भू-माफिया कांग्रेस नेता पर एक और FIR:13 महीने तक मामले को दबाए बैठे रहे ASP, सरकार बदलते लिया एक्शन; सुसाइड पर प्रताड़ना का केस
Last Updated on 11 months by City Hot News | Published: January 6, 2024
बिलासपुर// छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही भू-माफिया कांग्रेस नेता अकबर खान पर पुलिस ने महज एक सप्ताह के भीतर आत्महत्या के लिए उकसाने का दूसरा केस दर्ज किया है। जमीन और दुकान कब्जे की प्रताड़ना के चलते सुसाइड के इस केस को एडिशनल एसपी सिटी जांच के बहाने 13 महीने तक दबाए बैठे थे। जिसमें अब जाकर FIR दर्ज की गई है।
बता दें कि भाजपा नेता व पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने शहर में भू-माफियाओं की गुंडागर्दी को मुद्दा बनाया था। उन्होंने दावा किया था कि भाजपा की सरकार बनते ही 15 दिन के भीतर गुंडागर्दी और माफियाराज को खत्म कर दिया जाएगा। अब भाजपा की सरकार बनने के बाद इसका असर दिखने लगा है। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।
चांटीडीह के पठान मोहल्ला निवासी रज्जब अली (56) ने 4 अक्टूबर 2022 को अपने घर के पास पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसकी रज्जब ट्रेडर्स नाम से दुकान थी। इस मामले में जांच के दौरान पुलिस ने उसके पास से एक पर्ची पर लिखे सुसाइड नोट को बरामद किया था, जिसमें उसने लिखा था कि वो कांग्रेस का कार्यकर्ता था।
सुसाइड नोट में लिखा था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी आप मेरे परिवार की सुरक्षा करें। रज्जब के बेटे और रिश्तेदारों ने आरोप लगाया था कि जमीन और दुकान खाली कराने के लिए कांग्रेस नेता अकबर खान और तय्यब हुसैन लगातार दबाव बना रहे थे और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे।
कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद पर भी है व्यवसायी को धमकाने का आरोप।
कांग्रेस नेताओं का नाम आने के बाद एएसपी को दिया जांच का जिम्मा
जमीन और दुकान के कब्जे के विवाद में सुसाइड करने का मामला सामने आने और परिजनों के द्वारा कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाने के बाद एसपी ने मामले की जांच के लिए एडिशनल एसपी सिटी को निर्देशित किया था। तब एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल ने कहा था कि सुसाइड नोट में किसी का नाम नहीं है।
परिवारवालों के आरोप लगाने पर बिना तथ्य के केस दर्ज नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा था कि जांच में जो भी तथ्य और सबूत सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
जांच के बहाने 13 माह तक लटकाए रखा मामला
सुसाइड के इस केस में प्रताड़ना का आरोप लगने के बाद पुलिस अफसर जांच का बहाना बनाते रहे। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगे थे। जाहिर है कि दबाव में पुलिस अफसरों ने इस केस को दबा दिया था। जिसमें अब जाकर पुलिस ने एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल की जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपी कांग्रेस नेता अकबर खान और तय्यब हुसैन के खिलाफ धारा 306, 34 के तहत केस दर्ज किया है।
परिजनों के बयान के आधार पर FIR
सरकंडा पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें बताया है कि एडिशनल एसपी सिटी के जांच प्रतिवेदन में अपराध घटित होने का जिक्र किया गया है। इसमें उन्होंने मृतक रज्जब अली के बेटे अरमान अली, रहमान अली, रियाज अली, बेटी शबाना बेगम, पड़ोसी कासिम और शेख बब्बा का बयान दर्ज किया है। इन्होंने तय्यब हुसैन और अकबर खान के द्वारा जमीन व दुकान को खाली करने के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित करना बताया है।
व्यवसायी रज्जब अली ने फांसी लगाकर की थी आत्महत्या।
एक सप्ताह में जमीन विवाद पर सुसाइड और प्रताड़ना का दूसरा केस
कांग्रेस नेता अकबर खान पर एक सप्ताह के भीतर जमीन विवाद और सुसाइड के केस में प्रताड़ना का दूसरा केस दर्ज किया गया है। इस केस में हाईकोर्ट की कड़ी फटकार के बाद पुलिस ने एक्शन लिया है। कुम्हारपारा निवासी वीरेंद्र नागवंशी के बेटे सिद्धांत नागवंशी ने करीब 2 साल पहले सकरी क्षेत्र में सुसाइड कर लिया था।
बेटे की आत्महत्या के केस पर पिता वीरेंद्र ने प्रताड़ना का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि जमीन खरीद-बिक्री के विवाद में उनके बेटे का नाम घसीटकर प्रताड़ित किया जा रहा था, जिससे तंग आकर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तब उन्होंने न्याय के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गुहार लगाई है, जिसकी सुनवाई चल रही है।
हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुई FIR
हाईकोर्ट ने प्रशिक्षु IPS व सिविल लाइन सीएसपी संदीप पटेल को इस मामले में अपराध दर्ज करने के सख्त निर्देश दिए थे। कोर्ट ने पूछा था कि सिद्धांत केवल कर्मचारी था, तो उसके नाम पर जमीन की खरीद-बिक्री क्यों हो रही थी। उसके पास अगर इतने रुपए थे, तो वह अकबर खान का कर्मचारी बनकर क्यों काम कर रहा था?
इसके बाद सकरी पुलिस ने सिद्धांत के पिता वीरेन्द्र नागवंशी और मां अरुणा नागवंशी को थाने बुलाया और बयान दर्ज करने के बाद देवनंदन नगर फेस-1 निवासी कांग्रेस नेता अकबर खान, तिफरा निवासी मीनाक्षी बंजारे व शिबू उर्फ फैजान खान के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में धारा 306, 34 के तहत अपराध दर्ज किया।