इंजीनियर का छात्र चला रहा था अवैध शराब की फैक्ट्री: यूट्यूब से सीखा था महुआ शराब बनाना, शहर में कर रहा था सप्लाई, साथियों सहित गिरफ्तार…

Last Updated on 10 months by City Hot News | Published: January 24, 2024

सरगुजा// अंबिकापुर शहर से लगे सकालो में वनविभाग के रेस्ट हाउस के बगल में अवैध महुआ शराब बनाने की फैक्ट्री का संचालन इंजीनियरिंग का छात्र कर रहा था। वह फारेस्ट गेस्ट हाउस में बतौर गार्ड दैनिक वेतनभोगी कर्मी के रूप में कार्य करता था। अवैध शराब बनाने की तकनीक उसने यू-ट्यूब से सीखा। बड़े पैमाने पर अवैध शराब बनाने के लिए उसने गांव से युवकों को बुलवा लिया। पुलिस ने मामले में एक नाबालिग सहित तीन को गिरफ्तार किया है।

जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को सकालो में ग्रामीण चोर का पीछा करते हुए फारेस्ट रेस्ट हाउस परिसर में पहुंचे तो फारेस्ट रेस्ट हाउस से सटे झोपड़ी में बड़़े पैमाने पर अवैध शराब बनता हुआ मिला। घटना की सूचना पर गांधीनगर थाना प्रभारी जॉन प्रदीप लकड़ा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने वनविभाग के दैवेभो कर्मी कमल सिंह निवासी कुड़केल, बतौली सहित तीन को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था।

460 लीटर शराब व पास किया गया जब्त
पुलिस ने मौके से 460 लीटर अवैध महुआ शराब, दो कंटेनर में 300 किलोग्राम महुआ पास, दो कंटेनर में 800 लीटर गुड पास, शराब बनाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले 09 नग डेकची सहित अन्य सामान एवं 20000 रुपये नगद जब्त किया था। झाले में बड़ी मात्रा में कोयला भी बरामद किया गया हैं। जब्त कोयले के संबंध में पुलिस टीम द्वारा जांच व विवेचना की जा रही हैं।

यूट्यूब से सीखा था शराब बनाना
पुलिस पूछताछ में पता चला कि मुख्य आरोपी कमल सिंह (28) इंजीनियरिंग का छात्र है। वह वनविभाग के रेस्ट हाउस में बतौर गार्ड दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी रेस्ट हाउस की देखरेख के लिए पदस्थ किया गया था। उसने यू-ट्यूब से महुआ, गुड़़ व सौंफ का उपयोग कर गंधहीन शराब बनाना सीखा। पहले उसने स्वयं के उपयोग के लिए शराब बनाया। बाद में बेचने के लिहाज से उसने बड़े पैमाने पर शराब बनाने के लिए झोपड़ी में छोटी फैक्ट्री लगा ली।

दो अन्य को गांव से बुला काम में लगाया
कमल सिंह ने शराब बनाने के लिए गांव से मोहित सिंह उर्फ़ भगत (26) एवं एक किशोर को बुला लिया। दोनों शराब बनाने में उसका सहयोग करते थे। कमल शनिवार एवं रविवार को शराब बनाता था। वे अलग-अलग किस्म की शराब बनाकर भंडारित करते थे। इसके अलावे महुआ एवं गुड़ का पास तैयार रखा जाता था, ताकि मांग आने पर शराब बनाकर दी जा सके।

शहर के कई ठिकानों में थोक में सप्लाई
मुख्य आरोपी पिछले करीब छह माह से लाखों रुपये की शराब शहर के आसपास के ठिकानों में नर्सरी में काम करने वाली एक महिला के माध्यम से खपा रहा था। वह प्रतिमाह 50 से 60 हजार रुपये बचा लेता था। पुलिस जांच से बचने के लिए कमल सिंह सकालो एवं आसपास शराब नहीं बेचता था। कमल लोगों को भ्रमित करने के लिए स्वयं गांव में शराब खरीदकर पीता था।

जेल भेज गए आरोपी
थाना गांधीनगर पुलिस ने मामले में धारा 34(2) आबकारी एक्ट के तहत आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से दो आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। किशोर को न्यायिक अभिरक्षा में बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया है। कार्रवाई में थाना प्रभारी गांधीनगर जॉन प्रदीप लकड़ा, एएसआई अनिल पांडेय, विनय सिंह की टीम सक्रिय रही।