80 साल पुराना पेड़ धराशायी, पति-पत्नी की दबकर मौत: 35 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली हवाएं, छत्तीसगढ़ में यलो और ऑरेंज अलर्ट; आज भी बरसेंगे बदरा..
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 25, 2023
धमतरी// धमतरी जिले में सोमवार को चली तेज आंधी में 80 साल पुराना आम का पेड़ धराशायी हो गया, जिसके नीचे दबकर पति-पत्नी की मौत हो गई। सांकरा के साप्ताहिक बाजार में दोनों पति-पत्नी सड़क किनारे झोपड़ी के पास बैठकर चना-मुर्रा बेच रहे थे, तभी वहां 80 साल पुराना आम का पेड़ तेज आंधी में गिर गया, जिसके नीचे पति-पत्नी दब गए। मामला सिहावा थाना क्षेत्र का है।
मृत पति-पत्नी का नाम दयालु राम निषाद और ईश्वरी निषाद है। आम का पेड़ झोपड़ी के ऊपर गिरा। इसी झोपड़ी के पास पति-पत्नी भी बैठे हुए थे, उनके ऊपर भी पेड़ का हिस्सा गिर गया। मामले की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पत्नी की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, वहीं गंभीर रूप से घायल पति ने अस्पताल ले जाते हुए दम तोड़ दिया। पुलिस ने पति-पत्नी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया है।
80 साल पुराने आम के पेड़ के नीचे दबकर ईश्वरी निषाद की मौत हो गई।
बता दें कि बंगाल की खाड़ी से आ रही नमीयुक्त हवा के कारण धमतरी जिले में मौसम का मिजाज पिछले 3 दिनों से बदला हुआ है। सोमवार को जिले में करीब 30 से 35 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। वहीं नगरी इलाके में घंटेभर गरज-चमक के साथ तेज बारिश हुई। अंधड़ के कारण नगरी ब्लॉक के कई गांव में बिजली ठप हो गई है। शहर में भी अंधड़ से रुद्री रोड पर पेड़ गिर गया है। विधायक रंजना साहू ने बेमौसम बारिश से हो रहे फसल के नुकसान का आकलन कराने और किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग कलेक्टर को पत्र लिखकर की है।
धमतरी के सिहावा क्षेत्र में झोपड़ी पर आम का पेड़ गिर गया।
कुरूद में आंधी, मगरलोड में बूंदाबांदी
धमतरी शहर के अलावा नगरी, कुरूद और मगरलोड में सोमवार दोपहर बाद मौसम बदल गया। पंडरीपानी, देऊरपारा, सोनामगर सहित कई गांवों में बिजली ठप हो गई। पानी के लिए महिलाएं देर-शाम तक भटकती रहीं। मगरलोड में हवा के साथ बूंदाबांदी हुई। कुरूद ब्लॉक में तोज आंधी चली। मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि अगले 24 घंटे के लिए धमतरी में यलो अलर्ट है। इस दौरान बारिश, आंधी और बिजली गिरने की संभावना है। ओलावृष्टि के भी आसार हैं। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा है।
सोमवार को शाम होते ही मौसम बदला, बेमेतरा जिले में जमकर बरसे ओले।
अगले 17 घंटों के लिए अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने आने वाले 17 घंटों के लिए अंधड़, बारिश, बिजली और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है। इसके लिए मौसम वैज्ञानिक ने प्रदेश भर के कई जिलों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है।
आने वाले दिनों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है।
इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट –
प्रदेश के बस्तर, बेमेतरा,बीजापुर, बिलासपुर, दंतेवाड़ा, कबीरधाम, कांकेर, कोंडागांव, मुंगेली, नारायणपुर और सुकमा में कुछ जगहों पर गरज चमक के साथ वज्रपात होने, अंधड़ चलने और एक-दो स्थानों पर ओलावृष्टि होने की आशंका है।
सोमवार को छत्तीसगढ़ के कई जिलों में जमकर बरसे ओले।
इन जिलों में येलो अलर्ट
बालोद, बलौदा बाजार, धमतरी,दुर्ग, गरियाबंद, जांजगीर-चांपा, कोरबा, कोरिया, महासमुंद, रायपुर, राजनांदगांव, सूरजपुर, सरगुजा, जिले में एक-दो स्थान पर गरज चमक के साथ अंधड़ चलने और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका जताई गयी है।
कई जिलों में बारिश और ओले गिरे
रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में सोमवार को अंधड़ के साथ तेज बारिश हुई। इसके साथ ही ओले भी पड़े। दरअसल, मार्च के दूसरे पखवाड़े के बाद से थोड़े-थोड़े दिन के अंतराल पर बने द्रोणिका और चक्रवातों के कारण प्रदेश में लगातार समुद्र से हवा आ रही है। इस ओर से आ रही नमीयुक्त हवा के कारण तापमान में गिरावट बनी हुई है। बारिश के कारण भीषण गर्मी से लोगों को राहत मिल गई है। मौसम विभाग के 1 मार्च से 24 अप्रैल तक के डेटा बता रहे हैं कि प्रदेश के कई जिलों में औसत का 70 से 2060 फीसदी तक ज्यादा पानी बरसा है। पूरे प्रदेश में औसत से 192 फीसदी ज्यादा वर्षा रिकॉर्ड किया गया है।
तेज बारिश की वजह से सड़क पर पेड़ भी गिर गए थे, जिसे बाद में हटाया गया।
अप्रैल के बाकी दिन भी मौसम रहेगा सुहाना
मौसम विभाग के अनुसार एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पूर्व राजस्थान और उससे लगे क्षेत्र में करीब डेढ़ किमी की ऊंचाई तक है। दूसरा ऊपरी हवा का चक्रवात मध्य-मध्यप्रदेश के ऊपर 0.9 किमी की ऊंचाई तक है। एक द्रोणिका मध्य-मध्यप्रदेश से दक्षिण अंदरूनी तमिलनाडु तक है। इन सिस्टम की वजह से प्रदेश में बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आ रही है। मंगलवार 25 अप्रैल को भी कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने और बारिश होने की संभावना है। अगले दो दिन बाद भी मौसम में विशेष बदलाव की संभावना नहीं है। एक-दो जगहों पर गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।