छत्तीसगढ़ मिलर्स एसोसिएशन और अफसर खा गए 140 करोड़:प्रति क्विंटल लेते थे 20-100 रुपए; कारोबारी बोले-हर काम के लेते थे पैसे..

Last Updated on 10 months by City Hot News | Published: January 30, 2024

रायपुर// छत्तीसगढ़ में ED ने कस्टम मिलिंग स्कैम में मार्कफेड के पूर्व MD मनोज सोनी सहित 5 पर FIR दर्ज कराई है। आरोप है कि 140 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई। इसमें अफसरों से लेकर मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी तक शामिल हैं।

जांच में पता चला है कि एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर लेवी वसूलते और अफसरों को जानकारी देते। जिनसे रुपए नहीं मिलते उनका भुगतान रोक दिया जाता। कारोबारियों के अनुसार, अफसरों को हर काम का पैसा देने पड़ता था।

विधानसभा में भी बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा कहा था कि, कस्टम मिलिंग में प्रति टन 20 रुपए वसूली की जाती है। ACB अफसरों के मुताबिक, आरोपी अफसरों और मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।

15 माह से चल रहा था पूर्व एमडी का खेल

कारोबारियों के अनुसार, मनोज सोनी और उनके सहयोगियों का खेल 15 माह से चल रहा था। इसके लिए पूरी टीम बनाई गई थी। टीम में मॉर्कफेड के अफसर और छत्तीसगढ़ स्टेट इन मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी भी शामिल थे।

आरोप है कि, कस्टम मिलिंग, डीओ काटने, मोटा धान को पतला, पतले धान को मोटा करने, एफसीआई को नान में कंवर्ट करने का पैसा लिया जाता था।

इस काम की लगती थी इतनी राशि

कामराशि
कस्टम मिलिंग (प्रति क्विंटल)20 रुपए
डीओ काटने का100 रुपए
मोटा धान को पतला धान रिपोर्ट देने (प्रति क्विंटल)100 रुपए
पतले धान को मोटा धान बताने की रिपोर्ट (प्रति क्विंटल)100 रुपए
FCI से नॉन में कंवर्ट करने की रिपोर्ट (प्रति क्विंटल)100 रुपए

इस तरह बनाया गया था वसूली का सिस्टम

ED की जांच में यह पाया गया कि, तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को मनोज सोनी ने दहन चंद्राकर के माध्यम से निर्देश दिया था। इसमें कहा गया था कि उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है, जिन्होंने वसूली की राशि रोशन चंद्राकर को दे दी है।

किन राइस मिलर्स को भुगतान किया जाना है, इसकी जानकारी संबंधित जिले के राइस मिलर्स एसोसिएशन के जरिए प्राप्त होती थी। रोशन चंद्राकर जिन मिलर्स की जानकारी प्रीतिका को देते थे, उनका भुगतान करके शेष मिलर्स की राशि रोक दी जाती थी।

अक्टूबर 2023 को छापा मारा था ED की टीम ने

20 अक्टूबर 2023 को ED ने छापा मारा था। ED ने अपने ऑफिशियल X अकाउंट पर लिखा कि, 20-21 अक्टूबर को मार्कफेड के पूर्व MD, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स संगठन के कोषाध्यक्ष और कुछ सदस्यों, राइस मिलर्स और कस्टम मिलिंग से जुड़े लोगों के घर पर जांच की गई।

चावल घोटाले से जुड़ी इस जांच में कई संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 1 करोड़ 6 लाख कैश मिला। ED ने इनकम टैक्स की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की। इस जांच के बाद ED की स्थानीय टीम ने प्रतिवेदन दिया और उसके बाद एफआईआर हुई।

BJP विधायक शिवरतन शर्मा ने विधानसभा में उठाया था मुद्दा

6 मार्च 2023 को विधानसभा में बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कस्टम मिलिंग में प्रति टन 20 रुपए वसूली का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जो मिलर्स वसूली देते है, उनको ही भुगतान होता है। इसके बाद तत्कालीन मंत्री मोहम्मद अकबर ने सबूत मांगा था और सदन में जमकर हंगामा हुआ था।

फोर्टिफाइड राइस के भुगतान पर भी वसूली का आरोप

राइस मिलर्स ने फोर्टिफाइड राइस का भुगतान करने पर पैसे मांगने का आरोप लगाया था। उनके अनुसार, केंद्र सरकार ने PDS के जरिए गरीबों को दिए जाने वाले अनाज की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए फोर्टिफाइड राइस की मात्रा बढ़ाने का आदेश दिया था।

सरकार के आदेश के मुताबिक, FCI और नागरिक आपूर्ति निगम में जमा होने वाले चावल में एक प्रतिशत फोर्टिफाइड राइस कर्नेल होना चाहिए। 99 किलो सामान्य चावल का पैमाना तय किया गया था। आरोप है कि इसमें कमीशनखोरी और घूसखोरी का खेल चला।

अक्टूबर में ईडी ने कई अफसरों और राइस मिलर्स के ठिकानों पर छापा मारा था।

अक्टूबर में ईडी ने कई अफसरों और राइस मिलर्स के ठिकानों पर छापा मारा था।

कमीशन के लिए जारी किया था फरमान

छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स ने बताया कि पहले मिलर अपनी सहूलियत और भाव के मुताबिक राज्य के किसी भी जिले से फोर्टिफाइड राइस उठा सकता था। FCI के अफसरों ने इसे खत्म करते हुए केवल अपने ही जिलों से फोर्टिफाइड राइस लेने का तुगलकी फरमान ज़ारी कर दिया।

इस फरमान के बाद से ही फोर्टिफाइड राइस की कीमतों में भी मनमानी बढ़त दर्ज की गई। इस बढ़ी हुई कीमत से ही FCI अफसर तक घूस की रकम पहुंचाई जा रही थी, हालांकि मिलर्स के दबाव के बाद इस आदेश को वापस लिया गया।

क्या है फोर्टिफाइड राइस

फोर्टिफाइड राइस एक कृत्रिम पोषणयुक्त चावल है। इसमें आम चावल की तुलना में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड की मात्रा अधिक है। इसके अलावा जिंक, विटामिन ए, विटामिन बी वाले फोर्टिफाइड राइस भी विशेष तौर पर तैयार किए जा सकते हैं।

फोर्टिफाइड राइस को आम चावल में मिलाकर खाया जाता है। ये देखने में बिल्कुल आम चावल जैसे ही लगते है, इनका स्वाद भी बेहतर होता है।

2021-2022 का रोका गया भुगतान

प्रदेश के राइस मिलर्स के अनुसार करोड़ों रुपए का भुगतान भी एफसीआई के अफसरों ने रोक रखा है। दरअसल केंद्र सरकार से बनाए गए सिस्टम के मुताबिक फोर्टिफाइड राइस के भुगतान का जिम्मा एफसीआई के हाथों में है। जिसके चलते भुगतान के लिए हर टेबल में चढ़ावा देना होता है।

अपना भुगतान मांगे जाने पर मिलर्स से फोर्टिफाइड राइस पर प्रति किलो 6 से 7 रुपए की घूस मांगी जा रही है। 2021-22 में किसानों से समर्थन मूल्य पर 97 लाख 97 हजार 122 मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी।

राज्य में 2020-21 में 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। साल 2021-22 में 21,77,283 किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा था, जो बीते वर्ष धान बेचने वाले 20,53,600 किसानों की संख्या से 1,23,683 अधिक थी।

सरकार बदलते ही बदला नियम

छत्तीसगढ़ स्टेट इन मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि पूर्व सरकार में हर चीज का कमीशन देना पड़ता था। एसोसिएशन में पदाधिकारी बदलने के बाद और प्रदेश में सरकार बदलने के बाद अब बेवजह भुगतान नहीं करना पड़ रहा है।

सिस्टम में सुधार किया गया है, साथ ही विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली में भी परिवर्तन आया है। मिलर्स ने यह भी आरोप लगाया है, कि घोटाला की राशि 140 करोड़ से ज्यादा की है।

ACB अफसरों के मुताबिक, पूर्व MD सहित अन्य आरोपियों तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा, मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कैलाश रूंगटा, उपाध्यक्ष पारसमल चोपड़ा और कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर की गिरफ्तारी जल्द होगी।