प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला को नहीं मिली मदद: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लटक रहा था ताला, अस्पताल के शेड के नीचे कराई गई डिलीवरी…

Last Updated on 12 months by City Hot News | Published: December 11, 2023

बलरामपुर-रामानुजगंज// बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के बरतीकला गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को लेकर जब परिजन तड़के कड़ाके की ठंड में स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, यहां तो ताला बंद था।

वहीं जिम्मेदार स्टाफ को काफी फोन लगाया गया, उसके बाद भी मदद नहीं मिली। इस बीच मजबूर होकर मितानिन के सहयोग से अस्पताल परिसर में बने शेड में ही महिला की डिलीवरी कराई गई। उसके बाद सुबह जब अस्पताल प्रबंधन जागा, तो प्रसूता और उसके नवजात को बेड पर शिफ्ट किया गया।

वाड्रफनगर विकासखंड के बरतीकला गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

वाड्रफनगर विकासखंड के बरतीकला गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

जानकारी के अनुसार, बरतीकला गांव के रहने वाले शिव प्रसाद देवांगन की बहू गर्भवती थी। उसे रविवार शाम को परिजन डॉक्टर को दिखाने आए थे, तो डॉक्टर ने घर जाने के लिए कह दिया। डॉक्टर ने कहा कि अभी डिलीवरी का समय नहीं आया है। इसके बाद परिजन उसे लेकर घर चले गए। सोमवार तड़के महिला को प्रसव का दर्द होने लगा, जिसके बाद उसे स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। यहां पर ताला बंद होने के कारण काफी देर तक परिजन परेशान होते रहे। काफी फोन लगाने के बाद भी स्वास्थ्य केंद्र के जिम्मेदार स्टाफ मौके पर नहीं पहुंचे। इसके बाद मितानिन के सहयोग से अस्पताल परिसर में बने शेड में डिलीवरी कराई गई।

जब गर्भवती महिला को लेकर परिजन पहुंचे, तो अस्पताल बंद मिला।

जब गर्भवती महिला को लेकर परिजन पहुंचे, तो अस्पताल बंद मिला।

इसके बाद जब सुबह 8 बजे अस्पताल प्रबंधन के लोग पहुंचे, तब जाकर जच्चा-बच्चा को बेड पर शिफ्ट किया गया। परिजन शिव प्रसाद देवांगन ने बताया कि बीती रात अस्पताल में पहुंचकर हमने अपनी बहू की जांच कराई थी, लेकिन डॉक्टर ने समय पूरा नहीं होने की बात कहकर घर भेज दिया। सोमवार सुबह 4 बजे प्रसव पीड़ा होने लगी, जिसके बाद बहू को लेकर बरतीकला स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। मितानिन की मदद से डिलीवरी जरूर कराई गई, लेकिन कोई समस्या होने पर जान को भी खतरा हो सकता था।

इस पूरे मामले में विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर शशांक गुप्ता ने कहा कि अगर ऐसी लापरवाही बरती गई है, तो संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अभी तक मेरे पास इसकी कोई लिखित शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।