राजनांदगांव : मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना का किया शुभारंभ…
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 20, 2023
- छत्तीसगढ़ के तीज-त्यौहारों के माध्यम से नयी पीढ़ी अपने पारंपरिक मूल्यों से संस्कारित हो – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
- – छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण महत्वपूर्ण
- – राजनांदगांव जिले के सभी चार विकासखंड के हर ग्राम पंचायत में यह योजना होगी लागू
- – हर ग्राम पंचायत को दो किश्तों में 10-10 हजार रूपए की दी जाएगी राशि
- पहली किस्त के रूप में 6 हजार 111 ग्राम पंचायतों को 3 करोड़ 5 लाख 55 हजार रूपए की राशि की गई जारी
राजनांदगांव(CITY HOT NEWS)//
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से राज्य के गैर-अनुसूचित क्षेत्रों के लिए मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री डोमन सिंह एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कुमार उपस्थित रहे। राजनांदगांव जिले के सभी चार विकासखंड के हर ग्राम पंचायत में यह योजना लागू होगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि तीज-त्यौहार मनाने के लिए इस योजना में हर ग्राम पंचायत को दो किश्तों में 10-10 हजार रूपए की राशि दी जाएगी। राज्य के गैर-अनुसूचित क्षेत्रों के लिए मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना की शुरूआत हुई है। मुख्यमंत्री ने पहली किश्त के रूप में आज योजना के अंतर्गत आने वाली सभी 6 हजार 111 ग्राम पंचायतों को 5-5 हजार रूपए के मान से कुल 3 करोड़ 5 लाख 55 हजार रूपए की राशि जारी की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र के 14 जिलों की 3 हजार 793 ग्राम पंचायतों को आज 5-5 हजार रुपए के मान से कुल 1 करोड़ 89 लाख 65 हजार रुपए की राशि जारी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में यहां की संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण का काम अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्य में तीजा, हरेली, भक्तिन महतारी कर्मा जयंती, छेरछेरा, छठ और विश्व आदिवासी दिवस जैसे पर्वों पर सार्वजनिक अवकाश दिया जा रहा है। राज्य शासन की यह भावना है कि तीज-त्यौहारों के माध्यम से नयी पीढ़ी अपने पारंपरिक मूल्यों से संस्कारित हो और अपनी संस्कृति पर गौरव का अनुभव करे। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, युवा महोत्सव, छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक, बासी – तिहार जैसे आयोजनों के पीछे भी यही उद्देश्य है। लोक-संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से ही देवगुडिय़ाँ और घोटुलों के विकास का काम भी किया जा रहा है। यह योजना 61 विकासखंड सामुदायिक क्षेत्रों की 6 हजार 111 ग्राम पंचायतों में लागू होगी। इस योजना की इकाई ग्राम पंचायत होगी। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, जनपद पंचायत के सदस्य एवं सरपंच उपस्थित रहे।