
दिव्यांग ललिता हो या साधमति, सबके जीवन में आई खुशहाली की प्रगति..16 लाख रूपए से अधिक के वर्मी खाद और केंचुआ बेचकर बनी आर्थिक रूप से सक्षम…
कोरबा(CITY HOT NEWS)/ शहर से लगभग 70 किलोमीटर दूर वनांचल गांव है चिर्रा। आदिवासी बाहुल्य इस गांव की महिलाएं आसपास के जंगलों से वनोपज संग्रहित कर कुछ रूपए जोड़ तो लेती थी, लेकिन बचत से उनका नाता नहीं जुड़ पाया था। वे चाहती तो थी कि कुछ ऐसा काम करें कि उन्हें कुछ ज्यादा पैसे…