
बांस की टोकरी नहीं बिकती तो महतारी वंदन योजना की राशि बनती है मददगार
कोरबा ///विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय से आने वाली बिरहोर सुनिता परम्परागत व्यवसाय से जुड़ी हुई है। वह बांस लाकर टोकरियां बनाती है। पति के सहयोग से सूपा, पर्रा, दौरी सहित अन्य घरेलू सामग्री बनाती है। बांस से बनी सामग्रियों को बेचने से जो आमदनी होता है उसी से ही सुनिता का घर चलता है। चूंकि…