हाईकोर्ट के CJ ने DRM को सुनाई खरी-खोटी: कहा- लोगों की परेशानी से वास्ता है या नहीं; ऑफिस से निकलकर देखें रेलवे स्टेशन के हालात…

Last Updated on 11 months by City Hot News | Published: January 6, 2024

बिलासपुर// बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर ड्रॉप एंड गो में बैरियर लगाकर ठेकेदार की अवैध वसूली को लेकर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने जमकर नाराजगी जताई। मामले की सुनवाई के दौरान DRM का जवाब पढ़कर नाराज चीफ जस्टिस ने कहा कि इतना बड़ा रेलवे स्टेशन चला रहे हो, हजारों यात्रियों का आना-जाना है, उनसे कोई मतलब है या नहीं।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर मनमानी चल रही है, कहां है DRM? ऑफिस से निकलकर रेलवे स्टेशन जाकर देखें कि क्या हालात है। यहां कोई सिस्टम है या नहीं।

दरअसल, शुक्रवार को रेलवे की अव्यवस्था को लेकर मीडिया की खबर को जनहित याचिका मानने वाली केस की सुनवाई चल रही थी। इस दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के बिलासपुर डीआरएम की तरफ से शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत किया गया।

इसमें DRM ने कहा है कि समाचार प्रकाशित करने वाले संपादक को पत्र लिखा गया है। जिसमें ड्रॉप एंड गो में जबरिया वसूली संबंधी 59 रुपए की रसीद मांगी गई है। रसीद मिलने पर ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी। यह जवाब पढ़कर चीफ जस्टिस बेहद नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि DRM क्या कर रहे हैं? ऑफिस से निकलकर देखें रेलवे स्टेशन के हालात।

जनता के प्रति उनकी कोई जिम्मेदारी है या नहीं? 59 रुपए के लिए अखबार से प्रूफ मांग रहे हैं। अखबार में प्रकाशित खबर पर्याप्त नहीं है क्या? आपकी क्या ड्यूटी बनती है। कानून-व्यवस्था और तय किए गए प्रावधान को मजाक बनाकर रख दिया है आप लोगों ने। सिस्टम नाम की कोई चीज है भी या नहीं?

हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद रेलवे अफसरों ने लगवाया है प्रीमियम पार्किंग का बोर्ड।

हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद रेलवे अफसरों ने लगवाया है प्रीमियम पार्किंग का बोर्ड।

हाईकोर्ट ने सुनवाई की, तो दिखावे के लिए निरीक्षक को किया सस्पेंड

इस मामले की प्राथमिक सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने रेलवे के DRM को शपथपत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद आनन-फानन में रेलवे के अफसरों ने दिखावे के लिए वाणिज्य निरीक्षक को सस्पेंड कर दिया। साथ ही ठेकेदार पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया। DRM के जवाब में इसका भी जिक्र किया गया था।

सिस्टम पर सवाल उठाते हुए नाराज हुए चीफ जस्टिस

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि रेलवे है, अस्पताल है, यहां लोग किस तरह की अव्यवस्था से गुजर रहे हैं, कितनी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस बात की चिंता आप लोगों को है भी या नहीं। न तो रेलवे की व्यवस्था सुधर रही है और न ही अस्पताल की। यहां सिस्टम नाम की कोई चीज ही नहीं रह गई है। लोगों को सुविधा मुहैया कराने के बजाय परेशानी ही खड़ी करते रहेंगे क्या? ऐसा काम क्यों करते हैं, जिससे लोगों की परेशानी बढ़े।

क्या है पूरा मामला

जोनल स्टेशन बिलासपुर में रेलवे के साइकिल स्टैंड पर ठेकेदार ड्रॉप एंड गो में बैरियर लगाकर जबरिया पैसे वसूल कर रहा है। इसके लिए ठेकेदार ने गुर्गे भी लगाए हैं, जो ड्रॉप एंड गो में शुल्क नहीं देने पर लोगों से बदसलूकी करते हैं। इसमें रेलवे प्रशासन की मिलीभगत होने की भी बात कही जा रही है, जिसके चलते ठेकेदार बेखौफ वसूली करता है। अखबार में प्रकाशित खबर को हाईकोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है।

ठेकेदारों के लिए बाइक में चेन लगातार RPF के जवान करते हैं गुर्गे का काम। (फाइल फोटो)

ठेकेदारों के लिए बाइक में चेन लगातार RPF के जवान करते हैं गुर्गे का काम। (फाइल फोटो)

लोग कहें अच्छा है, तब आपका काम बेहतर होगा

जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने अव्यवस्था को तत्काल सुधारने और लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। रेलवे के अफसरों से कहा कि सिस्टम को दुरुस्त करिए। सिस्टम दुरुस्त होने की बात आप नहीं लोगों की जुबानी से होनी चाहिए। लोग कहें अच्छा है, तब समझिए आपका काम वाकई अच्छा है। हमें ऐसी ही व्यवस्था चाहिए, समझ रहे हैं ना।