गोद में नवजात, भागता नर्सिंग स्टाफ और चीखतीं मांएं… सन्न कर देगा झांसी मेडिकल कॉलेज का ये सीन!..10 नवजात जिंदा जले, 8 का पता नहीं..

Last Updated on 5 days by City Hot News | Published: November 16, 2024

झांसी के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज (jhansi medical college) में शुक्रवार रात का हादसा न सिर्फ दिल दहला देने वाला था, बल्कि व्यवस्था की खामियों को भी उजागर कर गया. नवजात शिशुओं के एनआईसीयू वार्ड में अचानक लगी आग ने 10 मासूमों की जान ले ली. कई परिवारों में मातम छा गया. इस हादसे में 17 बच्चे घायल हैं, जिनका इलाज जारी है. घटना के दौरान की तस्वीरें सामने आई हैं, जो दिल दहला देने वाली हैं. यहां अस्पताल में माताओं की चीखें और नर्सिंग स्टाफ का जान पर खेलकर बच्चों को गोद में उठाकर बाहर निकालने का सीन सन्न करने वाला है.

झांसी// झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (SNCU) में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई। वार्ड की खिड़की तोड़कर 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अभी तक 8 बच्चों की सूचना नहीं मिल पाई है। शनिवार सुबह उनके परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंच गए और हंगामा कर दिया।

हादसा रात करीब साढ़े 10 बजे हुआ। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग के चलते आग लगी, फिर धमाका हो गया। पूरे वार्ड में आग फैल गई। वार्ड ब्वॉय ने आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) चलाया। मगर वह 4 साल पहले ही एक्सपायर हो चुका था, इसलिए काम नहीं किया।

​​​​​​सूचना पर फायर ब्रिगेड की 6 गाड़ियां पहुंचीं। खिड़की तोड़कर पानी की बाैछारें मारीं। भीषण आग को देखते हुए सेना को बुलाया गया। करीब 2 घंटे में आग पर काबू पाया गया।

हादसे से जुड़े वीडियो सामने हैं। इसमें दिख रहा है कि एक तरफ हॉस्पिटल में चीख-पुकार मची हुई थी। दूसरी तरफ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के पहुंचने से पहले सड़क की सफाई और चूना डाला जा रहा है। हालांकि, मामला सुर्खियों में आने के बाद डिप्टी सीएम ने वीडियो बयान जारी किया। कहा कि उन्होंने डीएम से उन लोगों पर एक्शन लेने के लिए कहा है जिन्होंने चूना छिड़कवाया था।

इधर, हादसे के बाद CM योगीने हाईलेवल मीटिंग की। उन्होंने कमिश्नर और DIG को 12 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने के आदेश दिए। सुबह 5 बजे झांसी पहुंचे डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने कहा- हादसे की 3 जांच होगी। पहली– स्वास्थ्य विभाग करेगा। दूसरी- पुलिस करेगी। तीसरी- मजिस्ट्रेट से जांच कराई जाएगी। अगर कोई चूक पाई जाती है, तो जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।

झांसी अग्निकांड के बाद 8 परिजन को नहीं मिल रहे 8 बच्चे 

झांसी हादसे में अब तक 10 नवजात की मौत हो चुकी है। जबकि 8 परिजन को उनके बच्चों का पता नहीं चल पा रहा है। परिजन ने कहा कि इनके बच्चे भी वार्ड में भर्ती थे। हालांकि, हादसे के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन कोई जानकारी नहीं दे रहा है। इसे लेकर परिजन ने हंगामा भी किया। जिन, 8 परिजन को उनके बच्चे नहीं मिल रहे हैं। उनके नाम-

  • झांसी की रेखा की जुड़वा बेटी नहीं मिल रहीं।
  • महोबा की नीलू का बेटा नहीं मिल रहा।
  • जौनपुर की अभिलाषा का बेटा नहीं मिल रहा।
  • जालौन की शांति-संतोषी के बेटे नहीं मिल रहे।
  • झांसी की कविता- संध्या के बेटे नहीं मिल रहे।

शार्ट सर्किट से ऑक्सीजन कंसनट्रेटर में लगी आग
शुरुआती जानकारी में सामने आया कि शार्ट सर्किट से ऑक्सीजन कंसनट्रेटर में आग लग गई। देखते ही देखते आग की चपेट में पूरा वार्ड आया गया, जिससे वार्ड में भगदड़ मच गई। मौजूद स्टाफ और परिजन नवजातों को लेकर बाहर की ओर भागे। इसके अलावा स्टाफ से लेकर मरीज और उनके परिजन ने खिड़की तोड़कर बच्चों के बाहर निकालने शुरू किया। बताया जा रहा है कि आग इतनी भीषण थी कि कोई भी शख्स वार्ड के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका। 

सेना और दमकल की गाड़ियों ने बुझाई आग
नवजात शिशु गहन चिकित्सा वार्ड (एसएनसीयू) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। हादसे की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। सेना को भी बुला लिया। सेना एवं दमकल की गाड़ियों ने आग बुझाने में मदद कीं।

जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि एसएनसीयू वार्ड के अंदरूनी हिस्से में ज्यादा गंभीर और बाहर कम गंभीर बच्चों को भर्ती किया जाता है। बाहर की तरफ भर्ती लगभग सभी बच्चों को बचा लिया गया है। अंदर के बच्चों में से भी काफी बच गए हैं। दस बच्चों की मौत की सूचना प्राप्त हुई है।