शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफे का लालच देकर कर्मचारी से 11 लाख की ठगी…
Last Updated on 3 months by City Hot News | Published: August 22, 2024
भिलाई// दुर्ग जिले में बीएसपी कर्मचारी को शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफे का लालच देकर किश्तों में करीब 11.40 लाख रुपए निवेश करवा लिए और फिर पैसा नहीं लौटाए। जिसकी शिकायत थाने में की गई है। मामला भिलाई नगर थाना क्षेत्र का है।
थाना प्रभारी राजकुमार लहने ने बताया कि, स्ट्रीट 75 सेक्टर-6 निवासी दीपेश कुमार चुघ भिलाई स्टील प्लांट के बीआरएम में पदस्थ हैं। शेयर ट्रेडिंग सीखने के लिए उसने सोशल मीडिया पर आए एक लिंक को क्लिक किया था। इसके बाद उसे दो अलग-अलग वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया।
पहली बार 8 मार्च और दोबारा 22 मार्च को दूसरे ग्रुप में जोड़ा गया। इन ग्रुपों में रोजाना ऑनलाइन ट्रेडिंग की क्लासेज लगती थी। इस ग्रुप के एडमिन शेयर ट्रेडिंग सीखने के साथ-साथ क्लास में जुड़े लोगों को कुछ पैसे भी देते थे। वो पैसे उसके अकाउंट में हर हफ्ते आ जाते थे।
ग्रुप एडमिन भेजता था शेयर का नाम
क्लास के आखिरी में एडमिन ग्रुप में एक शेयर का नाम भेजता था। ग्रुप में जुड़े लोग उस शेयर को लाखों रुपए लगाकर खरीदते थे। इसके बाद वो लोग उसका स्क्रीनशॉट ग्रुप में भेजते थे। अगले दिन उस शेयर का प्राइस बढ़ने पर उस शेयर को बेचकर बड़े प्रॉफिट कमाने का स्क्रीनशॉट ग्रुप में डाला जाता था।
उन स्क्रीनशॉट को देखकर दीपेश के मन में भी लालच आया और उसने भी 5 हजार रुपए के इनवेस्ट से शेयर ट्रेडिंग की शुरुआत की। पहली बार में उसे 17 हजार का प्रॉफिट दिखाने लगा। इसके बाद 60300 रुपए इन्वेस्ट किया।
इसके बाद ग्रुप के एडमिन ने उसे बड़ी रकम लगाने के लिए कहा, नहीं इन्वेस्ट करने पर ग्रुप से हटाने की धमकी देने लगा। जिसके बाद उसने 5 लाख 60 हजार रुपए का लोन लिया और उसमें से 5 लाख की राशि बताए खाते में 5 मई को इंटरनेट बैकिंग के माध्यम से जमा करा दी।
प्रॉफिट निकालने के लिए की 5 लाख की डिमांड
5 लाख जमा करने के बाद उसके अकाउंट में कुल प्रॉफिट 11 लाख 58 हजार रुपए दिखाने लगा। इसके बाद आईपीओ से रकम डबल करने का झांसा देकर 10 लाख 15 हजार 311 रुपए की और मांग की गई। इस पर उसने 5 लाख रुपए की रकम दोस्तों और रिश्तेदारों से लेकर जमा कर दी।
इसके बाद उसके एप्लिकेशन प्रोफाइल (ऐप) में 25 लाख रुपए की रकम दिखाई दी। जब दीपेश ने प्रॉफिट निकालना चाहा तो आरोपियों ने 7 लाख का टैक्स अलग से भरने की बात कही। नहीं भरने पर रकम ट्रांसफर नहीं होने का हवाला दिया गया।