छत्तीसगढ़ के स्टूडेंट, जिन्होंने CBSE में किया कमाल: जुड़वा बहनों ने एक साथ पढ़ाई की, एक जैसे आए नंबर; 100 में 100 लाने का बताया राज…चेहरा इतना मिलता है कि नाम के सामने से फोटो और प्रतिशत भी कई बार बदल जाते थे…
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: May 13, 2023
रायपुर// केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 12वीं का रिजल्ट शुक्रवार को जारी किया। जिसमें इस साल कुल 87.33% स्टूडेंट्स पास हुए हैं। इनमें से 90.68% लड़कियां और 84.67% लड़के हैं। अनहेल्दी कॉम्पिटिशन से बचने के लिए 12वीं के नतीजों में बड़े बदलाव किए गए। बोर्ड रिजल्ट के साथ स्टूडेंट्स की फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड डिवीजन की जानकारी नहीं दी। इस बार मेरिट लिस्ट भी जारी नहीं की गई।
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 12वीं का रिजल्ट शुक्रवार को जारी किया है।
10वीं में 93.12% स्टूडेंट्स पास हुए। छात्राओं ने छात्रों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। 94.25% लड़कियां, तो 92.72% लड़के सफल हुए। 10वीं की परीक्षा 5 फरवरी से 21 मार्च के बीच हुई थी। देश के 21 लाख 86 हजार 940 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। परीक्षा में 21 लाख छात्र शामिल हुए थे। 10वीं और 12वीं में रायपुर के बच्चों ने भी काफी अच्छे मार्क्स हासिल किए, इस रिपोर्ट में पढ़िए इन होनहारों की कहानी
जुड़वा बहनों ने चौंकाया
एनएच गोयल स्कूल में 12वीं कॉमर्स स्ट्रीम की स्नेहा अग्रवाल और श्रुति अग्रवाल दोनों जुड़वा बहने हैं। स्नेहा ने बताया कि स्कूल की क्लासेस के बाद सेल्फ स्टडी करती थीं। यदि कोई डाउट हुआ तो एक दूसरे से पूछते थे। हम स्कूल में हमेशा साथ में ही रहते है। लोगों को हमेशा पहचानने में दिक्कत होती है कि कौन स्नेहा है और कौन श्रुति है। पिछली क्लासेस में नाम के सामने से हमारे फोटो और प्रतिशत भी कई बार बदल जाते थे।
दोनों बहनें हम साथ में ही पढ़ाई करती हैं, और बॉस्केटबॉल खेलती हैं। दोनों ने बताया कि हम माइंड फ्रेश करने के लिए दोस्तों से बात करते थे। मोबाइल बहुत कम ही यूज करते हैं। सोशल मीडिया में भी नहीं हैं। किसी भी टॉपिक को याद करने के लिए नोट्स बनाते थे। उसमें भी एक टॉपिक मैं तो एक टॉपिक का नोट्स श्रुति बनाती थी। मां पापा, दादा पढ़ाई के लिए हमेशा मोटिवेट करते थे। प्रॉपर ओडिशा से हैं 9वीं क्लास से साथ में हॉस्टल में रहते हैं। अभी हम दोनों CA की तैयारी करेंगे। इनकी मां कोमल अग्रवाल, हाउस वाइफ और पिता विकास अग्रवाल, बिजनेसमैन हैं।
नमन के 98% मार्क्स
नमन ने 12-12 घंटे की पढ़ाई।
रायपुर की बात करें तो 12वीं में द्रोणाचार्य स्कूल के नमन शर्मा को 98 प्रतिशत अंक मिले हैं। नमन ने बताया कि, प्रॉपर नोट्स के साथ दिनभर में 12 घंटे पढ़ाई करते थे। इसके साथ ही वो जेईई की तैयारी भी कर रहे हैं। जेईई मेंस के रिजल्ट में उन्हें ऑल इंडिया रैंक 615 मिली है। अभी वे जेईई एडवांस्ड की तैयारी कर रहे हैं। प्रॉपर हरियाणा से हैं। नमन के पिता कौशल शर्मा जिंदल में एवीपी हैं। मां सुमन शर्मा हाउसवाइफ हैं।
10वीं में आरुषी को मिले 98.2 अंक
हर विषय के 15 सेंपल आरुषी ने सॉल्व किए।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) 10वीं में डीपीएस की आरुषी विजयवर्गीय 98.2 प्रतिशत अंक के साथ टॉप पर रहीं। डेली सब्जेक्ट वाइस टॉस्क बनाती थीं और उसे पूरा करने के बाद ही रात को सोती थीं। नोट्स तैयार करती थीं। हर सब्जेक्ट के 15-15 सैंपल पेपर सॉल्व की थीं। स्कूल से आने के बाद से पढ़ाई शुरू कर देती थीं। पढ़ाई के लिए सुबह का समय रखा। वेकेशन में सुबह 5 बजे से ही पढ़ाई शुरू करती थीं।
आरुषी ने पिछले 3 साल पुराने पेपर साॅल्व किए थे। डाउट होने पर टीचर्स और पैरेंट्स उसे क्लियर करते थे। स्कूल में जो भी पढ़ाया जाता था उसे घर आकर रिवाइस कर लेती थीं। और स्कूल जाने से पहले पढ़ाए जाने वाले टॉपिक को भी पढ़ लेती थीं। ताकि टॉपिक अच्छे से समझ में आ सके। कॉन्सेप्ट क्लियर करती थीं। प्रॉपर भोपाल से हैं। आगे एडवोकेट बनना है। इनके पिता अमित विजयवर्गीय एनटीपीसी में डीजीएम हैं। मां डॉ राजश्री विजयवर्गीय सिपेट में असि प्रोफेसर हैं।
गाने सुनकर फ्रेश रखा मूड आए 100 में से 100
मूड फ्रेश रखकर हिया ने 100 में से 100 नंबर हासिल किए हैं।
हिया चंद्राकर को 12वीं में तीन विषयों में 100-100 अंक मिले हैं। इसमें एकाउंट्स, कम्प्यूटर साइंस और बिजनेस स्टडीज शामिल हैं। उन्होंने बताया कि रोजाना 5 घंटे सेल्फ स्टडी करने के साथ ही सैंपल पेपर सॉल्व करती थी। 3 साल पुराने पेपर के साथ अलग-अलग इंस्टीट्यूट्स से मिले सैंपल पेपर को सॉल्व करती थी। कोई भी डाउट होता था तो मां और टीचर्स की मदद से उसे क्लियर करती थी। रेगुलर पढ़ाई करती थी और कॉन्सेप्ट को क्लियर करती थी। रोजाना टारगेट सेट करने के साथ ही टाइम टेबल बनाकर पढ़ती थी। मूड फ्रेश करने के लिए गाने सुनती थी। दोस्तों से टॉपिक्स पर डिस्कशन करती थी। प्रॉपर रायपुर से हैं। पिता मनोल चद्राकर बिजनेसमैन हैं और मां मोना हाउस वाइफ हैं।
15-15 बार पढ़ी किताबें
गुरबानी ने भी अच्छे मार्क्स हासिल किए।
10वीं की छात्रा गुरबानी सिंह छाबड़ा ने शुरु से ही एनसीआरटी पर फोकस रखा। किताबों को 15 बार पढ़ीं। इसके अलावा मैथ्स स्टेंडर्ड था। तो उसे 9 बार साॅल्व किया। रोजाना 9 घंटे पढ़ाई करती थीं। सीबीएसई के सैंपल पेपर सॉल्व करती हैं। साइंस के लिए 50, मैथ्स के लिए 75, इंग्लिश के लिए 15 और एसएसटी के लिए 25 पेपर सॉल्व किए। 10 साल पुराने पेपर भी सॉल्व किए थे। रात को जो भी पढ़ती थी उसे सुबह उठकर कोरे कागज में लिखती थी। ज्यादा एक्स्ट्रा नहीं पढ़ी, लेकिन रोजाना पढ़ती थी। मार्क्स आए – 97.60 प्रतिशत। अब आगे नीट की तैयारी कर रही हैं। पिता जशविंदर सिंह छाबड़ा, बिजनेसमैन हैं, और मां रूचिरानी छाबड़ा, हाउसवाइफ हैं।