रायपुर AIIMS में 28 लाख का गबन:अकाउंट अफसर ने नौकरी छोड़ने वालों की जमा राशि हड़पी, पूछताछ में और खुलासे संभव
Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: October 22, 2023
रायपुर// रायपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में लाखों का गबन हुआ है। यहां पदस्थ एकाउंट अफसर ने बिना नोटिस दिए अचानक नौकरी छोड़ने वालों से लाखों रुपए वसूले। फिर उन्हें गलत रसीद थमा दिया। जब इस बात की एम्स प्रबंधन को भनक लगी तो उन्होंने जांच कमेटी बनाई। जिसमें अब तक करीब 28 लाख रुपए की राशि का गबन पाया गया है।
इस मामले में आमानाका थाना पुलिस ने जूनियर अकाउंट ऑफिसर योगेंद्र पटेल को गिरफ्तार भी कर लिया है। इसमें अब तक 20 ऐसे केस सामने आए हैं जिन लोगों की जमा की गई राशि को आरोपी ने प्रबंधन को ना देकर खुद के पास रख लिया था। पूछताछ में और भी खुलासे हो सकते हैं।
मैनेजमेंट में नहीं जमा की राशि
पुलिस में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, ज्यादातर संस्थाओं की तरह ही एम्स में नौकरी छोड़ने से 3 महीने पहले डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को नोटिस देना होता है। यदि कोई स्टाफ बिना नोटिस दिए अचानक नौकरी छोड़ता है तो उन्हें तय राशि एम्स मैनेजमेंट में जमा करनी होती है। साल 2022 में आरोपी योगेंद्र पटेल एम्स के वित्त विभाग में जूनियर अकाउंट पद में पोस्टेड था।
आरोपी ने नौकरी छोड़कर जाने वालों से 75 हजार से लेकर डेढ़ लाख तक वसूल लिए। लेकिन उन्हें पुरानी रसीदें काटकर थमा दी। एम्स प्रबंधन की जांच में यह फैक्ट सामने आया है कि इन गलत रसीदों में आरोपी ने साइन किए हैं। खबर है कि, आरोपी ने कई और कर्मचारी-अधिकारियों की मिलीभगत से जमा राशि हड़पी होगी।
आरोपी के बयान से यह साफ है कि अभी इस मामले में कई और बड़े खुलासे होंगे।
2022 में बनाई समिति ने किया खुलासा
एम्स मैनेजमेंट ने इस प्रकरण की जांच के लिए अगस्त 2022 को एक जांच कमेटी गठित की। जिसमें वहां के प्रोफेसर, जनसंपर्क अधिकारी और एफसीएओ को तीन सदस्य वाली जांच कमेटी का मेंबर बनाया गया। जिन्होंने इस पूरे प्रकरण की बारीकी से जांच की। जिसमें पता चला कि जो स्टाफ और छात्रों ने अचानक नौकरी छोड़ने के समय डिमांड ड्राफ्ट के पैसे दिए थे। वह भी एम्स के खाते तक नहीं पहुंचे हैं।
अब तक 20 केस में 27 लाख 89 हजार का गबन
इस केस में अब तक 20 मामले सामने आए हैं। जिसमें करीब 27 लाख 89 हजार रुपए की राशि का गबन सामने आया है। जांच कमेटी ने पुलिस को बताया कि शुरुआती जांच में कुल 76 नर्सिंग अधिकारियों के नौकरी छोड़ने का मामला पता चला है। जिसमें 6 नर्सिंग अधिकारियों की भी नौकरी छोड़ने के बाद जमा की गई धनराशि की जानकारी नहीं मिली है।
आरोपी ने कहा- फायनेंस के कई और लोगों से पूछताछ हो
जांच कमेटी ने जब योगेंद्र पटेल से पूछताछ की तो उसने बयान दिया कि इस मामले में फाइनेंस कमेटी के कई और कर्मचारी-अधिकारियों से पूछताछ की जानी चाहिए। उन्होंने ही मुझे हस्ताक्षर करने के लिए निर्देशित किया था। आरोपी के इन बयान से यह साफ है कि अभी इस मामले में कई और बड़े खुलासे होंगे। वहीं पुलिस भी आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है।
इस मामले में आमानाका टीआई एस.एल. सोनी ने बताया कि मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। फिलहाल शुरुआती शिकायत और जांच के बाद एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा पूरे मामले की विस्तार से जांच कर और भी दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
‘एम्स स्थापना से लेकर अब तक पूरी जांच हो’
जांच समिति की अनुशंसा पर एम्स मैनेजमेंट ने स्थापना से लेकर वर्तमान समय तक ऐसे सभी मामलों पर जांच करने के लिए आमानाका पुलिस से अनुरोध किया है। जिससे कि सभी वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हो सके और आरोपियों को चिन्हित किया जा सके।