अमेरिका के टेक्सास में शूटिंग, 8 की मौत: मरने वालों में बच्चे भी, शूटर ने मॉल में अंधाधुंध गोलियां चलाईं; पुलिस ने मार गिराया…

Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: May 7, 2023

एलन सिटी के मॉल में शनिवार सुबह शूटिंग के बाद पुलिस ने लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। पुलिस ने हमलावर को भी मार गिराया। - Dainik Bhaskar

एलन सिटी के मॉल में शनिवार सुबह शूटिंग के बाद पुलिस ने लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। पुलिस ने हमलावर को भी मार गिराया।

ऑस्टिन// अमेरिकी राज्य टेक्सास के एक मॉल में शनिवार को गोलीबारी हुई। हमले में 8 लोगों की मौत हो गई। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। 7 लोगों के घायल हुए। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पुलिस ने संदिग्ध शूटर को मार गिराया है।

घटना की कुछ तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इनमें खून से लथपथ लोग जमीन पर गिरे देख रहे हैं। एक वीडियो में मारा गया हमलावर भी दिख रहा है। उसके शव के पास हमले में इस्तेमाल हुई बंदूक भी दिखाई दे रही है।

टेक्सास शूटिंग की 4 तस्वीरें देखें…

ये मॉल के बाहर की तस्वीर है। इसमें खून से लथपथ लोगों को देखा जा सकता है।

ये मॉल के बाहर की तस्वीर है। इसमें खून से लथपथ लोगों को देखा जा सकता है।

ये उस संदिग्ध हमलावर की तस्वीर है, जिसे पुलिस ने मार गिराया।

ये उस संदिग्ध हमलावर की तस्वीर है, जिसे पुलिस ने मार गिराया।

ये तस्वीर हमलावर की बंदूक की है। पुलिस ने कहा कि हमलावर ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं।

ये तस्वीर हमलावर की बंदूक की है। पुलिस ने कहा कि हमलावर ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं।

मॉल में शूटिंग के बाद शवों को चादर से ढक दिया गया।

मॉल में शूटिंग के बाद शवों को चादर से ढक दिया गया।

चश्मदीद बोला- मैंने कई शव देख
एक चश्मदीद ने कहा- मैं शॉपिंग कर रहा था। मैंने हेडफोन लगा रखे थे। अचानक से गोलियों की आवाज आने लगी। मैं छुप गया। जब पुलिस ने हमें मॉल से बाहर जाने को कहा तो मैंने कई शव देखे। मैं बस यही प्रार्थना कर रहा था कि इनमें बच्चे न हों। लेकिन शवों को देखकर लग रहा था कि वो बच्चों के ही हैं।

हमले के बाद पुलिस ने मॉल में शॉपिंग कर रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

हमले के बाद पुलिस ने मॉल में शॉपिंग कर रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

हमले की वजह का पता नहीं
एक पुलिस अधिकारी ने कहा- एलन शहर के एक मॉल में फायरिंग हुई। हमलावर ने लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाना शुरू कर दिया। हमने फौरन कार्रवाई करते हुए उसे मार गिराया। वहीं, हमलावर समेत 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। 2 लोगों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई। हमें फिलहाल हमले की वजह पता नहीं। इसकी जांच की जा रही है।

4 महीनों में 198 मास शूटिंग की घटनाएं
गन वायलेंस आर्काइव के मुताबिक, इस साल अमेरिका में अब तक 198 मास शूटिंग की घटनाएं हुई हैं। 30 अप्रैल को टेक्सास में एक और मास शूटिंग हुई थी। उस दौरान आरोपी ने 5 लोगों को गोली मार दी थी। इनमें 9 साल का एक बच्चा भी शामिल था।

17 दिन पहले बर्थडे पार्टी में फायरिंग हुई थी
17 अप्रैल को अमेरिका के अल्बामा राज्य के डेडविले में फायरिंग के दौरान 6 नाबालिगों की मौत हो गई थी। 20 लोग घायल हुए थे। घटना एक टीनएजर की बर्थडे पार्टी के दौरान हुई थी। ‘फॉक्स न्यूज’ ने एक चश्मदीद के हवाले से बताया- डेडविले में एक बर्थडे पार्टी चल रही थी। इसे स्वीट-16 नाम दिया गया था। पार्टी खत्म होने को थी, तभी किसी ने फायरिंग शुरू कर दी। चंद मिनट में ही पुलिस वहां पहुंची थी।

अमेरिका की आबादी 33 करोड़ और 40 करोड़ गन

  • नागरिकों के बंदूक रखने के मामले में अमेरिका दुनिया में सबसे आगे है। स्विट्जरलैंड के स्मॉल आर्म्स सर्वे यानी SAS की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में मौजूद कुल 85.7 करोड़ सिविलियन गन में से अकेले अमेरिका में ही 39.3 करोड़ सिविलयन बंदूक मौजूद हैं। दुनिया की आबादी में अमेरिका का हिस्सा 5% है, लेकिन दुनिया की कुल सिविलियन गन में से 46% अकेले अमेरिका में हैं।
  • अक्टूबर 2020 के गैलप सर्वे के मुताबिक, 44% अमेरिकी वयस्क उस घर में रहते हैं, जहां बंदूकें हैं, इनमें से एक तिहाई वयस्कों के पास बंदूकें हैं।
  • अमेरिका 231 साल बाद भी अपने गन कल्चर को नहीं खत्म कर पाया है। इसकी दो वजह हैं। पहली- कई अमेरिकी राष्ट्रपति से लेकर वहां के राज्यों के गवर्नर तक इस कल्चर को बनाए रखने की वकालत करते रहे हैं। दूसरी- गन बनाने वाली कंपनियां, यानी गन लॉबी भी इस कल्चर के बने रहने की प्रमुख वजह है। 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 63 हजार लाइसेंस्ड गन डीलर थे, जिन्होंने उस साल अमेरिकी नागरिकों को 83 हजार करोड़ रुपए की बंदूकें बेची थीं।
  • 1791 में संविधान के दूसरे संशोधन के तहत अमेरिका नागरिकों को हथियार रखने और खरीदने का अधिकार दिया गया। अमेरिका में इस कल्चर की शुरुआत तब हुई थी, जब वहां अंग्रेजों का शासन था। उस वक्त वहां परमानेंट सिक्योरिटी फोर्स नहीं थी, इसीलिए लोगों को अपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए हथियार रखने का अधिकार दिया गया, लेकिन ये कानून आज भी जारी है।