हाईकोर्ट ने कहा- उधार में दिए पैसे मांगना दुष्प्रेरण नहीं: आत्महत्या के लिए उकसाने के केस में HC का फैसला, प्रताड़ना का केस किया खारिज…
Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: October 23, 2023
बिलासपुर// आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरण के केस में हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि अगर किसी व्यक्ति ने उधारी में किसी को पैसा दिया है तो उसे वापस पाने का हकदार भी है। उधार दिए पैसे वापस मांगना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं है। हाईकोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया है।
दरअसल, पेशे से शिक्षक नरेश यादव ने शैला सिंह को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से संबंधित एक सरकारी योजना पेश की और उसमें राशि निवेश करने की बात कही। शैला सिंह ने तकरीबन 10 लाख रुपए नरेश को दिए। राशि लेने के बाद नरेश यादव ने याचिकाकर्ता की संस्था सहित संबंधित संस्था को उसके हिस्से की राशि नहीं लौटाई।
याचिका के अनुसार जब उसने राशि वापस पाने के लिए कॉल किया तब फोन उठाना बंद कर दिया। नाराज याचिकाकर्ता ने नरेश को राशि वापस नहीं लौटाने पर परिणाम भुगतने की धमकी दी। इससे परेशान नरेश की पत्नी ने डर के कारण जहर खाकर जान दे दी। नरेश की शिकायत पर पुलिस ने याचिकाकर्ता के खिलाफ धारा 306 के तहत आम्हत्या के लिए उकसाने का अपराध दर्ज किया और आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया।
एफआईआर को हाईकोर्ट में दी चुनौती
शैला सिंह ने पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें बताया कि उसने कर्जदार की पत्नी को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित नहीं किया है। शिकायतकर्ता के पास इस संबंध में कोई साक्ष्य भी नहीं है।
पुलिस ने झूठी शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर किया है। याचिकाकर्ता ने एफआइआर और आरोप पत्र को रद करने की मांग की थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राहत देते हुए पुलिस द्वारा दर्ज एफआइआर और विचारण न्यायालय के आदेश को रद कर दिया है।