रेलवे में टीसी की नौकरी लगाने के नाम पर ठगी: खुद को रेलवे कर्मी बताकर आरोपी ने थमाया फर्जी नियुक्ति आदेश, वसूले 6.20 लाख रुपए…
Last Updated on 7 months by City Hot News | Published: April 27, 2024
बिलासपुर// बिलासपुर में रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर युवक से 6 लाख 20 हजार रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। आरोपी ने युवक को झांसा दिया कि वो रेलवे में टीसी है और उसकी भी नौकरी लगवा देगा। ठगी के शिकार युवक की शिकायत पर पुलिस ने 5 महीने से फरार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। घटना सरकंडा थाना क्षेत्र की है।
पुलिस के अनुसार, सकरी क्षेत्र के घुरू का रहने वाला हरिशंकर टंडन (35) प्राइवेट जॉब करता था। उसने पुलिस को बताया कि जांजगीर-चांपा जिले के कोसमंदा निवासी अखिलेश कुमार चौहान (29) से उसकी पुरानी जान-पहचान थी। अखिलेश ने हरिशंकर को अपने दोस्त आशीष दास से मिलवाया था। उस समय बातचीत के दौरान आशीष ने बताया कि वह रेलवे में टीसी है। पहले कोलकाता में उसकी पोस्टिंग थी और अब दुर्ग में ट्रांसफर हो गया है।
पांच माह से फरार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
बोला हेड ऑफिस में है पहचान, तुम्हारी भी नौकरी लगवा दूंगा
आशीष ने कहा कि कोलकाता स्थित हेड ऑफिस में उसकी अफसरों से उसकी अच्छी जान-पहचान है। उसने हरिशंकर की भी नौकरी रेलवे में टीसी के पद पर लगवाने का दावा किया। इसके एवज में उसने 7 लाख 50 हजार रुपए की डिमांड की। उसकी बातों में आकर हरिशंकर रेलवे में नौकरी पाने की लालच में फंस गया और रुपए देने के लिए तैयार हो गया।
इसके बाद दिसंबर 2020 में आशीष और अखिलेश हरिशंकर के सरकंडा के त्रिवेणी नगर स्थित किराए के मकान पर पहुंचे। जहां उन्होंने हरिशंकर से नौकरी के लिए फॉर्म भरवाया, साथ ही शैक्षणिक दस्तावेज लेकर चले गए।
फर्जी नियुक्ति आदेश दिखाकर वसूले पैसे
इसके महज दो दिन बाद ही मेडिकल चेकअप के नाम पर 1 लाख 50 हजार रुपए लिए। रुपए मिलने के बाद अलग-अलग बहानों से रुपए मांगने लगे। करीब 6 लाख 20 हजार रुपए देने के बाद उन्होंने फर्जी नियुक्ति आदेश थमा दिया और कोलकाता से फर्जी ई-मेल भी कराया। पैसे देने के बाद भी जब हरिशंकर की नौकरी नहीं लगी, तब उसने रेलवे ऑफिस जाकर इसकी जानकारी ली। इसके बाद उसे अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला। युवक ने जब उनसे अपने पैसे वापस मांगे, तब आरोपी उसे धमकी देने लगे।
5 माह से फरार आरोपी गिरफ्तार
इससे परेशान होकर पीड़ित ने सरकंडा थाने में शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया। लेकिन, आरोपी आशीष दास फरार हो गया। इस बीच पुलिस ने उसके ठिकाने पर दबिश दी और उसकी तलाश करती रही। आखिरकार 5 माह बाद पुलिस ने आरोपी आशीष दास को गिरफ्तार कर लिया है।