छत्तीसगढ़ में अगले 18 घंटे बारिश, आंधी-तूफान का अलर्ट: कई जिलों में गरज-चमक के साथ गिर सकते हैं ओले, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी…

Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 23, 2023

रायपुर// छत्तीसगढ़ में मौसम का उलटफेर का दौर जारी है। मौसम विभाग ने फिर से 18 घंटे के लिए ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश, ओलाबारी और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जताई गई है।

छत्तीसगढ़ में शनिवार को अंधड़, बारिश के बाद गाज गिरने से मनेंद्रगढ़ में 3 लोगों की मौत हो गई थी। विशेषज्ञों ने आने वाले 2 दिनों में फिर एक बार पूरे प्रदेश में बारिश, बिजली और अंधड़ चलने के आसार जताए हैं। हालांकि आज रायपुर में बारिश की संभावना कम है लेकिन प्रदेश के बाकी जिलों में आंधी और हल्की बारिश हो सकती है।

बैकुंठपुर जिले में हवा की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटे थी।

बैकुंठपुर जिले में हवा की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटे थी।

मौसम विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया कि प्रदेश में 80 किलोमीटर प्रति घंटे की सबसे ज्यादा रफ्तार से बैकुंठपुर जिले में आंधी चली। जशपुर में हवा की रफ्तार 70 किलोमीटर प्रति घंटे थी। इसी तरह बस्तर संभाग में 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़ चली है। रायपुर और दुर्ग संभाग में हवा की गति 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से थी। बिलासपुर जिले में 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली। जिससे लोगों को काफी नुकसान झेलना पड़ा। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, रायगढ़ और धमतरी जिले के कई स्थानों में ओले भी गिरे जिससे फसलों को काफी नुकसान हुआ है।

प्रदेश के इन जिलों के लिए बारिश और आंधी- अंधड़ का ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया गया है।

प्रदेश के इन जिलों के लिए बारिश और आंधी- अंधड़ का ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया गया है।

आने वाले 18 घंटों के लिए इन जिलों में अलर्ट

ऑरेंज अलर्ट –
प्रदेश के कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा, जशपुर, सुकमा, बीजापुर, बस्तर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा में कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश और आकाशीय बिजली गिरने साथ ही अंधड़ चलने और एक-दो स्थानों पर ओलावृष्टि होने की आशंका जताई गई है।

येलो अलर्ट –
प्रदेश के बिलासपुर, पेंड्रा, मुंगेली, कबीरधाम,रायगढ़,कोरबा, कांकेर और कोंडागांव जिले के एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने और अंधड़ चलने साथ ही आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है।

प्रदेश के इन जिलों में बारिश की स्थिति

मिलीमीटर में आंकड़े

बैकुंठपुर 2.5, जशपुर 9.5, बिलासपुर 4.0, रायगढ़ 0.5, सारंगढ़ 16.0, महासमुंद 14.0, कबीरधाम 4.5, राजनांदगांव 3.0, धमतरी 17.0 कांकेर, 13.5 नारायणपुर 12.5, बीजापुर 4.5, रायपुर 10, अंबिकापुर 4, पेण्ड्रा रोड 15

आने वाले 2 दिनों में मौसम में फिर बदलाव होने की संभावना है।

आने वाले 2 दिनों में मौसम में फिर बदलाव होने की संभावना है।

आने वाले 2 दिनों में सावधान रहने की जरूरत

मौसम विशेषज्ञ एचपी चंद्रा के मुताबिक बस्तर संभाग और रायपुर और दुर्ग संभाग के कई जिलों में तेज अंधड़ के साथ बारिश हो सकती है। वहीं उत्तरी सरगुजा संभाग में आकाशीय बिजली गिरने की आशंका ज्यादा बनी रहती है। इसलिए यहां रहने वाले लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।

शनिवार को प्रदेश में शाम होते ही मौसम बदला था, अंधड़ के साथ तेज बारिश हुए थी।

शनिवार को प्रदेश में शाम होते ही मौसम बदला था, अंधड़ के साथ तेज बारिश हुए थी।

'दामिनी' एप आकाशीय बिजली से बचने के लिए अलर्ट करता है।

‘दामिनी’ एप आकाशीय बिजली से बचने के लिए अलर्ट करता है।

आकाशीय बिजली से सुरक्षा के लिए मोबाइल पर रखें ‘दामिनी’ ऐप

मौसम विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में इन दिनों आकाशीय बिजली गिरने से होने वाली मौत की संख्या बढ़ रही है। इसलिए ऐसे मौसम में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। ऐसी स्थिति में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार का ‘दामिनी’ ऐप लोगों के काम आ सकती है।

उन्होंने बताया कि आकाशीय बिजली गिरने से पहले दामिनी लाइटनिंग अलर्ट ऐप लोगों को बाहर निकलने से अलर्ट करता है और साथ ही जिस जगह पर आप मौजूद है, वहां से 40 किलोमीटर दूर तक की रेंज में जिस दिशा में भी आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है, उसका अलर्ट मोबाइल ऐप पर मिलेगा। ऐसे में जहां लाइटनिंग की आशंका जताई जा रही है उस दिशा में जाने से बचें।

मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कल की अपेक्षा आज बादल कम है।

मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कल की अपेक्षा आज बादल कम है।

एचपी चंद्रा ने कहा कि ऐसे मौसम में घर से बाहर ना ही निकलें और जब निकलना ज्यादा जरूरी हुआ या कहीं फंस गए हों तब आकाशीय बिजली से पूरी तरह आपकी जान को सुरक्षित करने में यह ऐप आपकी मदद कर सकता है।विशेषज्ञ ने एक अपील और की है कि ज्यादातर घटनाओं में देखा जाता है कि लोग बारिश से बचने के लिए पेड़ का सहारा लेते हैं लेकिन जब इस तरह का मौसम हो तब पेड़ के नीचे बिल्कुल खड़े ना रहे क्योंकि यहां आकाशीय बिजली गिरने की सबसे ज्यादा आशंका रहती है।