Bargad Ke Ped Ke Upay: वट सावित्री व्रत में बरगद की पूजा क्यों होती है, जानें बरगद के उपाय और लाभ
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: May 9, 2023
Vat Savitri Vrat 2023 Upay: ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को वटसावित्री का व्रत किया जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 19 मई 2023 दिन शुक्रवार को है। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है और महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा क्यों होती है और इसके उपाय क्या हैं…
19 मई दिन शुक्रवार को वट सावित्री का व्रत किया जाएगा, यह व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुखमय जीवन के लिए रखती हैं। हर वर्ष यह पर्व ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को किया जाता है। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए विधि विधान के साथ वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और पति की बरगद समान लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं। यह व्रत करवा चौथ के व्रत समान फलकारी माना गया है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके पूजा करती हैं और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि आखिर वट सावित्री व्रत में बरगद की पूजा क्यों होती है? आइए जानते हैं बरगद के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है और इसके क्या उपाय हैं…
बरगद के पेड़ की पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि बरगद के पेड़ की पूजा करने से लंबी आयु होती है और सभी तरह के कलह व संतापों से मुक्ति मिलती है। वहीं घर में सुख-समृद्धि आती है और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वट वृक्ष की जड़ में ब्रह्मा, तने में भगवान विष्णु और डालियों में देवों के देव महादेव निवास करते हैं। इसके अलावा पेड़ की शाखाएं, जो नीचे की तरफ लटकी रहती हैं, उनको मां सावित्री कहा जाता है। इसी वजह से बरगद के पेड़ की पूजा करने से त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और देवी सावित्री की कृपा बनी रहती है।
वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा
संतान प्राप्ति के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करना लाभकारी बताया गया है। मान्यता है ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को ही देवी सावित्री के पति वट वृक्ष के नीचे ही पुन: जीवित हुए थे। सावित्री देवी की निष्ठा और पति परायणता को देखकर यमराज ने सावित्री देवी के मृत पति को जीवनदान दिया था। तभी से मान्यता है कि जो भी पति की लंबी उम्र के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती है तो उसे भी सावित्री देवी की तरह अखंड सौभाग्य का आशिष मिलेगा। अपनी विशेषताओं और लंबे जीवन के कारण वट वृक्ष के अनश्वर माना गया है।
बरगद के इस उपाय से आर्थिक समस्या होती है दूर
आर्थिक समस्याओं से मुक्ति के लिए शुक्रवार के दिन बरगद के पेड़ का एक पत्ता लें, उसको गंगाजल से साफ करके हल्दी से स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद पत्ते को माता लक्ष्मी के पास रख दें और विधि विधान के साथ मां और पत्ते की पूजा करें। फिर उस पत्ते को धन के स्थान जैसे अलमारी या तिजोरी में रख दें और ऐसा 21 शुक्रवार करें। ऐसा करने से धन संबंधित समस्या खत्म हो जाएगी।
बरगद के इस उपाय से दूर होती हैं नौकरी संबंधित समस्याएं
लाख कोशिशों के बाद भी अच्छी नौकरी नहीं मिल रही है तो वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ के पत्ते पर अपनी समस्याएं लिखिए और रविवार के दिन पानी में प्रवाहित कर दें। वहीं शनिवार के दिन पेड़ की जड़ में हल्दी केसर मिलाकर अर्पित करें। ऐसा करने से नौकरी व व्यापार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है और धीरे-धीरे सभी समस्याओं का अंत हो जाता है।
बरगद के इस उपाय से व्यापार को होगा फायदा
कार्यस्थल पर विवाद या फिर बिजनस में किसी ना किसी वजह से नुकसान होता रहता है तो ज्येष्ठ अमावस्या यानी वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ के नीचे 5 घी के दीपक जलाएं। ऐसा करने से बिजनस में फायदा होगा और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
बरगद के इस उपाय से खत्म होता है विवाद
घर में किसी ना किसी वजह से लड़ाई झगड़ा होता रहता है तो हर दिन बरगद के पेड़ के नीचे त्रिदेवों का ध्यान करते हुए घी का दीपक जलाएं और प्रार्थना करें। ऐसा करने से घर में हो रहे वाद विवाद खत्म हो जाएंगे और सभी सदस्यों में आपसी प्रेम बना रहेगा।
बरगद के इस उपाय से दूर होता है भय
घर में कोई ना कोई बीमार रहता या मानसिक तनाव में रहते हैं तो बरगद के पेड़ के नीचे हनुमान चालीसा का पाठ करें और बीमार व्यक्ति के तकिए के नीचे बरगद के पेड़ की जड़ रख दें। ऐसा करने से रोग से निजात मिलेगी और सभी तरह के भय और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी।
नोट : यह तमाम जानकारी जनरुचि को ध्यान में रखकर दी जा रहा है, ज्योतिष और धर्म के उपाय और सलाहों को अपनी आस्था और विश्वास पर आजमाएं। कंटेंट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।