इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स बने CG-PSC टॉपर: टेक्निकल पढ़ाई करते हुए बदला मन फिर प्रशासनिक सेवा में जाने शुरू कर दी तैयारी, डिप्टीकलेक्टर का मिला पद…
Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: September 7, 2023
बिलासपुर// CG-PSC में बिलासपुर के दो स्टूडेंट्स ने बाजी मार ली है और टॉप 5 में जगह बनाया है। दोनों ही प्रतियोगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। इसी दौरान उनका मन बदला और उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने की ठान ली। इसमें उन्हें कामयाबी भी मिली और अब दोनों डिप्टी कलेक्टर बन गए हैं।
गोड़पारा में रहने वाली शिक्षा शर्मा के पिता पवन शर्मा डीपी कॉलेज में प्रोफेसर हैं। शिक्षा शर्मा ने बताया कि ब्रजेश स्कूल में वह टॉपर रहीं। जिसके बाद उसने गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बी-टेक करने के लिए दाखिला लिया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही उसका मन बदला और टेक्निकल जॉब करने के बजाए प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए तैयारी शुरू कर दी। शिक्षा का कहना है कि वह शुरू से ही प्रशासनिक सेवा में आम लोगों की मदद करने के लिए ठान ली थी और इंजीनियरिंग के समय ही तैयारी शुरू कर दी थी। सीजी पीएससी में शिक्षा को चौथा रैंक मिला है और डिप्टी कलेक्टर का पद मिला है।
इंजीनियरिंग के साथ ही शिक्षा शर्मा ने शुरू कर दी थी प्रशासनिक सेवा में जाने की तैयारी।
असफलता से निराश नहीं होना चाहिए
शिक्षा शर्मा कहती हैं कि किसी भी प्रतियोगी को एक उद्देश्य लेकर तैयारी करनी चाहिए। इस दौरान अगर असफलता हाथ लगती है तो निराश नहीं होना चाहिए। चूंकि, मैं खुद दो बार असफल हो चुकी थी, फिर भी तैयारी नहीं छोड़ी और आखिरकार कामयाबी मिल ही गई। ऐसे ही अगर आपने कुछ करने का ठान लिया है, तो उससे पीछे नहीं हटना चाहिए, धीरे-धीरे पर लगातार प्रयास जरूर करना चाहिए।
डिप्टी कलेक्टर बनने के बाद शिक्षा शर्मा के परिजनों का खुशी का ठिकाना नहीं है।
श्रेयांश ने IAS बनने छोड़ दिया लाखों का पैकेज
बिलासपुर के श्रेयांश पटेरिया ने CG PSC में तीसरा रैंक हासिल किया है और उन्हें डिप्टी कलेक्टर का पद मिला है। उनके पिता एलपी पटेरिया रायगढ़ के शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय के पहले कुलपति हैं। श्रेयांश की माता गृहणी है। महर्षि विद्या मंदिर से अपनी स्कूलिंग की पढ़ाई करने वाले श्रेयांश ने एआईईईई एग्जाम दिया और गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक करने के लिए दाखिला लिया। उन्हें एनआईटी रायपुर भी सीट मिल रहा था। लेकिन, पसंदीदा ब्रांच नहीं मिलने पर गुरु घसीदास यूनिवर्सिटी को चुना। साल 2019 में उन्होंने बीटेक की डिग्री पूरी कर ली। इस दौरान टीसीएस विप्रो जैसी बड़ी कंपनियों में लाखों रुपए के पैकेज के साथ जॉब का ऑफर मिला। लेकिन, श्रेयांश शुरू से ही सिविल सर्विसेस में जाने के लिए कोशिश कर रहे थे। लिहाजा, उन्होंने ऑफर ठुकरा दिया। इस बीच उन्होंने पीएससी और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। पीएससी के फर्स्ट अटेम्प्ट में वे सीरियस नहीं थे, जिसके चलते उनका फर्स्ट अटेम्प्ट में प्री क्लियर नहीं हुआ। दूसरे अटेम्प्ट में वे मेंस तक पहुंचे पर इंटरव्यू के लिए चयनित नहीं हो पाए। इस बार उनका तीसरा अटेम्प्ट था जिसमें वे इंटरव्यू में पहुंच कर फाइनली सिलेक्ट हो गए।
श्रेयांश पटेरिया को सीजी पीएससी में मिला तीसरा रैंक।
डिप्टी कलेक्टर बनकर करेंगे यूपीएससी की तैयारी
श्रेयांश ने कहा कि फिलहाल, वे दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। वह अब छत्तीसगढ़ आकर डिप्टी कलेक्टर के पद पर जॉइन करेंगे। इसके साथ ही यूपीएससी की तैयारी भी करेंगे। उन्होंने कहा कि इस साल यूपीएससी मेंस का पहला अटेम्प्ट दिया था। लेकिन, सफलता नहीं मिली।
यू-ट्यूब चैनर्ल्स से मिली मदद, नहीं की कोचिंग
श्रेयांश ने बताया कि वह शुरू से ही घर पर ही रहकर सेल्फ प्रिपरेशन करते रहे। यूपीएससी की भी तैयारी के लिए भी उन्होंने यू-ट्यूब चैनल्स का सहारा लिया, जिसमें उन्हें काफी मदद मिली। फिलासफी मेंन सब्जेक्ट रखा है। श्रेयांश बताते हैं कि यूट्यूब चैनल निशुल्क परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं और काफी अच्छा ज्ञान भी मिलता है। तैयारी के लिए वे कभी किसी कोचिंग नहीं गए और सेल्फ प्रिपरेशन से ही ऑनलाइन गाइडलाइंस ले घर से ही पढ़ाई की।