रूस का साथ देने पर मिलेंगे परमाणु हथियार: बेलारूस के राष्ट्रपति ने किया ऐलान; 1991 के बाद पहली बार विदेशी धरती पर रूसी न्युक्लियर वेपन…

रूस गुरुवार से पड़ोसी देश बेलारूस में अपने परमाणु हथियार तैनात करना शुरू कर चुका है। इसके 3 दिन बाद अब बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा है कि जो देश पुतिन और उनका साथ देंगे उन्हें परमाणु हथियार दिए जाएंगे।
लुकाशेंको ने ये बात रविवार को एक ऑन कैमरा इंटरव्यू में कही। वो इस दौरान कजाकिस्तान से रूस के रिश्तों को लेकर बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि साथी देश यूनाइटेड स्टेट ऑफ बेलारूस और रूस में शामिल हो जाएं तो उन्हें परमाणु हथियार मिल जाएंगे।

तस्वीर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको की है। (फाइल फोटो)
1991 के बाद पहली बार विदेशी धरती पर होंगे रूसी परमाणु हथियार
1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद पहली बार ऐसा होगा जब रूस किसी विदेशी धरती पर परमाणु हथियारों को तैनाती करेगा। हालांकि इन पर रूस का ही कब्जा रहेगा। इस समझौते पर लुकाशेंको ने कहा था कि ‘हमें परमाणु हथियारों के लिए स्टोरेज फैसिलिटी बनानी थी। ये काम पूरा हो चुका है। रूस से परमाणु हथियारों का स्थानांतरण भी शुरू हो चुका है’।
वहीं, जब उनसे परमाणु हथियारों के बेलारूस पहुंचने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘हो सकता है पहुंच गए हों, मुझे जाकर देखना होगा।’
रूस आखिर क्यों बेलारूस में तैनात कर रहा परमाणु हथियार?
25 मार्च को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने बेलारूस में रूस के परमाणु हथियार तैनात करने की घोषणा की थी। पुतिन ने कहा था कि बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको काफी समय से परमाणु हथियारों को उनके देश में तैनात करने की मांग कर रहे हैं। बेलारूस के साथ रूस के करीबी सैन्य संबंध हैं।
पुतिन ने कहा था कि रूसी परमाणु हथियारों की बेलारूस में तैनाती का कारण ब्रिटेन का यूक्रेन को आर्मर पियर्सिंग शेल मुहैया कराना बताया था, जिसमें यूरेनियम होता है। पुतिन का कहना था कि परमाणु हथियारों को बेलारूस में रख कर रूस वही कर रहा है जो अमेरिका ने कई दशकों से बेल्जियम, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स और तुर्की में परमाणु हथियारों को रख कर किया।
पुतिन ने यह भी कहा था कि रूस का कदम परमाणु हथियारों से जुड़ी किसी अंतरराष्ट्रीय संधि की अवहेलना नहीं करता है। अमेरिका ने नाटो सहयोगियों के इलाके में हथियार तैनात कर संधि का उल्लंघन किया है। पुतिन ने यह साफ किया था कि बेलारूस में परमाणु हथियारों की देखरेख रूसी सैनिकों के हाथ में होगी। इससे परमाणु अप्रसार समझौते का कोई उल्लंघन नहीं होता है।