नगर निगम में आत्मदाह की कोशिश: 7 साल से दुकान की प्रीमियम राशि नहीं दी, जब अधिकारियों ने दिखाई सख्ती; तो खुद पर डाला पेट्रोल…

Last Updated on 11 months by City Hot News | Published: January 6, 2024

राजनांदगांव// राजनांदगांव जिले में नीलामी में खरीदी गई दुकानों का कब्जा दूसरों को देने का आरोप लगाकर एक व्यक्ति ने नगर निगम परिसर में आत्मदाह का प्रयास किया। पहले वो अपनी समस्या लेकर निगम के राजस्व कार्यालय में पहुंचा, लेकिन जब उसे संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो वह छत पर चढ़ गया और खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की।

इस बीच हंगामा देखकर आसपास के कर्मचारी छत पर पहुंचे। उन्होंने उसे आग लगाने से रोका और समझाइश देकर नीचे लाए। जानकारी के मुताबिक, मयूर भोजानी ने 7 साल पहले निगम की दुकान नीलामी में हिस्सा लिया। यहां उसने अपनी और अपने कुछ साथियों के नाम पर 6 दुकानें खरीदीं।

मौके पर सिटी कोतवाली पुलिस भी पहुंची थी।

मौके पर सिटी कोतवाली पुलिस भी पहुंची थी।

दुकान खरीदने के बाद नहीं मिला कब्जा

मयूर का आरोप है कि दुकान खरीदने के बाद भी उन्हें कब्जा नहीं दिया गया, हालांकि लंबे समय से उन्होंने प्रीमियम की राशि जमा नहीं की, लेकिन अब जब राशि जमा करने पहुंच रहे हैं, तो उनसे राजस्व अमला राशि लेने को तैयार नहीं हो रहा है। इससे उनकी पहले जमा की गई राशि के भी डूबने की आशंका है।

व्यक्ति ने नगर निगम पर लगाए आरोप

मयूर ने आरोप लगाया कि जिन दुकानों को उन्होंने नीलामी में खरीदा था, निगम उसे गुपचुप ढंग से दूसरों को आवंटित कर रहा है। कुछ दुकानों पर ताला जड़ दिया गया है, कुछ पर दूसरे कब्जा कर रहे हैं। इसी से परेशान होकर उन्होंने आत्मदाह की कोशिश की।

मयूर भोजानी पूरी योजना के साथ पेट्रोल की केन लेकर निगम दफ्तर पहुंचे थे।

मयूर भोजानी पूरी योजना के साथ पेट्रोल की केन लेकर निगम दफ्तर पहुंचे थे।

मयूर भोजानी पूरी योजना के साथ पेट्रोल की केन लेकर निगम दफ्तर पहुंचे। पहले उन्होंने कुछ पार्षदों के सामने अपनी बात रखी। इसके बाद राजस्व विभाग में गए, लेकिन जब उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिली, तो वे पेट्रोल से भरे केन को लेकर राजस्व बिल्डिंग की छत पर चढ़ गए।

उन्होंने पहले खुद पर पेट्रोल डाल लिया, फिर आग लगाने की बात कहकर चिल्लाने लगे। उन्हें देखकर कर्मचारी तत्काल छत पर चढ़े और उन्हें नीचे उतारा। इस बीच सिटी कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने उनकी पेट्रोल से भीगी हुई शर्ट उतारी और आयुक्त कार्यालय से बाहर लेकर आए।

मयूर ने कहा कि उनकी खरीदी दुकानों को दूसरों को बेचा जा रहा है। यह नियम विपरीत है। उनके और उनके साथियों के नाम पर खरीदी सभी दुकानों की प्रीमियम राशि वह जमा करना चाहते हैं। इसके लिए राशि लेकर भी निगम में पहुंचे थे, लेकिन अब राजस्व अमला उन्हें बकाया राशि की पूरी जानकारी नहीं दे रहा है। उन्हें किसी तरह का नोटिस भी नहीं दिया गया और अब दुकानें फिर से आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह सीधे तौर पर उनके साथ अन्याय है।

जिनके नाम पर दुकानें आवंटित हैं, उन्हें दिया गया है नोटिस

इधर नगर निगम आयुक्त अभिषेक गुप्ता ने बताया कि मयूर भोजानी के नाम पर कोई दुकान आवंटित नहीं है। इसके चलते वह दुकान खरीदने वाली फर्स्ट पार्टी नहीं हैं। जिनके नाम पर दुकानें आवंटित हैं, उन्हें लगातार प्रीमियम राशि जमा करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इसके बाद भी 7 साल से प्रीमियम की राशि जमा नहीं की गई है।

ऐसे मामलों को लेकर निगम ने शक्ति दिखाई है और लंबे समय से लाखों रुपए का प्रीमियम जमा नहीं करने वालों का आवंटन निरस्त किया जा रहा है। ऐसी कार्रवाई कई दुकानों में की गई है। जो दुकान या वास्तविक खरीदार हैं, वे सामने आएं, तो इस मामले में आगे की बात होगी।