रायपुर : फलदार पौधों से लहलहाया ’समक्का-सारक्का कुंज’..

Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: May 4, 2023

रायपुर(CITY HOT NEWS)//

प्रदेश के सीमावर्ती वनांचल स्थित भोपालपटनम का ’’समक्का-सारक्का कुंज’’ अब फलदार पौधों से लहलहाने लगा है। यहां कैम्पा मद अंतर्गत बीजापुर वनमंडल में भोपालपटनम परिक्षेत्र के शहर से लगे 10 हेक्टेयर क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराकर 4 हजार आम, जामुन तथा कटहल के फलदार पौधों का वृक्षारोपण किया गया है। ’’समक्का-सारक्का कुंज’’ में पिछले वर्ष वर्षाऋतु में ही रोपण का कार्य किया गया था, जिसका अभी से बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे है और एक वर्ष के भीतर ही रोपित आम के लगभग सभी पौधो में पुष्पन हुआ तथा उनमें फल भी लगे है।

इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भोपालपटनम के कक्ष क्रमांक 829 शहर से लगा होने के कारण विभाग के समक्ष सीमावर्ती वनभूमि में बढ़ता अतिक्रमण एक चुनौती बनी हुई थी। परन्तु सितम्बर वर्ष 2020 में विभाग द्वारा भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया एवं कैम्पा मद अंतर्गत ए. पी. ओ. वर्ष 21-22 में असिंचित बांस वृक्षारोपण के लिए प्रस्तावित किया गया। क्षेत्र के अतिक्रमण से प्रभावित होने एवं वस्तुस्थिति को देखते हुए विभाग द्वारा असिंचित बांस वृक्षारोपण को सिंचित फलदार वृक्षारोपण ( चौनलिंक फेंसिंग सहित ) में परिवर्तित किया गया।
वृक्षारोपण परिवर्तित होने के पश्चात क्षेत्र में चौनलिंक फेंसिंग किया गया तथा वर्षा ऋतु – 22 में 10 हे. क्षेत्र में कुल 4000 उच्च गुणवत्ता के पौधे रोपित किये गये। रोपित पौधों में मुख्यतः 02 हजार आम के पौधे, 01 हजार कटहल के पौधे और 01 हजार जामुन के पौधे शामिल हैं। चूँकि रोपण क्षेत्र काफी वर्षों से रिक्त था, आसपास के लोग इस क्षेत्र का अतिक्रमण कर रहे थे। इसके रोकथाम हेतु विभाग द्वारा वृक्षारोपण को क्षेत्र के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मेडाराम के आराध्य देवी के नाम पर ’’समक्का- सारक्का कुंज’’  का नाम दिया गया। यह इसीलिए क्योंकि ‘‘समक्का सरक्का देवी’’ इस क्षेत्र में सर्वमान्य है एवं विभिन्न धर्मों समुदायों द्वारा पूजे जाते हैं। इस पहल का सकारात्मक परिणाम देखने को मिला तथा वर्तमान में रोपण क्षेत्र में लोगों का प्रवेश पूर्णतः बंद है।

उच्च गुणवत्ता के पौधों का उपयोग, नियमित सिंचाई, खाद का सही उपयोग एवं रखरखाव के फलस्वरूप प्रथम वर्ष से ही परिणाम दिखने लगे हैं। लगभग सभी आम के पौधों में इस वर्ष पुष्पन हुआ तथा करीब 5-6 फीट पौधों में फल लगने शुरू हो गये है। पौधों के समुचित विकास को ध्यान में रखते हुए केवल कुछ पौधों में फल प्राप्त किया गया है। प्रयोग के तौर पर पौधों के बीच इस वर्ष साग-सब्जी जैसे पालक, लाल भाजी, बरबट्टी, बैगन, मूली, मिर्ची एवं टमाटर आदि अंतर फसल का उत्पादन लिया गया। वर्तमान में वृक्षारोपण शत प्रतिशत जीवित प्रतिशत के साथ स्वस्थ स्थिति में है। विभाग द्वारा निरंतर प्रयास कर इसे एक आदर्श वृक्षारोपण के रूप में विकसित किया जा रहा है।