हाथियों ने पंडो जनजाति के 2 बच्चों को कुचला…पति-पत्नी और 3 बच्चों ने भागकर बचाई जान….

Last Updated on 2 weeks by City Hot News | Published: November 10, 2024

सूरजपुर// छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में हाथियों ने पंडो जनजाति के 2 बच्चों को कुचलकर मार डाला। बताया जा रहा है कि शनिवार रात करीब 1 बजे सोते समय हाथियों का दल झोपड़ी में घुसा। पति-पत्नी और 3 बच्चों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई, लेकिन 2 बच्चे नहीं निकल सके। मामला सूरजपुर वनमंडल के चितखई गांव का है।

मिली जानकारी के मुताबिक बिखू पंडो के बेटे बिसू पंडो (11) और बेटी काजल (5) को हाथियों ने रौंदा है। 11 हाथियों के दल ने झोपड़ी को तहस-नहस कर दिया है। पिछले कई दिनों से हाथियों का दल प्रेमनगर के बिरंचीबाबा जंगल में डटा हुआ है। लोगों में दहशत का माहौल है।

पिता बोले- 5 बच्चों के साथ झोपड़ी में सो रहा था

बिखू पंडो के मुताबिक वह पिछले कई साल से जंगल में झोपड़ी बनाकर रह रहा। हमेशा की तरह शनिवार रात भी अपनी पत्नी और 5 बच्चों के साथ झोपड़ी में सो रहा था। हाथियों का दल अचानक झोपड़ी के पास पहुंचा और तोड़-फोड़ करने लगा।

इस दौरान बिसू पंडो और काजल गहरी नींद में थे। इसलिए उन्हें भागने में देरी हो गई। हाथियों ने सूंड से उठाकर पटका और कुचल दिया।

घटना की सूचना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची हुई है।

घटना की सूचना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची हुई है।

गांव पहुंचकर परिवार ने गुजारी रात

बिसू पंडो ने बताया कि पत्नी और तीन बच्चे जंगल से निकलकर गांव की ओर भागे। किसी तरह गांव पहुंचकर रात गुजारी। सुबह ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे। झोपड़ी में बच्चों की लाश देखने को मिली। हाथियों ने झोपड़ी में रखे अनाज को भी खा लिया।

बच्चों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा

मामले की जानकारी ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही DFO आरआर पैकरा, फॉरेस्ट SDO अनिल सिंह, प्रेमनगर रेंजर रामचंद्र प्रजापति सहित वन अमला मौके पर पहुंचा। दोनों बच्चों के शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

सूरजपुर जिले में हाथियों ने पंडो जनजाति के 2 बच्चों को कुचलकर मार डाला।

वन विभाग पर ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप

वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उदयपुर क्षेत्र से प्रेमनगर वनक्षेत्र में हाथियों का दल पहुंचा है, लेकिन वन विभाग ने ग्रामीणों को हाथियों को लेकर सतर्क नहीं किया। हाथियों की निगरानी में लगे दल ने भी पंडो परिवार को जानकारी नहीं दी, जिससे इतनी बड़ी घटना घट गई।