रसीद खोई तो यात्री से 2 हजार वसूले: बिलासपुर स्टेशन में पार्किंग कर्मचारी की मनमानी; रेलमंत्री से शिकायत के बाद लगा 50 हजार जुर्माना…

Last Updated on 9 months by City Hot News | Published: February 22, 2024

बिलासपुर// छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की सख्ती के बाद भी बिलासपुर के जोनल रेलवे स्टेशन की पार्किंग स्टैंड में अवैध वसूली थम नहीं रही है। बुधवार को एक यात्री से पार्किंग में 2 हजार रुपए वसूलने का मामला सामने आया है।

दरअसल, पार्किंग की रसीद गुम हो जाने पर स्टैंड से गाड़ी देने के लिए कर्मचारी ने यात्री से 5 हजार रुपए की मांग की। बात 2 हजार रुपए में बनी और उसने यात्री से दो हजार रुपए वसूल लिए। रेलवे स्टैंड में अवैध वसूली का VIDEO भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

रेल मंत्री को X पर शिकायत करने के बाद रेलवे प्रशासन ने लिया एक्शन।

रेल मंत्री को X पर शिकायत करने के बाद रेलवे प्रशासन ने लिया एक्शन।

वसूला गया 50 हजार रुपए का जुर्माना

पीड़ित यात्री ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के जरिए से इस अवैध वसूली की शिकायत की। जिसके बाद रेलवे प्रशासन हरकत में आया और स्टैंड ठेकेदार से 50 हजार रुपए जुर्माना वसूल किया गया।

विवादों में रेलवे स्टेशन की पार्किंग

रेलवे स्टेशन की पार्किंग हमेशा से विवादों में रही है। यहां रेल यात्रियों और उन्हें ड्रॉप करने आने वाले लोगों को गाड़ी खड़ी करने और स्टैंड का किराया देने के नाम पर बदसलूकी का सामना करना पड़ता है। अव्यवस्थाओं को लेकर यात्री या उनके परिजन अक्सर शिकायत भी करते हैं। इसके बाद भी पार्किंग ठेकेदार और उसके कर्मचारियों की मनमानी जारी है।

रसीद खो गई थी, इसलिए मांगे 5 हजार रुपए

दरअसल, बुधवार को एक यात्री पार्किंग में पहुंचा और उसने स्टैंड में खड़ी गाड़ी की रसीद खोने की जानकारी दी। इस पर पार्किंग कर्मचारी ने पहले तो 5 हजार रुपए की मांग की। जब यात्री ने इसे बहुत ज्यादा बताया, तो वह कहने लगा कि रसीद खोने पर इतना ही चार्ज लिया जाता है।

यात्री ने कुछ छूट देने के लिए कहा, तब पार्किंग कर्मचारी ने 2 हजार रुपए देने के लिए बोला। साथ ही कहा कि अब इससे कम नहीं होगा। दो हजार रुपए जमा करने पर ही गाड़ी दी जाएगी। यात्री ने कर्मचारी को दो हजार रुपए दिए, तब उसकी गाड़ी को छोड़ा गया।

दोस्त ने बनाया अवैध वसूली का VIDEO

इस दौरान यात्री के साथ पहुंचे उसके दोस्त ने कर्मचारी के पैसे मांगने का VIDEO बना लिया। इसमें कर्मचारी रसीद खोने पर पैसे की मांग कर रहा है और नियमों का हवाला दे रहा है। इस वीडियो को यात्री और उसके दोस्त ने रेल मंत्री को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपलोड कर शिकायत कर दी।

रेल मंत्री तक शिकायत पहुंचने के बाद रेलवे प्रशासन हरकत में आया। रेलवे ने तत्काल मामले की जांच की और एक्शन लेते हुए स्टैंड ठेकेदार पर 50 हजार रुपए जुर्माना ठोंक दिया।

वीडियो में यात्री से दो हजार रुपए लेता दिख रहा है पार्किंग ठेकेदार का कर्मचारी।

वीडियो में यात्री से दो हजार रुपए लेता दिख रहा है पार्किंग ठेकेदार का कर्मचारी।

रसीद गुम होने पर यह है नियम

कई बार यात्री से पार्किंग रसीद गुम हो जाती है। रेल प्रशासन इस समस्या को समझता है। यही वजह है कि उन्होंने ऐसे मामलों को लेकर एक नियम बनाया है। जिसके तहत पार्किंग रसीद गुम होने पर गाड़ी मालिक को 50 रुपए शुल्क के साथ आरसी बुक की कॉपी जमा करानी होती है।

अगर संबंधित यात्री इन नियमों का पालन कर लेता है, तो उसे तत्काल गाड़ी देना अनिवार्य है। इस मामले में भी यही होना था, लेकिन पार्किंग कर्मचारी ने यात्री से दो हजार रुपए वसूल लिए।

प्रीमियम पार्किंग का बोर्ड लगाकर वाहन चालकों से की जाती है उगाही।

प्रीमियम पार्किंग का बोर्ड लगाकर वाहन चालकों से की जाती है उगाही।

हाईकोर्ट ने भी DRM पर जताई थी नाराजगी

रेलवे में पार्किंग को लेकर लगातार विवाद और अवैध वसूली का मामला सामने आने पर हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है। केस की शुरुआती सुनवाई में चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने DRM पर नाराजगी जताई थी।

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि रेलवे के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि यात्रियों को होने वाली असुविधा और परेशानी पर ध्यान दें, लेकिन यहां अफसर अपने एसी चैंबर से बाहर ही नहीं निकलते। कोर्ट ने रेलवे के अधिकारियों को अव्यवस्था दूर करने के लिए निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे और जवाब भी मांगा था। केस की सुनवाई अभी हाईकोर्ट में चल रही है।

इस तरह से गाड़ियों में चेन लगाकर अवैध वसूली करते हैं स्टैंड के कर्मचारी।

इस तरह से गाड़ियों में चेन लगाकर अवैध वसूली करते हैं स्टैंड के कर्मचारी।

इन दिशा-निर्देशों का भी करना है पालन

रेलवे प्रशासन ने स्टेशन पर यात्रियों के वाहनों की सुरक्षित पार्किंग के लिए स्टैंड बनाया है, जहां उन्हें यात्रियों से तय शुल्क ही लेना है। पार्किंग के बेहतर संचालन के लिए रेलवे अधिकारी इसका नियमित निरीक्षण भी करते हैं, ताकी यात्रियों को कोई असुविधा न हो। इसके अलावा यह भी दिशा-निर्देश हैं कि नियमानुसार किराया लेने के साथ यात्रियों की मदद और उनसे अच्छा बर्ताव करना है।