कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा में स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट स्कूल छुरा की छात्रा ने प्रदेश में हासिल किया छठवां स्थान..

Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: May 10, 2023

  • गरीबी भी नही बनी बाधा, ऋतु ने रोज 12 किलोमीटर साइकिल चलाकर तय की मेरिट लिस्ट का सफर
  • शासन की निःशुल्क और सर्व सुविधा युक्त स्वामी आत्मानंद स्कूल के साथ माता पिता और शिक्षकों के मार्गदर्शन ने ऋतु को मेरिट में जगह बनाने में किया मदद


गरियाबंद (CITY HOT NEWS)// / दृढ़ निश्चय, आत्मविश्वास, मेहनत और लगन के साथ किए जाने वाले कार्यों में निश्चित ही सफलता मिलती है। इसका साक्षात उदाहरण आदिवासी और वनांचल बहुल गरियाबंद जिले की बेटी ऋतु बंजारे ने प्रस्तुत किया है। ऋतु के दृढ़ निश्चय और सफलता की ललक ने सभी मौसम को नतमस्तक होने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने साल के सभी मौसम धूप, बारिश, ठंड में भी रोज 12 किलोमीटर साइकिल चलाकर स्कूल जाकर कक्षा 12वीं में मेरिट लिस्ट का सफर तय किया है। जिले के छुरा ब्लाक के ग्राम खैरझिटी के किसान लक्ष्मण बंजारे की पुत्री ऋतु ने कक्षा 12वीं में प्रदेश में छठवां स्थान हासिल कर मेरिट लिस्ट में जगह बनाई है। शिक्षक बनने के सपने को संजोकर दिन में 8-10 घंटे पढ़ाई करने वाली ऋतु ने 12वीं में 96.20 प्रतिशत अंक हासिल किया है। ऋतु स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल छुरा की छात्रा है। छुरा से उनका गांव खैरझिटी लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वह रोजाना 12 किलोमीटर दूरी तय कर स्कूल आना जाना करती थी। अपने गांव से अकेले साइकिल में छुरा जाने वाली ऋतु ने कभी भी गरीबी और साधन की कमी को अपने मन में हावी नहीं होने दिया। शासन के द्वारा निर्मित स्वामी आत्मानंद स्कूल की सर्व सुविधा युक्त पढ़ाई, माता-पिता के सहयोग और शिक्षकों के मार्गदर्शन ने हमेशा उन्हें बेहतर पढ़ाई कर उच्च स्थान हासिल करने के लिए प्रेरित किया।


          छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा बारहवीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम में छठवां स्थान हासिल करने वाली ऋतु ने बताया कि उनके पापा गांव में छोटे कृषक और उनकी माता आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। उनकी एक बहन और एक भाई हैं। उन्होंने बताया कि वह सुबह 4 बजे उठकर परीक्षा की तैयारी मेहनत और लगन के साथ करती थी। घर में माता पिता और स्कूल में शिक्षकों के मार्गदर्शन से वह प्रेरित होकर दिन में 8 से 10 घंटे तक पढ़ाई करती थी। ऋतु बताती है कि शासन ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल संचालित कर पढ़ाई में बहुत ज्यादा मदद किया है। स्कूल में उच्च स्तर की लाइब्रेरी, लैब, कुशल शिक्षकगण और पर्याप्त संसाधन मौजूद है। साथ ही स्वामी आत्मानंद स्कूल की निःशुल्क शिक्षा ने भी परिजनों पर फीस की चिंता दूर की। इन सभी सकारात्मक परिस्थितियों ने बेफिक्र होकर पढ़ने का बेहतर माहौल प्रदान किया। उन्होंने बताया कि वह शिक्षक बनना चाहती है। स्वामी आत्मानंद स्कूल की पढ़ाई ने उनके शिक्षक बनने के सपने को पूर्ण करने की दिशा में आगे बढ़ने में काफी मदद किया है। उन्होंने कक्षा 12वीं में मेरिट में स्थान प्राप्त करने पर अपने माता-पिता, गुरुजनों और शासन की स्वामी आत्मानंद स्कूल की योजना को श्रेय दिया है। साथ ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का धन्यवाद भी किया है, जिनके मंशा अनुसार खोले गए आत्मानंद स्कूल में पढ़ने का अवसर मिला। इसके परिणाम स्वरुप यह उपलब्धि हासिल कर पाई।