कोई सब्जी बेच रहा तो कोई दवाई, इन 10 IAS अफसरों ने सरकारी नौकरी छोड़कर खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी…

Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: June 6, 2023

सरकारी नौकरी किसे पसंद नहीं है, लेकिन हम आपको आज ऐसे कुछ IAS अधिकारियों से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर अपने सपनों को पूरा किया। कारोबार का अनुभव नहीं होने के बाद भी वो आज सफल कारोबारी हैं।  

नई दिल्ली: सरकारी नौकरी किसे पसंद नहीं है। फिक्स ऑफिस टाइमिंग, अच्छी सैलरी, रिटायरमेंट के बाद पेंशन और सबसे बड़ी बात नौकरी की सिक्योरिटी।यही वजह है कि लोग सरकारी नौकरी के लिए तरसते हैं। अगर नौकरी IAS अधिकारी की हो तो क्या कहने। देश क सबसे कठिन परिक्षाओं में से एक UPSC की परीक्षा पास कर लोग IAS अफसर बनते हैं। कोई कलेक्टर बनता है तो कोई कमिश्नर । सैलरी के साथ घऱ-गाड़ी समेत तमाम सुविधाएं मिलती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने सपने को पूरा करने के लिए इस सरकारी नौकरी को छोड़ने में भी परहेज नहीं करते हैं। हम आपको आज ऐसे ही कुछ आईएएस अधिकारियों से मिलवा रहे हैं, जिन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर अपना कारोबार शुरू करने का फैसला किया। शुरुआती चुनौतियों के बाद आज वो सफल बिजनेसमैन है। करोड़ों की कंपनी चलाते हैं।

​पहले डॉक्टर, फिर IAS और फिर बिजनेसमैन​

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रोमन सैनी (Roman Saini) की कहानी भी अलग है। मजह 16 साल की उम्र में उन्होंने AIIMS की परीक्षा पास कर ली। MBBS की डिग्री पूरी की और डॉक्टर बन गए। रोमन का मन इसमें नहीं लगा। NDDTC के लिए जूनियर रेजिडेंट के तौर पर काम करने के बाद उन्होंने दो साल बाद ही इस्तीफा दे दिया और UPSC की तैयारी में जुट हए। पहले ही प्रयास में उन्होंने यूपीएससी क्लियर कर दिया और IAS अधिकारी बन गए। दो साल बाद उन्होंने यहां से भी इस्तीफा दे दिया। सरकारी नौकरी छोड़कर उन्होंने एडुटेक कंपनी अनएकेडमी (Unacademy) की शुरुआत की।

​IAS की नौकरी छोड़कर बेच रहे सब्जी​

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प्रवेश शर्मा 1982 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने बतौर आईएएस अधिकारी 34 साल कर अपनी सर्विस दी और साल 2016 में रिटायरमेंट ले ली। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने अपना कारोबार शुरू किया। उन्होंने ‘सब्जीवाला’ (Sabziwala) नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। अपने स्टार्टअप के जरिए वो फल और सब्जियां बेचते हैं।

​सरकारी नौकरी छोड़कर बेच रहे दवाई​

​सरकारी नौकरी छोड़कर बेच रहे दवाई​

डॉ सैयद सबाहत अजीम साल 2000 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। डॉ सैयद ने नौकरी छोड़कर हेल्थकेयर सेक्टर में अपना स्टार्टअप शुरू किया। हालांकि इसके पीछे एक कहानी है। दरअसल उनके पिता की मृत्यु वक्त पर सही इलाज नहीं मिल पाने की वजह से हो गई, जिसके बाद उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर अपने तरीके से हेल्थ केयर सेक्टर में सुधार लाने के लिए कारोबार जगत मे उतरने का फैसला किया। उन्होंने अपना स्टार्टअप Glocal Healthcare Systems की शुरुआत की।

​IIT, UPSC करने के बाद पढ़ा रहे हैं ट्यूशन​

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पहले IIT और फिर UPSC की परीक्षा पास करने के बाद राजन सिंह आईपीएस अधिकारी (IPS ) रह चुके हैं। उन्होंने तीन साल तक तिरुवनंतपुरम के पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी संभाली है। 8 सालों तक IPS अधिकारी के तौर पर काम करने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। साल 2016 में उन्होंने ऑनलाइन कोचिंग क्लास ConceptOwl की शुरुआत की।

​22 साल की नौकरी के बाद शुरू किया कारोबार​

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विवेक कुलकर्णी, साल 1979 बैच के आईएएस अधिकारी है। 22 सालों तक आईएएस अधिकारी के तौर पर काम करने के बाद वो कर्नाटक सरकार के आईटी और बायोटेक्नोलॉजी सेक्रेटरी के तौर पर भी काम किया। नौकरी से इस्तीफा देने के बाद साल 2005 में उन्होंने ब्रिकवर्ड इंडिया फर्म की स्थापना की। ब्रिकवर्ड इंडिया एक नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग फर्म है।

मामूली फीस में स्पेस स्डटी

मामूली फीस में स्पेस स्डटी

जीवी राव एक रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हैं। उन्होंने साल 2014 में स्वैच्छिक रिटायरमेंट ली । नौकरी के बाद उन्होंने आराम करने के बजाए उन्होंने लर्निंग स्पेस एजुकेशनल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की। वो बेहद मामूली फीस में बच्चों को स्पेस एजुकेशन की फैसिलिटी देते हैं।

​संजय गुप्ता​

​संजय गुप्ता​

संजय गुप्ता साल 1985 बैच के IAS अधिकारी हैं। उन्होंने 22 साल की उम्र में यूपीएससी, सिविल सेवा परीक्षा पास की और साल 2002 में स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले ली। सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने अडानी समूह में सीईओ के तौर पर काम किया । बाद में उन्होंने लग्जरी होटल चेन कॉम्बो लॉन्च किया।

​6 साल नौकरी कर दिया इस्तीफा

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केरल के रहने वाले बालगोपाल चंद्रशेखर साल 1976 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं। ट्रेनिंग के पास उन्हें मणिपुर कैडर मिला। उन्होंने मात्र 6 साल नौकरी करने के बाद साल 1983 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया और अपने भाई के साथ मिलकर बायोमेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनी शुरू की। कुछ ही सालों में उनकी कंपनी पेनपोल (Terumo Penpol) ने अच्छी मुनाफा कमाना शुरू कर दिया।

​IAS की नौकरी छोड़ की 2250 रुपये की प्राइवेट नौकरी

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मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव पूर्व IAS अधिकारी हैं। 1956 बैच के आईएएस अधिकारी UPSC के टॉपर रहे हैं। भार्गव ने 80 के दशक में IAS अधिकारी के तौर पर अपनी सरकारी नौकरी छोड़ने का फैसला लिया। इस्तीफे के बाद उन्होंने मारुति सुजुकी के साथ अपने सफर की शुरुआत की। उनकी शुरुआती सैलरी मात्र 2250 रुपये थी। आज वो कंपनी के चेयरमैन हैं।