व्यवसायी के फर्मों एवं जीएसटी कंस्लटेंट पर छापा: जीएसटी की टीम ने मनेंद्रगढ़ में मारे छापे, एक ही भवन में चार फर्म, दस्तावेज जब्त..

Last Updated on 9 months by City Hot News | Published: February 20, 2024

मनेंद्रगढ़// जीएसटी की ईडी टीम ने रायपुर के कारोबारी की मनेंद्रगढ़ में एक ही भवन में संचालित तीन फर्मों एवं कारोबारी के कर सलाहकार भाई के कार्यालय में छापा मारा। जिन तीन फर्मों का संचालन एक ही भवन से किया जा रहा है, वहां न तो कुर्सी, टेबल मिले और न ही कार्यालय ही संचालित मिला। इन फर्मों से संबंधित दस्तावेज कारोबारी के भाई के कार्यालय से जब्त किया गया है। इसमें जीएसटी में बड़ी गड़बड़ी पकड़ी गई है।

जानकारी के मुताबिक, रायपुर के कारोबारी विजय अग्रवाल, उनकी पत्नी एवं पिता के नाम पर चार फर्में रजिस्टर्ड हैं, जिनका कार्यालय का पता मनेंद्रगढ़ दर्ज है। इन फर्मों से सरकारी सप्लाई के साथ ही इंटर स्टेट महाराष्ट्र के लिए खरीद-बिक्री की जाती रही है। महाराष्ट्र के नागपुर की एक पार्टनरशिप कंपनी का भी पता मनेंद्रगढ़ का दर्ज है। इन फर्मों से करोड़ों रुपये की सप्लाई हुई है।

जीएसटी के अधिकारियां ने मंगलवार को मारा छापा

जीएसटी के अधिकारियां ने मंगलवार को मारा छापा

दो गाड़ियों में पहुंची टीम
मनेंद्रगढ़ में व्यवसायी विजय अग्रवाल के ठिकानों पर सुबह राज्य कर आयुक्त के ईडी की टीम ने छापा मारा। दो गाड़ियों में पहुंची अधिकारियों की टीम ने व्यवसायी के चार फर्मों की जांच की तो वहां न तो कुर्सी टेबल ही मिले और न ही कार्यालय ही संचालित मिला। टीम ने परिसर में ही संचालित व्यवसायी के भाई जीएसटी सलाहकार पवन कुमार अग्रवाल के कार्यालय में छापा मारा तो चारों फर्मों के कारोबार से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

जीएसटी इनपुट में मिली है गड़बड़ी
जांच अधिकारी महेंद्र तिवारी सहित अन्य अधिकारियों ने मामले में कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है। उन्होंने बताया कि संबंधित फर्मों के दस्तावेजों की जांच चल रही है। वहीं बताया गया है कि इन फर्मों से सरकारी सप्लाई हुई है। इन फर्मों में आपस में बिल काटकर जीएसटी इनपुट में गड़बड़ी की गई है। जब यह गड़बड़ी पकड़ी गई तो यह छापा पड़ा है। इन फर्मों से छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र के लिए भी सप्लाई की गई है। जांच में बड़ी गड़बड़ी सामने आएगी।

फर्जी किराएनामें पर चल रहे फर्म
जिन फर्मों के ठिकानों पर टीम जांच के लिए पहुंची, वहां तीन फर्मों के बोर्ड लगे मिले हैं। बताया गया है कि फर्जी किराएनामें में एक ही व्यवसायिक स्थल पर एक ही भवन में व्यसायी द्वारा पत्नी, पिता व स्वयं के नाम पर चार फर्म रजिस्टर्ड हैं। एक राज्य से दूसरे राज्य में बिल का आदान प्रदान कर जीएसटी इनपुट की चोरी की गई है।