बैंक लॉकर से चोरी हो गया गहना, तो नुकसान आपका या बैंक का…?

Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: May 25, 2023

नई दिल्लीः यह खबर नोएडा से आई है। नोएडा के निवासी ऋतिक सिंघल का एचडीएफसी बैंक, सेक्टर 121 ब्रांच में खाता है। वहीं उन्होंने लॉकर भी लिया हुआ है। इस लॉकर में उनकी पत्नी के करीब 30 लाख रुपये के जेवर रखे हुए थे। उन्होंने लॉकर का अंतिम बार ऑपरेशन कोरोना लॉकडाउन से ठीक पहले, फरवरी 2020 में किया था ।उसके बाद वह आस्ट्रेलिया चले गए। वहां से वापस आने के बाद जब वह ब्रांच गए और लॉकर खोला तो उनके होश उड़ गए। लॉकर से गहने गायब थे। ब्रांच मैनेजर ने इस घटना से पल्ला झाड़ लिया। उसके बाद उन्होंने इसकी पुलिस में एफआईआर करवाई।

ऋतिक सिंघल के साथ जो कुछ हुआ, वह आपके साथ भी हो सकता है। यहां सवाल उठता है कि बैंक लॉकर से गहने गायब होने पर बैंक की कितनी जिम्मेदारी होती है? यदि गहने बैंक के लॉकर से गायब हुए तो नुकसान आपका है या बैंक का? हम आपको बताते हैं इन्हीं सवालों के जवाब..

क्या हुआ ऋितक सिंघल के साथ

क्या हुआ ऋितक सिंघल के साथ

नोएडा के निवासी ऋतिक सिंघल का एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), सेक्टर 121 ब्रांच में खाता है। वहीं उन्होंने लॉकर भी किराए पर लिया हुआ है। इस लॉकर में उनकी पत्नी के करीब 30 लाख रुपये के जेवर रखे हुए थे। उन्होंने लॉकर का अंतिम बार ऑपरेशन कोरोना लॉकडाउन से ठीक पहले, फरवरी 2020 में किया था। उसके बाद वह आस्ट्रेलिया चले गए। वहां से वापस आने के बाद जब वह ब्रांच गए और लॉकर खोला तो उनके होश उड़ गए। लॉकर से गहने गायब थे। ब्रांच मैनेजर ने इस घटना से पल्ला झाड़ लिया। उसके बाद उन्होंने इसकी पुलिस में एफआईआर करवाई।

लॉकर का बढ़ रहा है उपयोग

लॉकर का बढ़ रहा है उपयोग

पहले बैंक में लॉकर आम आदमी का नहीं होता था। अमीर-उमरा ही इसकी सेवा लेते थे। लेकिन अब आम आदमी भी इसका उपयोग करने लगा है। वैसे भी चोरी चकारी की बढ़ती घटना को देखते हुए लोग बैंक लॉकर रेंट पर लेकर अपने जेवरात और बहुमूल्‍य चीजों को उसमें रख देते हैं। लेकिन अगर आपका कीमती सामान बैंक के लॉकर से भी चोरी हो जाए तो नियमानुसार इसका जिम्‍मेदार बैंक नहीं है। क्‍योंकि बैंक लॉकर में रखे सामान के लिए पूरी तरह से वह जिम्‍मेदार नहीं होता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में बैंक आपके सामान के नुकसान की भरपाई करता है। आइए, जानते हैं लॉकर में रखे सामान को लेकर क्‍या है बैंक का नियम?

लॉकर मतलब किराए का मकान

लॉकर मतलब किराए का मकान

जब आप किसी बैंक से लॉकर लेते हैं तो आपके और बैंक के बीच, बैंक और ग्राहक का रिश्‍ता नहीं होता है। यह रिश्‍ता मकान मालिक और किराएदार जैसा होता है। जिस तरह मकान मालिक अपना मकान किराए पर देता है, लेकिन किराएदार के सामान के लिए उसकी कोई जिम्‍मेदारी नहीं होती है। ठीक उसी तरह बैंक अपना लॉकर किराए पर देता है, लेकिन उसमें रखे सामान की जिम्‍मेदारी बैंक की नहीं होती है।

बैंक लॉकर लेने वाले से करता है एग्रीमेंट

बैंक लॉकर लेने वाले से करता है एग्रीमेंट

आप किसी बैंक से लॉकर लेते हैं तो बैंक और लॉकर लेने वाले व्‍यक्ति के बीच एक एग्रीमेंट होता है। इसमें स्‍पष्‍ट रूप से लिखा होता है कि बारिश, आग, भूकंप, बाढ़, बिजली गिरने, नागरिक विद्रोह, युद्ध, दंगे आदि में या फिर ऐसा कोई कारण, जो कि बैंक के नियंत्रण से बाहर हो, ऐसे किसी मामले में आपके लॉकर में रखे सामान के लिए बैंक जिम्‍मेदार नहीं होगा। इस एग्रीमेंट में यह भी लिखा होता है कि आपके सामान की सुरक्षा के लिए बैंक पूरी सावधानी बरतेगा और बेहतर इंतजाम करेगा, लेकिन लॉकर में रखे सामान के लिए बैंक जिम्‍मेदार नहीं होगा।

रिजर्व बैंक का नियम क्या कहता है

रिजर्व बैंक का नियम क्या कहता है

बैंक लॉकर में सामानों की सुरक्षा को लेकर काफी खबरें आती रहती हैं। यह मामला रिजर्व बैंक तक भी पहुंचा है। इसके बाद आरबीआई ने इस बारे में कुछ नियम बनाए हैं। ये नियम जनवरी 2022 से लागू हो चुके हैं। इस नियम के मुताबिक बैंक यह नहीं कह सकते कि लॉकर में रखे सामान को लेकर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। चोरी, धोखाधड़ी, आग या भवन ढह जाने की स्थिति में बैंक की जिम्मेदारी लॉकर के वार्षिक किराये के 100 गुना तक की होगी। इसके अलावा बैंक को लॉकर की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाने होंगे। ग्राहक जब भी अपना लॉकर एक्‍सेस करेंगे तो इसका अलर्ट बैंक के माध्‍यम से ई-मेल और एसएमएस के जरिए ग्राहक को मिलेगा। लॉकर रूम में आने-जाने वालों की अब सीसीटीवी से न‍िगरानी करना जरूरी है। साथ ही सीसीटीवी फुटेज को 180 दिनों तक रखना होगा। अगर किसी घटना में यह सिद्ध हो जाता है कि लॉकर के सामान का नुकसान बैंक कर्मचारी की मिलीभगत से हुआ है या सुरक्षा व्‍यवस्‍था में लापरवाही से हुआ है, तो बैंक को इसके लिए जिम्‍मेदार माना जाता है।