स्कूल के प्राचार्य की हत्या के मामले का हुआ खुलासा: नशे की हालत में प्राचार्य ने युवक से किया था अप्राकृतिक कृत्य…नाराज युवक ने की थी हत्या…पार्टी करने बुलाया फिर किया कृत्य..आरोपी को गिरफ्तार

Last Updated on 1 week by City Hot News | Published: December 29, 2024

बिलासपुर// छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 2 दिन पहले स्कूल के प्राचार्य की खून से सनी लाश उसके ही घर में मिली थी। रविवार को पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला कि, अप्राकृतिक कृत्य करने से नाराज युवक ने प्रिंसिपल को मौत के घाट उतार दिया।

मृतक मनोज कुमार चंद्राकर (40 साल) चिल्हाटी स्थित हाउंसिग बोर्ड कॉलोनी में रहते थे। जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा विकासखंड के डोंगरी स्कूल में प्रभारी प्राचार्य के पद पर कार्यरत थे। रेलवे स्टेशन में उनकी पहचान आरोपी से हुई थी।

वारदात से पहले हुई पार्टी

आरोपी हरीश कुमार पैकरा (24 साल) बलौदाबाजार का रहने वाला है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मृतक मनोज चन्द्राकर से उसकी पहचान 23 दिसंबर को बिलासपुर रेलवे स्टेशन में हुई थी।

दोनों के बीच दोस्ती होने पर मृतक मनोज चन्द्राकर ने आरोपी हरीश पैकरा को 24 दिसंबर को अपने घर पर पार्टी करने बुलाया था। दोनों ने चिल्हाटी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के मकान नंबर 39 में चिकन खाया और शराब पी।

प्राचार्य के शव को बाहर निकालकर ले जाते हुए।

प्राचार्य के शव को बाहर निकालकर ले जाते हुए।

सिर पर तवा मारकर हत्या की

प्रिंसिपल मनोज कुमार चन्द्राकर ने नशे की हालत में आरोपी हरीश पैकरा से अप्राकृतिक कृत्य किया। इससे नाराज होकर हरीश ने घर के किचन में रखे तवे से मनोज के सिर पर वार कर दिया हत्या कर दी। 2 दिन तक सूने मकान में लाश खून से लथपथ पड़ी रही।

2 दिन से नहीं उठा रहा था फोन

प्राचार्य की पत्नी और बच्चे परिचित के यहां गए हुए थे। दो दिन से उनकी पत्नी उनके मोबाइल पर कॉल कर रही थी, लेकिन कॉल रिसीव नहीं कर रहे थे। गुरुवार की सुबह भी उन्हें कॉल किया। फोन रिसीव नहीं होने से परेशान होकर उनकी पत्नी अपने भाई को लेकर शाम को घर पहुंची, तब घटना की जानकारी हुई।

मनोज कुमार चंद्राकर की मौत की खबर के बाद मौके पर पहुंचे परिजन।

मनोज कुमार चंद्राकर की मौत की खबर के बाद मौके पर पहुंचे परिजन।

दरवाजा खुला था और कमरे में लाश पड़ी थी

26 दिसंबर गुरुवार की देर शाम उनकी पत्नी घर पहुंची, तब दरवाजा खुला हुआ था। अंदर जाने पर कमरे में लाश पड़ी हुई थी। शव पुराना होने के कारण तेज बदबू भी आ रही थी। इसके बाद मौके पर पहुंचे मोपका चौकी प्रभारी संजीव ठाकुर ने सरकंडा टीआई निलेश पांडेय सहित अफसरों को इस घटना की जानकारी दी।

संपत्ति बेच कर बनाया था मकान

पूछताछ में पता चला है कि मृतक मनोज चंद्राकर ने गांव की अपनी संपत्ति बेचकर चिल्हाटी के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मकान बनाया था। यहां वे अपने परिवार के साथ रहते थे। कुछ दिन पहले ही पत्नी और बच्चों को बलौदा के जर्वे गांव छोड़कर आया था।

प्रिंसिपल 19 दिसंबर को अपने परिवार सहित मूल निवास बिरगहनी थाना बलौदा गया था। वह बैंक में जरूरी काम होने का हवाला देकर 22 दिसंबर को अकेले लौटा था, जिसे पड़ोसियों ने अंतिम बार 24 दिसंबर की शाम देखा था। छानबीन में पुलिस को पता चला कि मनोज कुमार चंद्राकर 24 दिसंबर की शाम अपनी बाइक से अज्ञात व्यक्ति के साथ चिल्हाटी के मकान में आया था।

पुलिस ने आरोपी को डोंगरगढ़ से पकड़ा

पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति की तलाश के लिए चिल्हाटी से बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, कोरबा, अंबिकापुर, रायपुर की ओर जाने वाले रास्ते पर लगे लगभग 300 सीसीटीवी कैमरों की जांच की। इनपुट के आधार पर आरोपी हरीश पैकरा पर संदेह होने पर उसकी खोजबीन की गई।

पुलिस ने आरोपी को राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ से पकड़ा। वह महाराष्ट्र भागने की फिराक में था। पूछताछ में आरोपी ने पूरी कहानी बताई और प्रिंसिपल की हत्या करना स्वीकार किया।