पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने एस.ई.सी.एल. मानिकपुर कोरबा प्रबंधन की वायदा खिलाफी पर नाराजगी जाहिर करते हुए सी.एम.डी हरीश दुहन को लिखा पत्र…

- · मानिकपुर कोरबा विस्तार परियोजना के लिए भिलाई खुर्द के समीप से प्रवाहित हो रहे कचंदी नाला के मार्ग को 2014 में एस.ई.सी.एल. प्रबंधन द्वारा बलपूर्वक किया गया था परिवर्तित।
- · भिलाई खुर्द के लगभग 04 हजार निवासियों की जीवन रेखा कचंदी नाला उनके जीवन यापन का प्रमुख आधार था।
- · एस.ई.सी.एल मानिकपुर कोरबा प्रबंधन ने भिलाई खुर्द गांव को गोद लेकर आदर्श ग्राम के रूप में समग्र विकास का किया था वायदा।
- · एस.ई.सी.एल प्रबंधन की वायदा खिलाफी का खामियाजा भुगतने एक-एक बूंद पानी को तरसते और कोल डस्ट व फ्लाई ऐश का दंश झेलने मजबूर हैं भिलाई खुर्द के निवासी।
कोरबा (CITY HOT NEWS)/// प्रदेश के पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा चांपा मार्ग पर अवस्थित भिलाई खुर्द ग्राम को गोद लेकर आदर्श ग्राम के तौर पर समग्र रूप से विकसित करने के अपने वायदे से मुकरनेे और वहां के निवासियों को बेबस व लाचार जिन्दगी जीने हेतु मजबूर करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए एस.ई.सी.एल. के सी.एम.डी. हरीश दुहन को सम्बोधित व कलेक्टर, कोरबा एवं महाप्रबंधक मानिकपुर कोरबा को प्रतिलिपि के साथ मानवीय संवेदनाओं को सर्वोपरि रखते हुए शीघ्र ही यथोचित कार्यवाई हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किए जाने बाबत पत्र लिखा है।
एस.ई.सी.एल. सी.एम.डी. को लिखे पत्र में कहा गया है कि कोरबा-चांपा प्रमुख मार्ग पर बसे हुए ग्राम भिलाई खुर्द के पास से होकर गुजर रहे कचंदी नाला के पानी का उपयोग करते हुए ग्रामवासी न केवल अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करते थे वरन् उसके माध्यम से सब्जी आदि की खेती के माध्यम से अपने परिवारों का पोषण भी करते थे जो उनकी जीविका का प्रमुख साधन था। वर्ष 2012-13 में एस.ई.सी.एल. मानिकपुर कोरबा प्रबंधन द्वारा मानिकपुर खदान विस्तार की योजना बनाई गई जिसमें कचंदी नाला का प्रवाह मार्ग सबसे बड़ी बाधा साबित हो रही थी और समाधान के लिए उसके मार्ग को परिवर्तित किए जाने का निर्णय लिया गया था।
पत्र में आगे कहा गया है कि तत्कालीन एस.ई.सी.एल. महाप्रबंधक मानिकपुर कोरबा द्वारा उस समय कोरबा विधायक रहे जयसिंह अग्रवाल से खदान क्षेत्र के दायरे में किसी एक गांव को गोद लेकर आदर्श ग्राम में विकसित किए जाने की इच्छा जाहिर करते हुए सुझाव मांगा गया था जिस पर उन्हें जयसिंह अग्रवाल द्वारा ग्राम भिलाई खुर्द का नाम सुझाया गया था। इए संबंध में मानिकपुर कोरबा प्रबंधन ने तत्कालीन कोरबा विधायक जयसिह अग्रवाल व उस समय कार्मिक प्रबंधक रहे अनिल कुमार की उपस्थिति में भिलाई खुर्द के निवासियों की एक बैठक आयोजित करते हुए प्रबंधन द्वारा घोषणा की गई कि भिलाई खुर्द गांव को गोद लिया जा रहा है और उसे एक आदर्श ग्राम का दर्जा प्रदान करते हुए उसका समग्र विकास एस.ई.सी.एल. प्रबंधन द्वारा किया जाएगा जिसके तहत सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य सुविधाएं व विद्यालय के साथ ही मनोरंजन आदि के लिए पार्क विकसित किए जाएंगे। उस समय प्रबंधन द्वारा ग्रामवासियों को भरोसा दिलाया गया था कि मानिकपुर खदान का विस्तार करने के लिए कचंदी नाला का प्रवाह मार्ग परिवर्तित किया जाएगा लेकिन इस परिवर्तन से ग्रामवासियों की सुविधाओं में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी और यह की सम्पूर्ण व्यवस्था मानिकपुर कोरबा प्रबंधन द्वारा की जाएगी। लेकिन वास्तविकता यह है कि कचंदी नाला का प्रवाह मार्ग प्रशासन के सहयोग से बलपूर्वक परिवर्तित करने में सफलता मिल जाने पर मानिकपुर कोरबा प्रबंधन अपने वायदे से मुकर गया है और भिलाई खुर्द के निवासियों को बेबस व लाचार जिन्दगी जीने मजबूर कर दिया गया है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रबंधन द्वारा गांव में एक विशाल तालाब का निर्माण कराने व खदान से निकलने वाले पानी के जरिए जलापूर्ति सुनिश्चित किए जाने की बात कही गयी थी, एक छोटा तालाब बनवाया भी गया लेकिन बरसात के पानी के अलावा आज तक उसमें को जल भराव की व्यवस्था प्रबंधन द्वारा नहीं की गई। फिलिंग के नाम पर केवल फ्लाई ऐश का उपयोग किया जा रहा है जबकि उसके सा ओव्हर बर्डेन की मिट्टी को मिक्स किया जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और जल छिड़काव भी नहीं किया जाता है, जिसकी वजह से ग्रामवासी फ्लाई ऐश का दंश झेेलने मजबूर हैं। ग्रामवासी पानी की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए गांव से दूर प्रवाहित हो रही हसदेव नदी पर आश्रित हैं।