SECL की वादाखिलाफी से त्रस्त विस्थापित ने किया जहर सेवन…विस्थापितों के द्वारा आत्मघाती कदम उठाए जाने की चेतावनी के बाद भी गंभीर नहीं है SECL प्रबंधन…

Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: June 14, 2023

कोरबा। एसईसीएल की कुसमुंडा परियोजना से प्रभावित एक ग्रामीण ने त्रस्त होकर जान देने की गरज से जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया है। ग्राम चंद्रनगर निवासी दिलहरण पटेल ने यह आत्मघाती कदम उठाया है और इसके लिए एसईसीएल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। दिलहरण के पुत्र मुकेश कुमार ने बताया कि एसईसीएल द्वारा घर का सर्वे किया गया और कहा गया था कि काम देंगे। इसके बाद आज तक न तो काम मिला है और न ही मुआवजा दिया गया। एसईसीएल के इस रवैय्ये के कारण जीवन यापन मुश्किल हो गया है। परेशान होकर दिलहरण ने जहर का सेवन कर लिया और परिवार मुसीबत में पड़ गया है। बहरहाल स्व. बिसाहूदास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में दिलहरण का उपचार जारी है।
बता दें कि इससे पहले भी एसईसीएल की अन्य परियोजना से प्रभावित भू-विस्थापितों के द्वारा आत्मघाती कदम उठाए जाने की चेतावनी दी जा चुकी है लेकिन गंभीरता प्रबंधन के द्वारा नहीं दिखाई जा रही।
पात्र भू-विस्थापित भटक रहे

कुसमुंडा परियोजना का आलम यह है कि ऐसे भू-विस्थापित जिनकी नौकरी से संबंधित सारे दस्तावेज की जांच और औपचारिकताएं पूर्ण हो चुकी है तथा स्थानीय से लेकर मुख्यालय स्तर तक कोई भी कमी शेष नहीं है, ऐसे पात्र भू-विस्थापितों को भी नौकरी के लिए कोई न कोई बहाना करके घुमाया जा रहा है। अपने स्तर पर भेंट चढ़ावा लेने के बाद भी कागजों के नाम पर चक्कर लगवाए जाने की परंपरा के कारण पात्र हितग्राहियों की उम्र भी निकलती जा रही है। उनके नौकरी करने की आयु सीमा घटने तथा हो रहे आर्थिक नुकसान के लिए आखिर जिम्मेदारी कौन लेगा? यह तो संबंधित भू-विस्थापितों का धैर्य है कि वे शांतिपूर्वक अपनी नौकरी के लिए इंतजार कर रहे हैं वरना भू-विस्थापितों ने सब्र का बांध टूटने पर खदान में महाबंदी जैसे आंदोलन को तो अंजाम दे ही दिया है। आने वाले दिनों में पुन: महाबंदी की चेतावनी दे दी गई है।