CG के पहले वकील बने सुप्रीम कोर्ट जस्टिस: प्रशांत मिश्रा HC जस्टिस फिर आंध्र प्रदेश के CJ रहे, साथी बोले-फैसलों पर कभी नहीं उठा सवाल…
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: May 19, 2023
बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के लिए आज बड़ा दिन है। ऐसा इसलिए, क्योंकि 23 साल के इतिहास में पहला मौका है, जब यहां के वकील ने शीर्ष न्यायिक अदालत में अपनी चमक दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जज की शपथ लेने वाले प्रशांत मिश्रा यहां के वकीलों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता कल्पथी वेंकटरमण विश्वनाथन को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा को शपथ दिलाई।
सुप्रीम कोर्ट के सभागार में एक समारोह के दौरान नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई गई। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जस्टिस प्रशांत मिश्रा के साथ काम करने वाले वकीलों ने बताया कि जब वे साथ में काम करते थे, तब जूनियर वकीलों को हमेशा मार्गदर्शन और आगे बढ़ने की सीख देते थे।
जज बनने के बाद भी वे बहुत सुलझे हुए तरीके से वकीलों को हर एक मामले में समझाइश देते थे। कुछ जूनियर वकीलों का कहना है कि कभी-कभी गलती होने पर उनकी डांट भी सुननी पड़ती थी। सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी ने कहा कि प्रशांत प्रैक्टिस के समय में एक अच्छे वकील के रूप में पहचान बनाई। उनके फैसलों को लेकर भी कभी कोई सवाल नहीं उठा। वकील रमाकांत पांडेय ने कहा कि जज बनने से पहले और बाद में भी जस्टिस प्रशांत हाईकोर्ट के वकीलों को हमेशा मार्गदर्शन देते रहे हैं। जस्टिस प्रशांत के शपथ लेने के बाद हाईकोर्ट के वकीलों में खुशी का माहौल है।
स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन भी रहे
एडवोकेट रहते हुए प्रशांत मिश्रा स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन भी रहे है। फिर बाद में उन्हें महाधिवक्ता की जिम्मेदारी दी गई। आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में दो साल पहले जब उन्हें चीफ जस्टिस बनाया गया। तभी तय हो गया था कि छत्तीसगढ़ के इस हीरे की चमक सुप्रीम कोर्ट में भी दिखेगी। यह सही भी हुआ और अब वे सुप्रीम कोर्ट के जज बन गए हैं।
साधारण वकील परिवार से हैं जस्टिस मिश्रा़
जस्टिस प्रशांत मिश्रा का जन्म छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हुआ है। उनके दिवंगत पिता विद्याधर मिश्रा रायगढ़ कोर्ट में वकील थे। पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए प्रशांत मिश्रा ने भी बीएससी करने के बाद गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री ली। फिर रायगढ़ जिला अदालत में प्रैक्टिस करते करते जबलपुर हाईकोर्ट में भी वकालत करने लगे। इसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य और हाईकोर्ट बनने के बाद बिलासपुर आ गए और यहां बड़े वकील के रूप में पहचान बना ली।
दो साल पहले जस्टिस प्रशांत मिश्रा आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे, तब बिलासपुर के वकील भी वहां शपथग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने गए थे।
2009 में बने हाईकोर्ट के जज
प्रशांत मिश्रा दो साल तक छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन रहे। साल 2005 में वे सीनियर एडवोकेट बन गए थे। फिर उन्हें राज्य सरकार ने 2007 में महाधिवक्ता नियुक्त किया। इस दौरान उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन किया और कोर्ट में पूरी दमदारी और कानूनी तथ्यों के साथ सरकार का पक्ष रखा। इसके बाद 10 दिसंबर 2009 में उन्हें हाईकोर्ट का जज बना दिया गया। दो साल पहले ही उन्हें सीनियर जज से आंध्रप्रदेश का चीफ जस्टिस बनाया गया और अब सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए गए हैं।