CG कांग्रेस जल्द चुनेगी विधायक दल का उपनेता:उमेश पटेल समेत 3 विधायकों के नाम पर चर्चा, सचेतक की भी होगी नियुक्ति..

रायपुर// छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने अपने विपक्ष का नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को चुन लिया है। अब चर्चा है कि जल्द ही कांग्रेस विधायक दल के लिए एक उपनेता के नाम की घोषणा करने वाली है। नागपुर में महारैली के बाद उपनेता के नाम को लेकर चर्चा होगी।
कांग्रेस ने इससे पहले भी विपक्ष में रहते हुए पिछले तीन बार भी उपनेता बनाए थे। माना जा रहा है कि अब आगामी विधानसभा के बजट सत्र के पहले ही यह नियुक्ति कर दी जाएगी। उपनेता के अलावा विधायक दल के लिए सचेतक की भी नियुक्ति होगी।

कांग्रेस विधायक उमेश पटेल
इन नामों को लेकर चर्चा
कांग्रेस पार्टी में उपनेता के लिए उमेश पटेल, वरिष्ठ विधायकों में भोलाराम साहू और दलेश्वर साहू के नामों को लेकर चर्चा है। उपनेता की दौड़ में में उमेश का नाम सबसे आगे चल रहा है। संभावना है कि इनके नाम को लेकर सहमति बन सकती है। पटेल का नाम नेता प्रतिपक्ष के लिए चर्चा में था।
प्रभारी विधायकों से कर सकते हैं चर्चा
कांग्रेस विधायक दल में उपनेता को लेकर अंदरूनी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक विधायकों से रायशुमारी के बाद पूर्व प्रभारी कुमारी सैलजा ने नेता प्रतिपक्ष के लिए विधायकों का मन टटोला था। अब प्रभारी बदलने के बाद नए प्रभारी महासचिव सचिन पायलट भी विधायकों से औपचारिक चर्चा कर सकते हैं।

पीसीसी चीफ दीपक बैज के साथ कांग्रेस नेताओं की बैठक (फाइल फोटो)
अब तक ये रहे उपनेता
कांग्रेस पार्टी अब तक 3 बाद विपक्ष में रही है। तीनों बार नेता प्रतिपक्ष के साथ-साथ उपनेता भी चुना गया था। इनमें वर्ष 2003 में भूपेश बघेल, वर्ष 2008 में रामपुकार सिंह और 2013 में रेणु जोगी को उपनेता बनाया गया था।

छत्तीसगढ़ विधानसभा
2 सचेतक की होगी नियुक्ति
उपनेता के अलावा मुख्य सचेतक और सचेतक की भी नियुक्ति किया जाना है। सदन में पार्टी व्हिप जारी करने की स्थिति में सचेतकों की भूमिका होगी। किसी राजनैतिक दल में सचेतक (ह्विप) वो व्यक्ति होता है जो उस दल में अनुशासन बनाये रखने की जिम्मेदारी जिसके पास होती है।
कांग्रेस के पास 35 विधायक
2023 विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के पास वैसे तो 35 विधायक हैं, लेकिन इनमें से 14 विधायक पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं। बाकी 21 में आधे से ज्यादा दूसरी बार विधायक बने हैं।
भाजपा, कांग्रेस को मिली इतनी सीटें
कांग्रेस पार्टी को इस बार कुल 35 विधानसभा सीटों में जीत हासिल हुई है। वहीं भाजपा ने 54 सीट पर जीत दर्ज की। जबकि गोंगपा ने एक सीट जीती।