सूडान से अब तक 1500 से ज्यादा भारतीयों का रेस्क्यू: 8वें बैच में 121 लोग जेद्दाह पहुंचे; सूडान में फिर लगा 72 घंटे का सीजफायर…

Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 28, 2023

खार्तूम// सूडान में सिविल वॉर के बीच ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों को निकाला जा रहा है। इसके चौथे दिन शुक्रवार सुबह 121 भारतीयों के 8वें बैच को IAF C 130J से जेद्दाह लाया गया। इस बैच में भारतीय ऐंबैसी में काम करने वालों के परिवार के 4 सदस्य भी शामिल थे। इसके बाद INS तरकश पोर्ट सूडान से 326 भारतीयों को लेकर जेद्दाह के लिए रवाना हो गया है।

रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन 121 भारतीयों के 8वें बैच को IAF C 130J से जेद्दाह लाया गया। - Dainik Bhaskar

रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन 121 भारतीयों के 8वें बैच को IAF C 130J से जेद्दाह लाया गया।

सूडान के वादी सिदना से जेद्दाह पहुंचे भारतीयों से विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने एयरपोर्ट पर मुलाकात की। उन्होंने बताया कि इस बैच को सूडान से निकालना मुश्किल था, क्योंकि ये लोग राजधानी खार्तूम के पास फंसे थे जहां लड़ाई सबसे तेज है।

सऊदी अरब-US की कोशिशों के बाद सीजफायर की घोषणा
वहीं दूसरी तरफ, कई बार सीजफायर लगने और उसका उल्लंघन होने के बीच सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री ने फिर से 72 घंटे के संघर्षविराम की घोषणा की है। सऊदी अरब और अमेरिका की तरफ से लगातार लड़ाई रुकवाने की कोशिशों के बीच ये घोषणा की गई।

ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों का रेस्क्यू जारी
इससे पहले गुरुवार को पोर्ट सूडान से जेद्दाह पहुंचे 7वें बैच में करीब 135 भारतीयों को रेस्क्यू किया गया। सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी चलाया गया है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन को नेवी के जहाज INS सुमेधा, तेग, तरकश और भारतीय वायु सेना के C-130J एयरक्राफ्ट के जरिए अंजाम दिया जा रहा है।

सूडान से पहले बैच में 278 लोगों को रेस्क्यू किया गया था। दूसरे और तीसरे बैच में 121 और 135 लोगों को निकाला गया। चौथे और पांचवें बैच में 136 और 297 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया। वहीं गुरुवार सुबह छठे बैच में 128 लोगों को सूडान से जेद्दाह लाया गया।

भारतीयों के रेस्क्यू से जुड़ी ये तस्वीरें देखें…

शुक्रवार सुबह 8वें बैच के जेद्दाह पहुंचने पर विदेश राज्य मंत्री ने भारतीयों से मुलाकात की।

शुक्रवार सुबह 8वें बैच के जेद्दाह पहुंचने पर विदेश राज्य मंत्री ने भारतीयों से मुलाकात की।

INS तरकश पर सवार होने से पहले भारतीयों का मेडिकल टेस्ट भी किया गया।

INS तरकश पर सवार होने से पहले भारतीयों का मेडिकल टेस्ट भी किया गया।

तस्वीर में रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद लोग विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन के साथ सेल्फी लेते नजर आए।

तस्वीर में रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद लोग विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन के साथ सेल्फी लेते नजर आए।

जेद्दाह पहुंचने के बाद भारतीयों के चेहरे पर खुशी दिखी। लोगों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए।

जेद्दाह पहुंचने के बाद भारतीयों के चेहरे पर खुशी दिखी। लोगों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।

‘सूडान में 3500 भारतीय फंसे हैं’
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने गुरुवार को मिशन कावेरी पर जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि हमारा मकसद जल्द से जल्द अपने लोगों को सेफ जगह भेजकर उन्हें भारत लाना है। सूडान में हालात बेहद खराब हैं, हम हर भारतीय को वहां से बाहर निकालेंगे।

क्वात्रा के मुताबिक वहां 3,500 भारतीय और 1,000 इंडियन ओरिजिन यानी भारतीय मूल के लोग फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि भारतीयों को लाने के लिए INS तरकश भी पोर्ट सूडान पहुंच चुका है।

सूडान से अब तक 1500 से ज्यादा भारतीयों को समुद्री और हवाई रास्ते से सऊदी अरब लाया जा चुका है। इनमें से 367 भारतीय बुधवार रात जेद्दाह से नई दिल्ली पहुंचे। इसके अलावा 246 लोग गुरुवार को मुंबई पहुंचे थे। बाकी सभी जेद्दाह में हैं। इन्हें भी जल्द भारत लाया जाएगा। सूडान में सिविल वॉर के पहले तक भारतीयों की संख्या 4,000 से ज्यादा थी।

यह फोटो सूडान के एयरपोर्ट का है। चौथे बैच में IAF के जेट C-130J के जरिए 136 भारतीयों जेद्दाह पहुंचे थे।

यह फोटो सूडान के एयरपोर्ट का है। चौथे बैच में IAF के जेट C-130J के जरिए 136 भारतीयों जेद्दाह पहुंचे थे।

सूडान में अब तक 512 लोग मारे गए
सूडान में तख्तापलट के लिए सेना और पैरामिलिट्री फोर्स (RSF) के बीच 15 अप्रैल को लड़ाई शुरू हुई थी। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, लड़ाई में अब तक 512 लोगों और सैनिकों की मौत हो चुकी है। 4,200 लोग घायल हुए हैं।

सूडान में 72 घंटे का सीजफायर 30 अप्रैल रात 12 बजे तक है। इस दौरान यहां से अन्य देशों के लिए अपने नागरिकों को निकालने का समय है। हालांकि संघर्ष विराम के बाद भी राजधानी खार्तूम समेत देश के अन्य हिस्सों में झड़पें जारी हैं।

6 पॉइंट्स में समझें सूडान में हिंसा की वजह…

  • सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। सबसे पहले 2019 में सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को सत्ता से हटाने के लिए लोगों ने प्रदर्शन किया।
  • फिर अप्रैल 2019 में सेना ने राष्ट्रपति को हटाकर तख्तापलट कर दिया, लेकिन इसके बाद लोग लोकतांत्रिक शासन और सरकार में अपनी भूमिका की मांग करने लगे।
  • इसके बाद सूडान में एक जॉइंट सरकार का गठन हुआ, जिसमें देश के नागरिक और मिलिट्री दोनों का रोल था। 2021 में यहां दोबारा तख्तापलट हुआ और सूडान में मिलिट्री रूल शुरू हो गया।
  • आर्मी चीफ जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान देश के राष्ट्रपति और RSF लीडर मोहम्मद हमदान डागालो उपराष्ट्रपति बन गए। इसके बाद से RSF और सेना के बीच संघर्ष जारी है।
  • सिविलियन रूल लागू करने की डील को लेकर मिलिट्री और RSF आमने-सामने हैं। RSF सिविलियन रूल को 10 साल बाद लागू करना चाहती है, जबकि आर्मी का कहना है कि ये 2 साल में ही लागू हो जाना चाहिए।
  • सिविलियन रूल यानी चुनाव के जरिए सरकार बनाना। आर्मी के मुताबिक 2023 में चुनाव कराकर नई सरकार का गठन किया जाना चाहिए। वहीं, RSF अभी और 8 साल तक देश पर शासन करना चाहती है।