सोने ने किया मालामाल, इंटरेस्ट के साथ 13.7% का रिटर्न, जानिए गोल्ड बॉण्ड में निवेश का पूरा प्रोसेस…

Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: May 3, 2023

गोल्ड में निवेश हमशा से सुरक्षित निवेश माना जाता है। सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड (SGB) में अगर आप निवेश करते हैं तो आपको ब्याज के साथ-साथ अच्छा रिटर्न भी मिलता है। 8 सालों में इसने निवेशकों का अच्छा रिटर्न दिया है। लोगों को आठ सालों में इससे 13.7 फीसदी का रिटर्न मिला है।

नई दिल्ली: सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड (SGB) ने अपने आठ वर्ष के सफर में निवेशकों को अच्छा खासा रिटर्न दिलाया है। इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2015 से इसकी शुरुआत होने के बाद से सरकार की तरफ से इसकी 66 किस्तें जारी की जा चुकी है। यदि किसी इन्वेस्टर ने इन सभी में पैसा लगाया होता तो उन्हें सालाना आधार पर औसतन 13.7% की कमाई हुई होती। वेल्थ एडवाइजरों का कहना है कि ग्लोबल इकॉनमी में मची उथल-पुथल के बीच इस अवधि में सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है जिसके कारण निवेशकों के रिटर्न में इजाफा हुआ है।

SGB पर मिले रिटर्न की एक स्डटी से पता चलता है कि जिन निवेशकों ने 63 इश्यू में से किसी में भी पैसा लगाया है तो उन्होंने सालाना 4.48% और 51.89% के बीच कमाई की है। यह रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि निवेश कब किया गया था। इसमें इस पर मिलने वाला 2.5% का सालाना ब्याज शामिल नहीं है जो सरकार बॉण्ड को जारी रखने के लिए निवेशक को भुगतान करती है।

शुरुआती निवेशों ने सबसे ज्यादा रिटर्न दिया। उदाहरण के लिए, निवेशकों ने नवंबर 2015 में ₹2,684 रुपये प्रति ग्राम सोने की कीमत पर SGB के पहले आठ साल के इश्यू को सब्सक्राइब किया था। फिलहाल सोने की कीमत ₹6,017 प्रति ग्राम है। SGB की उस किस्त की अवधि इस साल नवंबर में पूरी हो जाएगी तब निवेशकों को सोने की कीमत के आधार पर उनका पैसा वापस मिल जाएगा। इस बीच इसने अब तक लगभग 125% का रिटर्न दिया है। एक SGB एक ग्राम सोने के बराबर है और एक वित्त वर्ष में इसकी ऊपरी सीमा चार किलोग्राम होती है।

गोल्ड फंडों या ETF की तुलना में टैक्स लाभ के कारण कई अमीर निवेशकों ने SGB में पैसा लगाया है। मनी हनी फाइनैंशल सर्विसेज के MD अनूप भैया कहते हैं, ‘आठ साल बाद मच्योरिटी पर कैपिटल गेन टैक्स फ्री होता है।’ इसके अलावा, सरकार बॉण्ड के मूल्य पर 2.5% ब्याज का भुगतान करती है, जबकि इसमें किसी तरह का एक्सपेंस रेशो भी नहीं देना होता है। साथ ही सोने की शुद्धता आदि का भी कोई मुद्दा नहीं होता है और लिस्टिंग तथा बायबैक के जरिये पैसे निकालने की भी सुविधा होती है। दूसरे गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स से होने वाले लाभ पर व्यक्ति को अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होता है जो कि अमीर लोगों के लिए 30% हो सकता है।


कैसे करें खरीदारी?

निवेशक सरकार की ओर से घोषित पब्लिक इश्यू के जरिए SGB खरीद सकते हैं। इसके अलावा शेयर बाजार में लिस्टेड SGB भी खरीद सकते हैं। यहां कुछ लोग गोल्ड की मौजूदा कीमत से कम पर भी इसकी ट्रेडिंग कर रहे होते हैं। हालांकि, इस विकल्प की गुंजाइश न के बराबर ही होती है। पिछले वित्त वर्ष में सरकार SGB के चार इश्यू लाई थी जबकि इस साल अब तक इसको लेकर कोई घोषणा नहीं हुई है।


सोने को लेकर आगे कैसा रहेगा रुख

निवेशक दुनिया में फैली अनिश्चित माहौल के बीच सोना खरीद रहे हैं। अमेरिका में लगातार दरों में बढ़ोतरी होने से वहां मंदी की आशंका गहराने लगी है। क्वांटम म्युचुअल फंड के फंड मैनेजर गजल जैने कहते हैं, ‘फेड रिजर्व की ओर से निकट भविष्य में दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला थमने की उम्मीद है। इससे सोने की कीमतों का समर्थन मिलेगा। इकॉनमिक ग्रोथ को सहारा देने और फाइनैंशल मार्केट में नजर आ रही घबराहट को शांत करने के लिए इंटरेस्ट रेट में संभवत: कटौती भी की जा सकती है। इस कदम से सोने की कीमतों में तेजी आएगी।’ जैन सलाह देते हैं कि खरीदारी की लागत को औसत करने के लिए अलग-अलग तरीके से सोने की खरीदारी करें, और हमेशा सोने में निवेश पोर्टफोलियो का कम से कम 10-15% हिस्सा रखें।

  • 4.48-51.89% की सालाना कमाई की है सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड के 63 में से किसी भी इश्यू में पैसा लगाने वालों ने
  • 2.5% सालाना का ब्याज भी मिलता है बॉण्ड को जारी रखने के लिए
  • 66 किस्तें SGB की हो चुकी हैं जारी
  • 2015 में हुई थी शुरुआत
  • सोने कीमत में आया कितना बदलाव
  • एक साल में 14%
  • पांच साल में 12.89%
  • 10 साल में 6.87%