तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल लोकसभा में पास: राजद्रोह कानून खत्म; नाबालिग से रेप और मॉबलिंचिंग पर फांसी की सजा…

Last Updated on 11 months by City Hot News | Published: December 20, 2023

नई दिल्ली// तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल लोकसभा में पास हो गए हैं। अब इसे राज्यसभा में रखा जाएगा। वहां से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में पहले 485 धाराएं थीं, अब 531 धाराएं होंगी। - Dainik Bhaskar

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में पहले 485 धाराएं थीं, अब 531 धाराएं होंगी।

इसे पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- अग्रेजों के समय का राजद्रोह कानून खत्म किया गया है। नाबालिग से रेप और मॉबलिंचिंग जैसे क्राइम में फांसी की सजा दी जाएगी।

सशस्त्र विद्रोह करने और देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर जेल
बिल पर लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों का बनाया राजद्रोह कानून, जिसके चलते तिलक, गांधी, पटेल समेत देश के कई सेनानी कई बार 6-6 साल जेल में रहे। वह कानून अब तक चलता रहा।

मैंने राजद्रोह की जगह उसे देशद्रोह कर दिया है। क्योंकि अब देश आजाद हो चुका है, लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना कोई भी कर सकता है। अगर कोई देश की सुरक्षा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

अगर कोई सशस्त्र विरोध करता है, बम धमाके करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, उसे आजाद रहने का हक नहीं, उसे जेल जाना ही पड़ेगा। कुछ लोग इसे अपनी समझ के कपड़े पहनाने की कोशिश करेंगे, लेकिन मैंने जो कहा उसे अच्छी तरह समझ लीजिए। देश का विरोध करने वाले को जेल जाना होगा।

बच्ची से रेप के दोषी को फांसी की सजा
पहले रेप की धारा 375, 376 थी, अब जहां से अपराधों की बात शुरू होती है, उसमें धारा 63, 69 में रेप को रखा गया है। गैंगरेप को भी आगे रखा गया है। बच्चों के खिलाफ अपराध को भी आगे लाया गया है। मर्डर 302 था, अब 101 हुआ है।

18 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप में आजीवन कारावास और मौत की सजा का प्रावधान है। गैंगरेप के दोषी को 20 साल तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल।

गैर इरादतन हत्या को कैटेगिरी में बांटा
प्रस्तावित कानून में गैर इरादतन हत्या को दो हिस्सों में बांटा गया है। अगर गाड़ी चलाते वक्त हादसा होता है, फिर आरोपी अगर घायल को पुलिस स्टेशन या अस्पताल ले जाता है तो उसे कम सजा दी जाएगी। हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा मिलेगी।

मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा होगी। स्नैचिंग के लिए कानून नहीं था, अब कानून बन गया है। किसी के सिर पर लाठी मारने वाले को सजा तो मिलेगी, इससे ब्रेन डेड की स्थिति में आरोपी को 10 साल की सजा मिलेगी।

पुलिस की जवाबदेही तय होगी
शाह ने कहा- नए कानून में अब पुलिस की भी जवाबदेही तय होगी। अब कोई गिरफ्तार होगा तो पुलिस उसके परिवार को जानकारी देगी। पहले यह जरूरी नहीं था। किसी भी केस में 90 दिनों में क्या हुआ, इसकी जानकारी पुलिस पीड़ित को देगी।

आरोपी की गैरमौजूदगी में भी ट्रायल होगा
देश में कई केस लटके हुए हैं, बॉम्बे ब्लास्ट जैसे केसों के आरोपी पाकिस्तान जैसे देशों में छिपे हैं। अब उनके यहां आने की जरूरत नहीं है। अगर वे 90 दिनों के भीतर कोर्ट के सामने पेश नहीं होते हैं तो उसकी गैरमौजूदगी में ट्रायल होगा।

आधी सजा काटने पर मिल सकती है रिहाई
गंभीर मामलों में आधी सजा काटने के बाद रिहाई मिल सकती है। जजमेंट सालों तक नहीं लटकाया जा सकता। मुकदमा समाप्त होने के बाद जज को 43 दिन में फैसला देना होगा। निर्णय देने के 7 दिन के भीतर सजा सुनानी होगी। पहले सालों तक दया याचिकाएं दाखिल की जाती थीं।

दया की याचिका दोषी ही कर सकता है पहले एनजीओ या कोई संस्थान ऐसी याचिकाएं दाखिल करता था। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद 30 दिन के भीतर ही दया याचिका दाखिल की जा सकेगी।

जो देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा को खतरे में डालकर भय फैलाने का काम करता है, उसे आतंकवादी माना जाएगा।

3 विधेयकों से क्या बदलाव होगा?

  • कई धाराएं और प्रावधान बदल जाएंगे। IPC में 511 धाराएं हैं, अब 356 बचेंगी। 175 धाराएं बदलेंगी। 8 नई जोड़ी जाएंगी, 22 धाराएं खत्म होंगी।
  • इसी तरह CrPC में 533 धाराएं बचेंगी। 160 धाराएं बदलेंगी, 9 नई जुड़ेंगी, 9 खत्म होंगी। पूछताछ से ट्रायल तक वीडियो कॉन्फ्रेंस से करने का प्रावधान होगा, जो पहले नहीं था।
  • सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिकतम 3 साल में देना होगा। देश में 5 करोड़ केस पेंडिंग हैं। इनमें से 4.44 करोड़ केस ट्रायल कोर्ट में हैं।
  • इसी तरह जिला अदालतों में जजों के 25,042 पदों में से 5,850 पद खाली हैं।

लोकसभा से दो और सांसद निलंबित

NDA सांसदों ने राज्यसभा में एक घंटे खड़े रहकर सभापति धनखड़ का समर्थन किया।

NDA सांसदों ने राज्यसभा में एक घंटे खड़े रहकर सभापति धनखड़ का समर्थन किया।

संसद के शीतकालीन सत्र के 13वें दिन (बुधवार) को दो और लोकसभा सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया। केरल कांग्रेस (एम) के थॉमस चादीकदम और माकपा के एएम आरिफ को तख्तियां दिखाने और सदन के वेल में प्रवेश करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र से सस्पेंड किया गया।

अब तक 143 सासंदों के खिलाफ एक्शन लिया जा चुका है। इनमें 109 लोकसभा और 34 राज्यसभा के हैं। इन सांसदों के संसद में दाखिल होने पर रोक लग गई है। मंगलवार (19 दिसंबर) देर रात लोकसभा सचिवालय ने सर्कुलर जारी करके इन सांसदों के पार्लियामेंट चैम्बर, लॉबी और गैलरी में आने पर बैन लगा दिया है।

सांसदों के निलंबन के विरोध में बुधवार को विपक्ष का प्रदर्शन जारी रहा। पहले विपक्षी सांसदों ने गांधी प्रतिमा के सामने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और फिर संसद के मकर द्वार के बाहर प्रदर्शन किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब तक सांसदों का निलंबन वापस नहीं होता, विपक्ष का प्रदर्शन जारी रहेगा।

वहीं, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल उतारे जाने के मामले में सत्ता पक्ष यानी NDA के सांसदों ने अलग तरह से प्रदर्शन किया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि उपराष्ट्रपति धनखड़ के समर्थन में NDA सांसद राज्यसभा में प्रश्न-उत्तर काल में एक घंटे की कार्यवाही के दौरान खड़े रहे। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने विपक्ष ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल रहे।

संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने विपक्ष ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल रहे।

सदन से विपक्षी पार्टियों के 143 सांसदों को सस्पेंड किए जाने के विरोध में आज भी सांसदों ने मकर द्वार के सामने प्रदर्शन किया।

सदन से विपक्षी पार्टियों के 143 सांसदों को सस्पेंड किए जाने के विरोध में आज भी सांसदों ने मकर द्वार के सामने प्रदर्शन किया।

लोकसभा के सर्कुलर के मुताबिक क्या-क्या नहीं कर सकेंगे निलंबित सांसद

  1. सांसदों को चैंबर, लॉबी और गैलरी में एंट्री नहीं मिलेगी। वे उन संसदीय समितियों की बैठकों से भी निलंबित रहेंगे, जिसके वे सदस्य हैं। इसके अलावा वे समितियों के चुनावों में वोटिंग भी नहीं कर सकते। उनके नाम पर लिस्ट ऑफ बिजनेस में कोई आइटम नहीं रखा गया है। सस्पेंशन पीरियड में सांसदों का दिया कोई भी नोटिस स्वीकार्य नहीं है।
  2. अगर सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित होते हैं तो सस्पेंशन पीरियड के लिए डेली अलाउंसेस के हकदार नहीं, क्योंकि संसद सदस्य के वेतन भत्ते और पेंशन अधिनियम 1954 की धारा 2 (डी) के तहत ड्यूटी की जगह पर निलंबित सांसद का रहना, ड्यूटी पर होना नहीं माना जा सकता है।

किस-किस तारीख को कितने सांसद निलंबित हुए

तारीखलोकसभाराज्यसभा
14 दिसंबर131
18 दिसंबर4533
19 दिसंबर49कोई नहीं
20 दिसंबर2कोई नहीं
कुल10934

दो-तिहाई सांसदों के निलंबन पर किसने क्या कहा…

मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस अध्यक्ष)- PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह देशभर में दौरे कर रहे हैं, लेकिन सदन में नहीं आ रहे। ये सदन की गरिमा का अपमान है। बहुत सारे सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा अध्यक्ष ने निलंबित किया है, देश के इतिहास में पहली बार इतने सांसदों को निलंबित किया गया है। लोगों को डराकर लोकतंत्र खत्म करना चाहते हैं।

अखिलेश यादव (सपा अध्यक्ष)- ​​​लोग जानना चाहते हैं जब सांसदों को निलंबित ही करना था तो नए संसद भवन की क्या जरूरत थी? बेहतर होता कि भाजपा पुरानी संसद में ही दो-तीन लोगों के लिए एक नया कमरा बनवा देती।

सुप्रिया सुले (NCP सांसद)- जो देश में हो रहा है, वह बहुत गलत है। हम सिर्फ सुरक्षा में चूक पर चर्चा चाहते हैं। सिर्फ हमारे सांसदों के लिए नहीं, भाजपा के सांसद, मीडिया, सबके लिए। लेकिन सरकार चर्चा से भाग रही है।

राघव चड्ढा (AAP सांसद)- सबसे चौंकाने वाली और दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि भाजपा के जिस सांसद ने सदन में घुसपैठ के लिए दो लोगों की मदद की, जिन्होंने लोकसभा की सुरक्षा का उल्लंघन किया, उन्हें निलंबित या जांच के लिए नहीं बुलाया गया है। जो सदस्य सुरक्षा चूक और भाजपा सांसद की भूमिका पर सरकार से प्रतिक्रिया मांग रहे हैं, उन्हें निलंबित किया जा है।