कोरबा : समय पर संचालित हो आंगनबाड़ी केन्द्र और योजनाओं का मिले बच्चों, महिलाओं को लाभ

Last Updated on 10 months by City Hot News | Published: January 20, 2024

  • कलेक्टर ने की महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा
  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और नोनी सुरक्षा योजना मेें प्रगति लाने के दिए निर्देश

कोरबा (CITY HOT NEWS)//कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं की गहल समीक्षा की। उन्होंने निर्देशित किया कि जिले में सभी आंगनबाड़ी केंद्र निर्धारित समय अनुसार संचालित हो और शासन द्वारा निर्धारित गाइडलाइन अनुसार योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित हो। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्रो के माध्यम से बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किशारी बालिकाओं को योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश देते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की संख्या बढ़ाने और नोनी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रगति लाने के निर्देश देते हुए कहा कि पात्र हितग्राहियों का पंजीयन अनिवार्य रूप से कराए जाए और सेचुरेशन मोड में काम करते हुए इसमें प्रगति लाए। उन्होंने भवनविहीन, विद्युतविहीन, जर्जर आंगनबाड़ी केंद्रों की तस्वीर बदलने की दिशा में पहल करते हुए सभी केंद्रों की जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं।
       महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने निर्देशित किया कि आगंनबाड़ी केंद्र समय पर खुलने और बंद होने के साथ बच्चों की उपस्थिति पर्याप्त हो। केंद्र में कोई कार्यकर्ता, सहायिका एवं सेक्टर सुपरवायजर बिना लिखित सूचना व अनुमति के मुख्यालय व कार्यक्षेत्र से अनुपस्थित न रहे, इसका ध्याान रखा जाए। उन्होंने सेक्टर सुपरवायजर, सीडीपीओ और डीपीओ को अपने-अपने अधीनस्थ की मॉनिटरिंग करते हुए विभागीय योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन पारदर्शिता और शासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में बाल विकास परियोजना अधिकारी और सेक्टर पर्यवेक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण होने की बात कहते हुए निर्देशित किया कि पर्यवेक्षक लगातार फील्ड पर निरीक्षण करे और कम से कम 15 दिवस के भीतर एक केंद्र का दो बार निरीक्षण अवश्य करें। उन्होंने बिना सूचना के अनुपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षकों पर कार्यवाही के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने सभी सेक्टर सुपरवायजरों को पोषण ट्रेकर एक्ट में जानकारी इंट्री करने, हितग्राहियों का आधार सत्यापन करने, शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं की जानकारी दर्ज करते हुए पोषण आहार उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। उन्होंने महिला जागृति शिविर, सक्षम योजना, छत्तीसगढ़ महिला कोष की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि सक्षम योजना एवं अन्य वित्तीय सहायता जरूरतमंद और पात्र महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदान किया जाये। नवा विहान योजना, सखी वन स्टाप सेंटर, मिशन वात्सल्य की समीक्षा करते हुए बाल संप्रेक्षण गृह की सतत निगरानी करने और शासन द्वारा निर्धारित योजनाओं, सुविधाओं का लाभ बच्चों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने विभाग से जुड़े अपने अधीनस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों के अवकाश, चिकित्सा, यात्रा भत्ता आदि आवेदनों का भी समय सीमा पर निराकरण के निर्देश दिए।
 

कुपोषण से बाहर निकालने जिम्मेदारी से कार्य करें-
कलेक्टर अजीत वसंत ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देशित किया कि कुपोषण एक गंभीर समस्या है। इससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है। आज के बच्चे कल के भविष्य है, हमें अपने देश के भविष्य को बेहतर बनाना है। हम सभी को यह जिम्मेदारी लेनी होगी कि कोई बच्चा कुपोषण का शिकार न रहे, इस दिशा में काम करते हुए आंगनबाड़ी केद्रों के माध्यम से उन्हें समय पर गरम भोजन, अण्डा, फल और पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराना जरूरी है। कलेक्टर ने किशोरी बालिकाओं, गर्भवती महिलाओं, शिशुवती महिलाओं को गरम भोजन, रेडी टू ईट जैसा पोषण आहार समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।

आंगनबाड़ी केंद्र के दीवारों में भोजन वितरण की जानकारी लिखने के निर्देश
कलेक्टर ने सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों, महिलाओं और किशोरी बालिकाओं को प्रतिदिन प्रदाय की जाने वाली भोजन सहित पोषण आहार की जानकारी केन्द्र की दीवारों में लेखन करने के निर्देश दिए। उन्होंने शासन द्वारा दिए गये निर्देशों के अनुसार भोजन वितरण और केन्द्रों का संचालन समय दीवारों पर उल्लेख करने के निर्देश दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में रिक्त कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के पदों को बिना किसी दबाव के पारदर्शिता और पात्रता के अनुसार किसी भी नियुक्ति में नियमों का उल्लंघन न करते हुए भर्ती करने के निर्देश दिए।