कोरबा NTPC भू-विस्थापितों से कर रही तानाशाही: प्रदर्शनकारी बोले- प्रबंधन के खिलाफ अनिश्चितकालीन आमरण अनशन, यहां फूट डालो शासन करो नीति है…

Last Updated on 10 months by City Hot News | Published: February 3, 2024

  • कोरबा एनटीपीसी भू-विस्थापितों पर तानाशाही कर रही है

कोरबा// कोरबा के NTPC भूविस्थापितों ने तानसेन चौक पर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन के संबंध में प्रेस वार्ता कर जानकारी दी। भू-विस्थापित नौकरी और शेष मुआवजे की मांग कर रहे हैं। भू-विस्थापितों का कहना है कि कोरबा एनटीपीसी और जिला प्रशासन झूठी और भ्रामक आश्वासन के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे हैं।

नौकरी मुआवजा की लिखित में पत्र जारी नहीं करने पर एनटीपीसी के भू-स्थापित आमरण अनशन पर बैठे हैं। भू-स्थापित राजन कुमार पटेल घसियारामकेवट मथुरा कुमार केवट रामायण प्रसाद केवट शुभम केवट के द्वारा आमरण अनशन पर हैं।

1978-79 में ग्राम चारपारा की भूमि एनटीपीसी ने भू-अर्जन बिलासपुर के माध्यम से अधिग्रहण किया था। 1980 से 1986 तक की शेष मुआवजा एनटीपीसी कोरबा के द्वारा भू अर्जन अधिकारी बिलासपुर और कोरबा भू-अर्जन अधिकारी ने ग्राम चारपारा के कुछ किसानों को शेष मुआवजा नहीं दिया है।

ग्राम चारपारा की संपूर्ण जमीन लगभग 1000 एकड़ भूमि को कोरबा एनटीपीसी के द्वारा अधिग्रहण किया था।650 एकड़ भूमि का मुआवजा दिया गया है, बाकी शेष भूमि का मुआवजा बाकी है। 4 सितंबर 1979 में आम सूचना जारी अनुसार प्रत्येक परिवार को क्रमिक रूप से रोजगार प्रदान किया जाएगा।

22,01,1981 में बिलासपुर कलेक्टर के द्वारा अभिलंब नौकरी देने के लिए एग्रीमेंट किया। इसके अनुसार अनुसार और एनटीपीसी प्रबंधक 1987 में आम सूचना अनुसार सीपत बिलासपुर के 33 भूविस्थापितों को ट्रेनिंग कराकर भर्ती किया। एनटीपीसी कोरबा में इसके अनुसार और महामहिम राज्यपाल के द्वारा आदेश किया गया।

पूर्व कलेक्टर संजीव कुमार झा के द्वारा मौखिक में बोला गया पात्रता रखते हैं तो नौकरी प्रदान की जाएगी मौखिक में बोला गया जमीन को जांच किया जाएगा थोड़ा जटिल मामला है पूर्व कलेक्टर सौरभ कुमार के द्वारा मौखिक में बोला गया कि अगर आपकी जमीन बच्चा है तो मैं बिल्डिंग तुड़वा करके दिलवाऊंगा मुआवजा इन मौखिक का कोई स्वयं प्रशासन महत्व नहीं रखते पदभार में दूसरा कलेक्टर आते हैं दूसरा नया ढंग से करते हैं