Pakistan Economy: पाकिस्तान की जनता पर शहबाज ने गिराया एक और महंगाई बम, दवाओं की कीमत 20 फीसदी बढ़ाई गई…
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 29, 2023
Pakistan Medicine: खाने के संकट से जूझ रही जनता पर पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने अब एक और महंगाई बम फोड़ा है। इस बार यह महंगाई दवाइयों से जुड़ी है। दवाओं की कीमत 20 फीसदी बढ़ी है। हालांकि पाकिस्तान फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के मुताबिक यह कीमत उम्मीद से कम है।
हाइलाइट्स
- पाकिस्तान में दवाओं की कीमत बढ़ाई गई है
- पाकिस्तान में दवाओं की कीमत 20 फीसदी बढ़ी है
- लगातार सरकार दवाओं की कीमत कंट्रोल करने में लगी थी
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में लगातार आर्थिक संकट बढ़ रहा है। इस बीच पाकिस्तान में दवाओं की कीमत बढ़ा दी गई है। पाकिस्तान ने शुक्रवार को सामान्य दवाओं की खुदरा कीमतों में 20 फीसदी तक और आवश्यक दवाओं में 14 फीसदी बढ़ोतरी की मंजूरी दी है। इस बढ़ोतरी की दवा निर्माताओं ने आलोचना की। ऐसा नहीं है कि वह सस्ती दवाएं लोगों को देना चाहते हैं, बल्कि उनका कहना था कि यह बढ़ोतरी बेहद कम है। सरकार का यह फैसला निर्माताओं और आयातकों के साथ लंबे गतिरोध के बाद आया है।
दवा निर्माताओं और आयातकों के संघ ने 39 फीसदी वृद्धि की मांग की थी। उन्होंने यह चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उद्योग खत्म हो सकता है। पाकिस्तान की वार्षिक मुद्रास्फीति की दर मार्च में 35 फीसदी तक पहुंच गई है। गिरती हुई मुद्रा, सब्सिडी वापस लेने और आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के लिए शर्त मानते हुए टैक्स लगाने के बाद खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 47 फीसदी हो गई है।
तीन महीने बाद होगी समीक्षा
लेकिन पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने दवाओं की ऊंची कीमतों को और बढ़ने से रोके रखा था। उसे डर था कि आम चुनाव से महीनों पहले इस तरह की बढ़ोतरी से उसका समर्थन खत्म हो जाएगा। वित्त मंत्रालय के मुताबिक अगर पाकिस्तानी रुपए में मजबूती आती है तो दवा की कीमतों की तीन महीने बाद फिर समीक्षा की जा सकती है। इसके साथ ही सरकार का यह भी कहना है कि अगले वित्त वर्ष में इस तरह की बढ़ोतरी नहीं होगी। पाकिस्तान फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन का कहना है कि यह वृद्धि उम्मीद से कम है।
पाकिस्तान में दवाओं की कमी
पाकिस्तान में आर्थिक संकट दवाओं की कमी का कारण बनता जा रहा है। पाकिस्तान में लगातार कम होते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण हेल्थकेयर सिस्टम पर असर दिख रहा है। पाकिस्तान में मरीज जरूरी दवाओं के संकट का सामना कर रहे हैं। पाकिस्तान में हृदय रोग, कैंसर और किडनी से जुड़ी दवाओं की कमी है। इसके साथ ही पाकिस्तान में इंसुलिन की भी कमी है।