मास्क नहीं लगाया तो घर पहुंचेगा चालान: इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने बनाया अनोखा डिवाइस, फोटो खींचकर प्रशासन के कंट्रोल पैनल को भेजेगी जानकारी..

Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 17, 2023

रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज आर- 1 के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने एक अनोखा सॉफ्टवेयर तैयार किया है। ये डिवाइस सीसीटीवी कैमरों के साथ अटैच होकर काम करेगी। इसका मुख्य कार्य फेस मास्क को डिटेक्ट करना है। अगर कोई शख्स भीड़ में मास्क नहीं लगाया है तो सीसीटीवी कैमरे का थ्रू-डिवाइस उसका फोटो लेगी और उसकी जानकारी कंट्रोल पैनल को भेज देगी।

रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज के क्लास रूम में मास्क डिटेक्ट करने वाला बनाया सॉफ्टवेयर। - Dainik Bhaskar

रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज के क्लास रूम में मास्क डिटेक्ट करने वाला बनाया सॉफ्टवेयर।

कॉलेज में हो रहे एआईसीटीई (स्पाइस नेशनल लेवल हैकाथॉन कोड फिएस्टा) के आयोजन के दौरान यह अनोखा सॉफ्टवेयर देखने को मिला। यहां आए ग्रेविटी के सुग्गुचंदु ने बताया कि वो लोग इमेज प्रोसेसिंग के जरिए सामान्य सीसीटीवी को हाईटेक निगरानी डिवाइस बना रहे हैं, जो कैमरे से जुड़कर एक सर्विलांस सिस्टम की तर्ज पर काम करेगी।

कोविड संक्रमण के दौरान जब जिला प्रशासन मास्क को अनिवार्य करता है तो उस समय ये डिवाइस बहुत काम आएगी। कोई शख्स मास्क नहीं पहनेगा तो ये डिवाइस उसकी फोटो खींचकर उसकी फोटो और आधार से उसकी पूरी जानकारी लेकर सीधे जिला प्रशासन के कंट्रोल पैनल को भेज देगा। इसके बाद जिला प्रशासन उस व्यक्ति पर जुर्माना लगा सकेगा।

ऑन लाइन भेजा जा सकेगा चालान
इस डिवाइस को इस तरह के सॉफ्टवेयर से अपडेट किया गया है कि वो पहले तो मास्क न लगाने वाले व्यक्ति का फोटो लेगा, इसके बाद उसकी आखों की रेटीना और थंब से उसका आधार डेटा सर्च करेगा। फिर उसके नाम से ऑनलाइन चालान उसके दिए गए पते पर भेज देगा। डेटा न मिलने पर वो फोटो उसके बारे में जानकारी कंट्रोल पैनल को भी भेजेगा।

क्लास में हैकाथॉन में भाग लेने वाले इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स की टीमें।

क्लास में हैकाथॉन में भाग लेने वाले इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स की टीमें।

सार्वजनिक स्थलों में भी फायदेमंद है डिवाइस
इस डिवाइस को बाजार, मॉल, धार्मिक, स्कूल, स्टेडियम स्थल जैसी सार्वजनिक जगहों पर लगाया जा सकता है। वहां भी वो बेहतर तरीके से काम करेगी और उस एरिया में बिना मास्क एंट्री होते ही सुरक्षागार्डों को जानकारी दे सकेगी।

लगातार 36 घंटे कोडिंग करके सॉफ्टवेयर तैयार करते हैं स्टूडेंट्स।

लगातार 36 घंटे कोडिंग करके सॉफ्टवेयर तैयार करते हैं स्टूडेंट्स।

सोसाइटी की सुरक्षा को लेकर बनाई डिवाइस
हैकाथॉन में टीम कोड रेंजर ने भी शानदार आइडिया पेश किया। टीम से पुलकित साहू, प्रखर उमरे, मुस्कान बजाज, खुशी तिवारी ने मिलकर एक ऐसा सिस्टम डेवलप किया है जो रेसीडेंस सोसाइटी, मॉल, पब्लिक प्लेस, बिजनेस कॉम्पलेक्स जैसी जगहों पर सुरक्षा के इंतजामों को दस गुना बढ़ा देगी। स्टूडेंट्स द्वारा तैयार किया गया ऑटोमेटिक लाइसेंस प्लेट डिटेक्टर हर एक गाड़ी की नंबर प्लेट को स्कैन करके उसका पूरा ब्योरा तैयार करेगा।

गाड़ी का नंबर क्या है, वह कब इंटर हुई और कब निकली। कितने देर तक गाड़ी कहां खड़ी रही। कार से कितने लोग बाहर आए। सारा कुछ डाटा डिवाइस में फीड हो जाएगा। पब्लिक प्लेस में सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसी के लिए यह डिवाइस बड़े काम आएगी।

हैकाथॉन में दूसरे राज्यों के भी इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने भी लिया भाग।

हैकाथॉन में दूसरे राज्यों के भी इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने भी लिया भाग।

हैकाथॉन में हैदराबाद और चेन्नई की टीमें भी हुईं शामिल
इस नेशनल लेवल हैकाथॉन में चेन्नई, हैदराबाद सहित देश के कई राज्यों की टीमों ने हिस्सा लिया। लगातार 36 घंटों की सॉफ्टवेयर कोडिंग के बाद स्टूडेंट्स ने अपने प्रोडक्ट और आइडिया तैयार किए। इनके बनाए प्रोडक्ट्स को नामी कंप्यूटर एक्सपर्ट टीमों द्वारा मूल्यांकन किया गया। इस इवेंट में ग्रुप चेयरमैन संतोष रूंगटा, डायरेक्टर डॉ. सौरभ रूंगटा, डायरेक्टर डॉ. एजाजुद्दीन, डायरेक्टर डॉ एडविन एंथोनी, डॉ मनोज वर्गीस, प्राचार्य डॉ. राकेश हिमते, डॉ नीमा एस बालन, डॉ. अजय कुशवाहा, डॉ. हूमा खान, डॉ. साजिया इस्लाम और डॉ सत्यधर्म भारती आदि फैकल्टी शामिल रहे।