सेंट्रल जेल में वर्चस्व की लड़ाई में कैदियों के बीच गैंगवार…
Last Updated on 1 month by City Hot News | Published: October 14, 2024
बिलासपुर// छत्तीसगढ़ के बिलासपुर सेंट्रल जेल में दशहरा पर्व कर शाम कैदियों के बीच गैंगवार हो गई। वर्चस्व की लड़ाई के चलते एक विचाराधीन बंदी नवीन निर्मलकर पर चम्मच से बनाए हथियार से अन्य कैदियों ने हमला किया गया। उसे इलाज के बाद सुरक्षा के बहाने एक अलग सेल में डाला गया है।
जानकारी के मुताबिक, सेंट्रल जेल में हमलावर बदमाशों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। नवीन नशे का सामान बेचने के आरोप में तीन दिन पहले ही जेल गया है। चौथे दिन उस पर अटैक हुआ है। आरोपी और हमलावर दोनों पर पहले से हत्या का केस दर्ज है। दोनों में दुश्मनी भी है।
नशे का सामान बेचने वाले युवक पर जेल में हमला हुआ है।
नशीली कफ सिरप केस में जेल गया था निर्मलकर
दरअसल, सिरगिट्टी थाने की पुलिस ने तीन दिन पहले नशीली कफ सिरप बरामद की थी। इस मामले के आरोपी नवीन निर्मलकर को गिरफ्तार जेल भेजा गया था। इसी बीच नवीन जेल में ही दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन से पहले दशहरा पर्व की शाम पूजा करने गया था।
इसी दौरान हत्या के केस में बंद विचाराधीन बंदी लोकेश तिवारी ने घात लगाकर अचानक कटनी (चम्मच को घिसकर बनाया गया हथियार) से नवीन पर हमला कर दिया। कैदियों की भिड़ंत देख बाकी बंदियों में भगदड़ मच गई। यह देख जेल प्रहरी मौके पर पहुंचे और नवीन को अलग सेल में शिफ्ट किया।
पुराने विवाद का बदला लेने किया हमला
बताया जा रहा है कि जेल में हत्या के केस में बंदी गणेश तिवारी का केस पार्टनर लोकेश तिवारी है। गणेश तिवारी ने चुचुहियापारा में पान ठेला संचालक की हत्या का आरोपी है। इस केस में उसका सगा भतीजा लोकेश तिवारी भी आरोपी है। गणेश तिवारी आए दिन जेल में वर्चस्व बनाने की कोशिश में लगा रहता है। कुछ समय पहले उसने एक कैदी पर हमला करने का प्रयास किया था।
नवीन भी जेल की काट चुका है सजा
वहीं, दूसरी ओर नवीन निर्मलकर पहले भी हत्या के मामले में अपने भाइयों के साथ जेल की सजा काट चुका है। तब गैंग चलाने के आरोप में उसका दुर्ग जेल ट्रांसफर हुआ था। जेल में उनकी पुरानी रंजिश थी।
यह भी बताया जा रहा है कि लोकेश तिवारी और नवीन निर्मलकर की जेल के बाहर से दुश्मनी चल रही है। इसी पुरानी रंजिश के चलते लोकेश ने मौका पाकर नवीन निर्मलकर पर हमला कर दिया।
जेल प्रशासन का संरक्षण
बताया जा रहा है कि जेल में हत्या सहित अन्य गंभीर वारदातों में सजा काट रहे कैदियों का वर्चस्व चलता है, जिसमें लोकेश तिवारी भी शामिल है। विराट अपहरण कांड के एक कैदी को जेल प्रशासन का संरक्षण है, जो इन कैदियों के माध्यम से जेल में रंगदारी करता है।
जेल अधीक्षक ने रिसीव नहीं किया कॉल
वहीं इस संबंध में जानकारी लेने के लिए जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी से संपर्क किया गया। लेकिन, उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।