आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने के अपने उद्देश्य में सफल हो पाए हैं? और इसका उत्तर ‘हां’ है और परिणाम पूरी दुनिया के सामने हैं। वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने कहा, इस बार अगर पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई करने की हिम्मत की तो पाकिस्तान जानता है कि हम क्या करने जा रहे हैं।
- लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “मैं अपने पांच शहीद साथियों और सशस्त्र बलों के भाइयों तथा नागरिकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में दुखद रूप से अपनी जान गंवा दी। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं…उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा…हमने अब तक बहुत संयम बरता है और हमारी कार्रवाई केंद्रित, संतुलित और गैर-उग्र रही है। हालांकि, हमारे नागरिकों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे का निर्णायक बल से सामना किया जाएगा।”
- लेफ्टिनेंट घई ने कहा, पिछले 3-4 दिनों से जो गतिविधियां चल रही हैं, वह किसी युद्ध से कम नहीं हैं। सामान्य परिस्थितियों में एक-दूसरे देशों की वायु सेनाएं हवा में उड़कर एक-दूसरे पर हमला नहीं करतीं। आमतौर पर नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ आतंकवादियों द्वारा की जाती है। हमारे पास सूचना है कि नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ में पाकिस्तानी सेना भी शामिल हो सकती है, जो हमारी चौकियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है।