कुसमुंडा GM कार्यालय पर भू-विस्थापितों का कब्जा:कोरबा में किसान सभा ने कहा- रोजगार के लिए जारी रहेगा आंदोलन

Last Updated on 10 months by City Hot News | Published: January 16, 2024

कोरबा// छत्तीसगढ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेतृत्व में खनन प्रभावित ग्रामीणों ने लंबित रोजगार प्रकरणों को निराकृत करने की मांग को लेकर कुसमुंडा जीएम कार्यालय के अंदर कब्जा कर लिया और धरना में बैठ गए। इस आंदोलन में महिलाएं भारी संख्या में शामिल हैं।

आंदोलनकारी ग्रामीणों ने दोपहर का भोजन भी पंगत में बैठकर कार्यालय के अंदर ही किया। भू-विस्थापितों का कब्जा आंदोलन शुरू हो गया है। जीएम कार्यालय के अंदर गलियारे में ही भू-विस्थापितों ने पंगत में बैठकर भोजन किया।

महिलाओं ने भी सामूहिक कार्यालय में भोजन किया।

महिलाओं ने भी सामूहिक कार्यालय में भोजन किया।

आंदोलनकारियों को समझाया गया

ग्रामीणों और भू-विस्थापितों के इस तरह प्रदर्शन से कोयला प्रबंधन और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। आंदोलनकारियों को समझाया गया, लेकिन वे कार्यालय छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।

हजारों एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया

कोयला उत्खनन के लिए इस क्षेत्र में स्थाई नौकरी देने और बुनियादी मानवीय सुविधाओं के साथ पुनर्वास देने के वादे के साथ 40-50 वर्ष पहले हजारों एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था, लेकिन एसईसीएल ने यह वादा पूरा नहीं किया। तब से लेकर आज तक ग्रामीण रोजगार और पुनर्वास के लिए भटक रहे हैं।

कुसमुंडा कार्यालय के सामने 800 दिनों से उनका अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है।

कुसमुंडा कार्यालय के सामने 800 दिनों से उनका अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है।

कार्यालय बंदी तक कई जुझारू आंदोलन

कुसमुंडा कार्यालय के सामने 800 दिनों से उनका अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। खदान बंदी से लेकर चक्काजाम और कार्यालय बंदी तक कई जुझारू आंदोलन हुए हैं, लेकिन हर बार प्रबंधन द्वारा उन्हें आज या कल तक कार्यवाही का आश्वासन ही मिला है।

कुसमुंडा कार्यालय में भू-स्थापितों ने किया सामूहिक भोजन।

कुसमुंडा कार्यालय में भू-स्थापितों ने किया सामूहिक भोजन।

खिलाफ आंदोलन और तेज किया जाएगा

किसान सभा नेता का कहना है कि जमीन किसानों का स्थाई रोजगार का जरिया होता है। सरकार ने जमीन लेकर किसानों की जिंदगी के एक हिस्से को छीन लिया है। इसलिए जमीन के बदले पैसा और ठेका नहीं, छोटे-बड़े सभी खातेदार को स्थाई नौकरी देना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है। इसके खिलाफ आंदोलन और तेज किया जाएगा।

ग्रामीणों ने खदान में किया प्रदर्शन।

ग्रामीणों ने खदान में किया प्रदर्शन।

आंदोलनकारियों ने दो घंटे तक खदान बंद रखा

जीएम कार्यालय में घुसने से पहले आंदोलनकारियों ने दो घंटे तक खदान बंद रखा।वहीं घटना की सूचना मिलते ही एसईसीएल के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचे।कुसमुंडा थाना पुलिस को सूचना दी गई। जहां कुसमुंडा थाना प्रभारी मनीष नागर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।