गुरुकुल के 12 बच्चे स्टेशन में लावारिस मिले: सभी 8 से 15 साल के; CWC बोली- जांच के बाद पैरेंट्स को ही सौंपेंगे…
Last Updated on 8 months by City Hot News | Published: March 31, 2024
दुर्ग// छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन में हैदराबाद स्थित बालाजी गुरुकुल के 12 बच्चे लावारिस हालत में मिले हैं। इनमें असम, नगालैंड और छत्तीसगढ़ के बच्चे शामिल हैं। सभी की उम्र 8 से 15 साल के बीच है। इन बच्चों को रेलवे पुलिस ने चाइल्ड लाइन को सौंप दिया है।
दुर्ग रेलवे स्टेशन में हैदराबाद गुरुकुल के 12 बच्चे RPF-CIB को लावारिस हालत में मिले।
जानकारी के मुताबिक, रेलवे पुलिस की टीम रविवार को स्टेशन में सर्चिंग ऑपरेशन चला रही थी। इसी दौरान प्लेटफार्म नंबर-4 पर बैठे बच्चों पर उनकी नजर पड़ी। कोई वयस्क साथ नहीं होने पर बच्चों को स्टेशन के कमरे में लेकर गए और अफसरों को इसकी सूचना दी।
अंबिकापुर योग कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे बच्चे
पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वे हैदराबाद स्थित गुरुकुल के छात्र हैं और सिकंदराबाद-रायपुर एक्सप्रेस से दुर्ग पहुंचे हैं। उनको अंबिकापुर में होने वाले योग कार्यक्रम में हिस्सा लेना है। इन बच्चों के साथ स्कूल प्रबंधन की ओर से कोई नहीं था। ऐसे में जवानों ने बच्चों को चाइल्ड लाइन की मदद से आश्रय गृह भेज दिया है।
लावारिस हालत में प्लेटफार्म पर मिले बच्चे।
हो सकती थी कोई दुर्घटना
RPF दुर्ग के प्रभारी एसके सिन्हा और क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्रांच की प्रभारी हेमलता भास्कर ने बताया कि, ये बच्चे देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं। इनमें 3 बच्चे झारखंड, 2 नगालैंड, एक असम और 6 बच्चे छत्तीसगढ़ से हैं। प्रदेश के 6 बच्चों में 3 रायगढ़, 1-1 पेंड्रा, बलौदा बाजार और जशपुर के शामिल हैं। अफसरों का कहना है कि इन बच्चों के साथ कोई हादसा हो सकता था।
हैदराबाद गुरुकुल के बच्चों को चाइल्ड लाइन भेजा गया।
बाल कल्याण समिति की सदस्य मंजुला देशमुख से सीधी बात
सवाल : स्टेशन पर 12 बच्चे लावारिस मिले हैं, इस पर क्या कहना है ?
जवाब : हमारे पास चाइल्ड लाइन द्वारा बच्चों को लाया गया था। बच्चे हैदराबाद गुरुकुल से अंबिकापुर योग कार्यक्रम में जा रहे थे, लेकिन उनके साथ कोई वयस्क जिम्मेदार व्यक्ति नहीं था।
सवाल : गुरुकुल वाले बच्चों को लेने पहुंचे थे ?
जवाब : वो आए थे, लेकिन बच्चे इस तरह से बिना गार्जन के मिले हैं तो उन्हें हम जांच के बाद परिजनों को ही सौंपेंगे।
सवाल : परिजनों को सौंपने की क्या प्रक्रिया होगी ?
जवाब : सभी बच्चे देश के विभिन्न प्रांत से हैं। उन्हें उनके जिले के महिला बाल विकास द्वारा सामाजिक जांच और घर में तस्दीक करने के बाद ही परिजनों को सौंपा जाएगा।
सवाल : सफर कर रहे बच्चों के साथ हुई लापरवाही का जिम्मेदार कौन है?
जवाब : बच्चे सभी नाबालिग हैं, उनके साथ कोई जिम्मेदार नहीं था। हम लोग फिलहाल जांच के बाद परिजनों को सौंप देंगे। मामले की जांच की जा रही है।