घंटों दर्द से कराहती रही गर्भवती, डिलीवरी के बाद मौत:पैसे जमा कराने अड़ा रहा प्रबंधन, जुड़वां बच्चों के जन्म के बाद तोड़ा दम
Last Updated on 11 months by City Hot News | Published: January 4, 2024
बिलासपुर// छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में डिलीवरी कराने गई महिला 3 घंटे तक दर्द से कराहती रही, लेकिन पैसे जमा नहीं करने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने उसे भर्ती नहीं किया। इसके चलते महिला की सर्जरी करनी पड़ी और जुड़वां बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की मौत हो गई। इस घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया।
इस दौरान पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाइश देती रही, लेकिन परिजन जांच कर कार्रवाई करने की मांग पर अड़े रहे। मामला तोरवा थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम गतौरा का रहने वाला राजेंद्र यादव राजमिस्त्री है। उसकी पत्नी सुनीता यादव (38) गर्भवती थी। बुधवार की सुबह उसे प्रसव पीड़ा हुई, तब परिजन उसे लेकर तोरवा चौक स्थित मित्रा नर्सिंग होम पहुंचे। अस्पताल के स्टाफ ने डिलीवरी कराने के लिए उसे भर्ती किया।
महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाए सर्जरी में लापरवाही बरतने का आरोप।
परिजन बोले- पैसे जमा कराने के बाद शुरू किया इलाज
महिला के परिजन बिंदा बाई ने बताया कि हम लोग सुबह से अस्पताल आए थे। सुनीता दर्द से कराह रही थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन पैसे जमा करने पर ही इलाज शुरू करने की जिद पर अड़ा रहा। हम लोग गांव से कर्ज लेकर आए, तब 3 घंटे बाद इलाज शुरू हुआ। दोपहर बाद तक महिला की नॉर्मल डिलीवरी नहीं हो पाई, तब अस्पताल स्टाफ ने परिजनों को ऑपरेशन कर डिलीवरी करने की जानकारी दी। इसके बाद सर्जरी की गई। महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया।
सर्जरी से महिला ने जुड़वां बच्चों को दिया जन्म
ऑपरेशन के बाद प्रसूता की ब्लीडिंग बंद नहीं हुई। तब देर शाम महिला की तबीयत बिगड़ने पर उसे जगमल चौक स्थित समृद्धि अस्पताल में रेफर कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि विशेषज्ञ डॉक्टर के बजाय असिस्टेंट के ऑपरेशन करने से महिला की तबीयत बिगड़ गई।
परिजनों को रात 9 बजे दी मौत की खबर
महिला के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उन्हें अस्पताल प्रबंधन ने रेफर करने की जानकारी नहीं दी और बिना बताए दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया। महिला के परिजन रात करीब 9 बजे समृद्धि अस्पताल पहुंचे, तब उन्हें महिला की मौत की खबर मिली। यह सुनकर परिजन सन्न रह गए। उन्होंने अस्पताल में हंगामा मचाया और लापरवाही के आरोप लगाने लगे।
अस्पताल पहुंचकर परिजनों को शव लेकर जाने के लिए धमकाते रहे पुलिसकर्मी।
अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को बुलाकर बनाया शव ले जाने का दबाव
जब परिजनों ने हंगामा मचाना शुरू किया, तब अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस बुला ली। इस दौरान अस्पताल पहुंचे पुलिसकर्मी परिजनों को धमकाने लगे और चुपचाप शव लेकर जाने का दबाव बनाने लगे। लेकिन, परिजन मामले की जांच कर गलत ऑपरेशन और इलाज करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की मांग पर अड़े रहे।
देर रात अस्पताल में हंगामे की स्थिति बनी रही। वहीं, परिजन शव का पोस्टमॉर्टम कराने की जिद करते रहे। इस दौरान परिजनों को पैसे देकर मामले को दबाने की कोशिश भी होती रही। गुरुवार सुबह तक परिजनों को लेनदेन कर मामला रफादफा करने का प्रयास चलता रहा।
महिला की मौत फिर भी वेंटिलेटर पर रखा शव।
देवर ने जारी किया वीडियो, मौत के बाद भी वेंटिलेटर पर रखा शव
देर रात महिला के देवर आशीष यादव ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें कलेक्टर से मदद की गुहार लगाते हुए महिला के शव को दिखाया है। वीडियो में यह भी बताया गया है कि महिला की मौत हो चुकी है। लेकिन, उसके शव को वेंटिलेटर पर रखा गया है। महिला के देवर आशीष यादव ने बताया कि अस्पताल में पूरी फीस जमा करने के बाद भी लापरवाही बरती गई, जिसके कारण उसकी भाभी की मौत हो गई है। उन्होंने मामले की जांच की मांग की है।
घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने लगा दिया है ताला।
अस्पताल में मिला ताला बंद
इस मामले में मित्रा नर्सिंग होम प्रबंधन का पक्ष लेने का प्रयास किया गया। मीडिया की टीम मित्रा नर्सिंग होम भी पहुंची थी, लेकिन अस्पताल में ताला बंद कर प्रबंधन के जिम्मेदार लोग गायब हो गए थे।
दूसरे अस्पताल की घटना है, इसलिए कुछ नहीं कह सकता
इधर समृद्धि नर्सिंग होम के डॉक्टर सत्यप्रकाश सिंह का कहना है कि महिला का इलाज और सर्जरी दूसरे अस्पताल में की गई, जिसके कारण वे कुछ नहीं कह सकते। महिला के इलाज में देरी हुई है। मेरी राय है कि महिला को तत्काल इलाज देना ज्यादा बेहतर होता। वहां क्या परिस्थितियां थीं, वो वही बता सकते हैं।