शरीफ सरकार ने करवाए थे सैन्य ठिकानों पर हमले: मिलिट्री इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में खुलासा, गृह मंत्रालय ने लोगों को उकसाने का आदेश दिया था…
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: May 26, 2023
इस्लामाबाद// पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की 9 मई को गिरफ्तारी और उसके बाद हुए उपद्रव से उठा सियासी तूफान थम नहीं रहा है। इस बीच, सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को सौंपी गई एक रिपोर्ट ने शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इमरान की गिरफ्तारी के बाद कुछ सैन्य ठिकानों पर हमले सरकार के इशारे पर किए गए थे।
यह फुटेज लाहौर का है। इमरान की गिरफ्तारी के बाद यहां एक आर्मी कमांडर के घर को आग के हवाले कर दिया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है गृह मंत्रालय के निर्देश पर तोड़फोड़ और सेना की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए खुफिया ब्यूरो (IB) ने सरकार समर्थकों को उकसाया था। IB सरकार के अधीन आता है। इस तरह से उकसाने का मकसद इमरान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को सेना का दुश्मन बना देना था। यह रिपोर्ट मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) ने तैयार की है।
PTI और इमरान पर पाबंदी लगाना चाहते हैं नवाज शरीफ
एनर्जी सिक्युरिटी स्कॉलर सईद अफरीदी का कहना है कि इमरान को सत्ता से बेदखल करने के बाद से ही PML-N नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की टीम PTI या इमरान पर पाबंदी लगाने का मौका तलाश रही थी। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में भी नवाज की टीम ने PTI पर पाबंदी लगाने के लिए सहमति बनाने की कोशिश की थी, लेकिन सरकार की सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल ने इसका विरोध किया।
नवाज के करीबी और सरकार के दूसरे सबसे ताकतवर मंत्री गृहमंत्री राणा सनाउल्ला तो चुनाव कराने की मांग कर रहे इमरान को कई बार धमका चुके हैं। एक इंटरव्यू में तो राणा ने यहां तक कह दिया था कि इमरान देश की सियासत को आज ऐसे मोड़ पर ले आए हैं, जहां हममें से केवल एक ही अस्तित्व में रह सकता है। अगर बात हमारे अस्तित्व पर आई तो ऐसा कोई भी कदम उठाने से नहीं चूकेंगे जो लोकतांत्रिक हो या न हो।
इमरान की बढ़ती लोकप्रियता को देख सरकार चुनाव करवाने से डर रही है।
लगातार बढ़ रही इमरान की लोकप्रियता
सईद के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 9 मई को इमरान की गिरफ्तारी अवैध ठहराए जाने के पहले और बाद की घटनाओं पर नजर डालें तो साजिश की पर्तें खुल जाएंगी। दरअसल, इमरान की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही थी। वे पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में चुनाव कराने के लिए सरकार और प्रतिष्ठान पर दबाव बना रहे थे। सरकार और सैन्य प्रतिष्ठान ने इमरान को रोकने के लिए उन्हें गिरफ्तार करने का फैसला किया।
इस दिशा में सरकार की तत्काल पहली प्रतिक्रिया काफी तीखी थी। PTI के साथ आतंकी संगठन जैसा व्यवहार किया गया। उनके समर्थकों को मनमाने ढंग से और बड़ी संख्या में हिरासत में लिया गया। उन पर सैन्य अदालतों में केस चलाया जा रहा है।
अपने मुताबिक चुनाव कराना चाहती है सरकार
विश्लेषकों का कहना है कि नवाज बदला लेने वाले इंसान हैं। उन्हें इमरान के साथ ही सेना से भी नफरत है। टीवी एंकर और विश्लेषक वसीम बदामी के मुताबिक नवाज के लिए यही आदर्श स्थिति है कि शक्तिशाली सेना और पीटीआई को आमने-सामने खड़ा कर दो। विश्लेषक मोईद पीरजादा का भी कहना है 9 मई की घटनाओं से साफ है कि सबकुछ पीटीआई को खत्म करने और सरकार के मुताबिक चुनाव कराने की सुनियोजित योजना के तहत किया गया था।