पत्नी के बार-बार सुसाइड करने की कोशिश और धमकी देना पति के साथ मानसिक क्रूरता…हाईकोर्ट ने पति की तलाक अर्जी की मंजूर…

Last Updated on 10 hours by City Hot News | Published: December 4, 2024

बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पत्नी के बार-बार सुसाइड करने की कोशिश और धमकी देने को पति के साथ मानसिक क्रूरता बताया है। डिवीजन बेंच ने पति की तलाक अर्जी मंजूर कर ली है। आदेश दिया है कि, वो दो महीने के भीतर पत्नी को 5 लाख रुपए गुजारा भत्ता दे। 2018 से दोनों अलग रह रहे थे। जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की बेंच ने केस की सुनवाई की।

महिला ने तीन बार सुसाइड करने की कोशिश की थी। छत से कूदकर जान देने की कोशिश की थी, फिर गैस ऑनकर खुद को किचन में किया था बंद, इसके कुछ दिन बाद ज्यादा मात्रा में कफ सिरप पीकर सुसाइड करने की कोशिश की थी।

बिलासपुर हाईकोर्ट।

बिलासपुर हाईकोर्ट।

चर्च में हुई थी दोनों की शादी

दुर्ग जिले के एक युवक की शादी 28 दिसंबर 2015 को बालोद की रहने वाली युवती के साथ हुई थी। उनकी शादी चर्च में हुई थी। विवाह के बाद पति-पत्नी साथ रहने लगे। शादी के बाद पत्नी एक निजी कॉलेज में नौकरी करने लगी। उसे हर महीने 22 हजार रुपए वेतन मिलता था। जिसमें से 10 हजार रुपए वो मायके भेज देती थी। लेकिन, इस पर पति ने कभी आपत्ति नहीं जताई।

पत्नी के व्यवहार में आने लगा बदलाव

पति का आरोप है कि, जॉब लगने के बाद से उसकी पत्नी के व्यवहार में बदलाव आ गया। वो अपने मायके वालों पर ज्यादा ध्यान देने लगी। भाई को भी अपने साथ रख ली। जब उसका भाई बिना किसी कारण के वापस चला गया। तब पत्नी का व्यवहार बदल गया। वो पति से दूरी बनाने लगी और आत्महत्या करने की धमकी देने लगी।

तीन बार सुसाइड की कोशिश, देती थी धमकी

जिसके बाद महिला पति से विवाद करने लगी। आए दिन आत्महत्या करने की धमकी देने लगी। इस बीच पहली बार उसने किचन का दरवाजा बंद कर गैस चालू कर दिया। जलकर सुसाइड करने के लिए धमकाया। किसी तरह पति ने उसे मनाकर दरवाजा खुलवाया।

इसके बाद फिर उसने नशीला कफ सिरप पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की। इस बार भी पति ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। तब किसी तरह उसकी जान बच पाई। जिसके बाद वो छत से कूदकर खुदकुशी करने की कोशिश की।

परेशान होकर पति ने तलाक के लिए लगाया आवेदन

पत्नी के इस व्यवहार से पति परेशान हो गया। आखिरकार, उसने तलाक के लिए फैमिली कोर्ट में आवेदन किया। फैमिली कोर्ट ने पति की दलीलों को दरकिनार करते हुए तलाक के आवेदन को खारिज कर दिया था।

पति ने हाईकोर्ट में की थी अपील

जिसके बाद पति ने फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। वहीं, उसकी पत्नी ने वैवाहिक अधिकार की बहाली के लिए याचिका लगाई। दोनों केस की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की बेंच में हुई। इस दौरान पति की तरफ से एडवोकेट ने तर्क दिया कि, पति और पत्नी के बीच का संबंध जीवन साथी के रूप में होता है।

इसमें किसी तरह का गलत बर्ताव दोनों के लिए हानिकारक है। पति या पत्नी किसी के मन में आशंका हो तो साथ रहना मुश्किल होता है। इस केस में पति-पत्नी 2018 से अलग-अलग रह रहे हैं। ऐसे में पत्नी की क्रूर आचरण से पति मानसिक दबाव में है। उनका साथ रहना संभव नहीं है।

दो माह के भीतर पत्नी को देना होगा 5 लाख

इस मामले की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना। जिसके बाद हाईकोर्ट ने कहा कि, बार-बार आत्महत्या करने की धमकी देना पति के साथ क्रूरता के समान है। इस केस में पति के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं कि उसकी पत्नी ने आत्महत्या करने के लिए बार-बार धमकी देती थी।

ऐसी स्थिति में कोई भी जीवन साथी शांति से नहीं रह सकता। हाईकोर्ट ने मानसिक क्रूरता के आधार पर पति की तलाक की अपील को मंजूर कर लिया है। साथ ही पति को आदेश दिया है कि दो माह के भीतर अपनी पत्नी को 5 लाख रुपए स्थायी गुजारा भत्ता दी जाए।