महिला अधिवक्ता को डिजिटल अरेस्ट कर 41 लाख की ठगी: IPS अफसर बनकर खाते में 8.7 करोड़ का लेनदेन होने के नाम पर डराया, गिरफ्तारी की दी धमकी
Last Updated on 3 hours by City Hot News | Published: February 6, 2025
दुर्ग/// दुर्ग जिला न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाली अधिवक्ता फरीहा अमीन कुरैशी डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गई। ठगों ने आईपीएस अधिकारी बनकर उसे धमकाया कि दिल्ली में एक आरोपी पकड़ा गया है। उसके पास आपके नाम का खाता मिला है, जिसमें 8.7 करोड़ का लेनदेन हुआ है। इसके बाद जालसाजों ने उसे धमकाकर उससे 41 लाख रुपये ठग लिए।
महिला वकील ने दुर्ग कोतवाली थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई है। उसने बताया कि दिल्ली के रहने वाले दो आरोपी दीपक और सुनील कुमार गौतम का फोन वीडियो कॉल के जरिए आया था। ठगों ने खुद को दिल्ली पुलिस में अफसर बताया। उन्होंने बताया कि उन्होंने संदीप कुमार नाम के आरोपी को मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग ट्रैफिकिंग और आइडेंटिटी थेफ्ट केस में गिरफ्तार किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि संदीप के कब्जे से 180 संदिग्ध बैंक खाते मिले हैं, और उन खातों में से एक फरीहा अमीन कुरैशी के नाम पर है। वह खाता एचडीएफसी बैंक दिल्ली में 18 दिसंबर 2024 को खोला गया था और उस खाते में करीब 8.7 करोड़ रुपये जमा थे।
दुर्ग कोतवाली पुलिस स्टेशन
संदीप ने पूछताछ में यह बताया है कि सभी खाताधारकों को 10 प्रतिशत राशि देने की शर्त पर वो व्यक्तिगत रूप से वहां आए और दिल्ली में खाता खुलवाएं। इस तरह उन्होंने महिला वकील को डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनाया और उसकी पूरी संपत्ति और जमापूंजी की डिटेल लेकर आरबीआई के खाते में 41 लाख रुपये ट्रांसफर लिए।
किसी को कुछ बताने पर दी थी गिरफ्तारी की धमकी
21 जनवरी 2025 को महिला वकील के पास दिल्ली पुलिस से एक वीडियो कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने बताया कि सीबीआई और दिल्ली पुलिस संदीप कुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग ट्रैफिकिंग और आइडेंटिटी थेफ्ट के मामलों की जांच कर रही है। उन्होंने महिला को बताया कि पकड़ा गया आरोपी बड़ा अपराधी है और उसने कई लड़कियों का रेप कर उन्हें मार डाला है। यह मामला बहुत कॉन्फिडेंशियल है, और यदि इस बारे में किसी ने बात की तो सीबीआई उसे गिरफ्तार कर उसे प्रताड़ित करेगी।
पहले ली पूरी जानकारी फिर कहा डिटेल मैच है
जालसाज ने महिला वकील से फोन पर उसके आधार कार्ड का नंबर, फोन नंबर, बर्थ डेट सहित अन्य व्यक्तिगत जानकारी मांगी। उसके बाद कहा, यही पूरी जानकारी जब्त किए गए खाते से उन्हें मिली है। इसके बाद उन्होंने महिला वकील को दिल्ली बयान देने के लिए बुलाया। इससे महिला वकील घबरा गई।
गिरफ्तारी की धमकी देकर डराया
कॉलर से जब महिला वकील ने दिल्ली आने में इनकार कर दिया तो उसने उसे गिरफ्तार करने की धमकी दी। जब महिला वकील ने रिक्वेस्ट किया तो कॉलर ने उसकी एक पुलिस अधिकारी से बात कराई। जिसका नाम आईपीएस सुनील कुमार गौतम था। गौतम ने फोन पर महिला का पूरा बयान लिया और उसके नाम पर जमा चल-अचल संपत्ति का विवरण मांगा।
हर दिन सुबह आता था गौतम का कॉल
महिला वकील को ठगों ने इस तरह डिजिटल अरेस्ट किया था कि वो हर दिन सुबह 9.30 -10.30 बजे तक महिला से बात करता था। महिला का कहना था कि वह इतनी डर गई थी कि जैसा गौतम उसे बोलता वो वैसा ही कर रही थी। इसके बाद उसने महिला से उसकी सभी बैंक जमा पूंजी को आरबीआई के अकाउंट में डालने बोला तो महिला ने पूरे 41 लाख रुपये उसमें ट्रांसफर दिए। इसके बाद उसे ठगों से कोई कॉल नहीं आई।
अशोक स्तंभ वाले दस्तावेज देख महिला को हो गया था यकीन
महिला ने बताया कि उसकी बात जिस सुनील कुमार गौतम से हुई उसने खुद को आईपीएस और दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया था। उसने जो दस्तावेज भेजे और दिखाए उस पर भारत सरकार का तीन शेर वाला यानि अशोक स्तंभ का निशान था। नीली स्याही में सील लगी थी। इससे उसे विश्वास हो गया था कि वो लोग दिल्ली पुलिस और सीबीआई से ही हैं। महिला ने मामले की शिकायत दुर्ग कोतवाली थाने में की और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
साइबर ठगी या क्राइम से बचने के लिए ये सावधानियां बरतें
– किसी के साथ भी अपने अकाउंट की डिटेल्स शेयर न करें। अपना ATM का नंबर या चार अंकों का पिन न बताएं। – अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का पासवर्ड हमेशा स्ट्रॉन्ग रखें। अपर केस, लोवर केस, न्यूमैरिक्स नंबर और स्पेशल कैरेक्टरर्स को मिलाकर पासवर्ड बनाएं। जैसे- @sDeh/20$1, A@eiOu/190$, D@skHa/120$ – अगर बहुत जरूरी न हो तो सोशल साइट्स पर अपनी निजी जानकारी शेयर न करें। अनजान लोगों की रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने से बचें। – बैंक की डिटेल्स के लिए अगर कोई फोन, ई-मेल या मैसेज करे तो जानकारी शेयर न करें। किसी भी तरह का संदेह होने पर बैंक जाकर संपर्क करें। – अपने ATM या Gmail, Facebook, Instagram के पासवर्ड को कुछ महीनों के बाद चेंज करते रहें। – अगर कोई और आपको पैसा भेजना चाहता है तो उसे आपके UPI पिन की जरूरत नहीं होती है। किसी को UPI पिन ना बताएं।
– अगर आप किसी लिंक के जरिए पेमेंट करना चाहते हैं तो पेमेंट के पहले की जानकारी और किसे पैसे भेज रहे हैं ये सभी बातें पढ़ लें। – कई बार साइबर फ्रॉड मोबाइल का रिमोट एक्सिस मांगते हैं। जिससे कि वो आपके मोबाइल को दूर कहीं बैठकर ही ऑपरेट कर सकें। इसलिए कभी भी किसी को भी मोबाइल का एक्सिस न दें। – कोई भी ऐप इंस्टॉल होने के बाद आपसे कुछ परमिशन मांगता है। जैसे कि लोकेशन, कैमरा, फोटो और वीडियो। लोग जल्दबाजी में बिना देखे ही OK करते जाते हैं। ऐसा करने से बचें। किसी भी ऐप की गाइडलाइंस को ध्यान से पढ़ें।