रायपुर : स्मार्ट वूमेन अल्का की जागरूकता बनी मिसाल
Last Updated on 2 weeks by City Hot News | Published: November 8, 2024
- बिहान समूह से होने वाली आय और महतारी वंदन योजना की राशि से परिवार को मिला सहारा
रायपुर//
शासकीय योजनाओं से जुड़कर और इन योजनाओं का लाभ उठाकर कैसे अपने परिवार को संभाला जा सकता है। यह सीखा जा सकता है, स्मार्ट वूमेन अल्का कच्छप से। अल्का ने अपनी जागरूकता से न केवल अपने परिवार को आर्थिक संकट से उबारा बल्कि अपनी बेटियों के बेहर कैरियर के लिए भी इंतजाम कर लिया है। श्रीमती अल्का ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन में महतारी वंदन योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता मेरी बेटियां जब बड़ी होंगी, तब यह पैसे उनकी पढ़ाई और शादी में काम आएंगे।
अम्बिकापुर विकासखंड के छोटे-से ग्राम पंचायत- चठिरमा के आश्रित गांव बढनीझरिया की रहने वाली श्रीमती अलका कच्छप अपने बच्चों के भविष्य के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। वे बेहद स्मार्टली अपने परिवार को बेहतर सहयोग करने के लिए शासन की कल्याणकारी योजनाओं के प्रति भी जागरूक हैं। श्रीमती अलका एक आम घरेलू महिला हैं, उनके पति श्री सामुवेल कच्छप राज मिस्त्री का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहती है। पति की आमदनी से घर का खर्च चलाना मुश्किल होता था, इसलिए बिहान महिला समूह से जुड़कर काम कर रही हैं। जिससे अतिरिक्त आमदनी हो जाती है। उन्होंने बताया कि वह अपने बच्चों की देखभाल और उनकी पढ़ाई पर विशेष ध्यान देती हैं।
श्रीमती अल्का ने बिहान समूह से जुड़कर न केवल आमदनी का जरिया ढुंढा बल्कि अपने बेटियों के लिए महतारी वंदन योजना से मिल रही राशि को उनके सुरक्षित भविष्य के लिए सुकन्या योजना का प्रीमियम जमा किया। श्रीमती अलका ने बताया कि उनकी दो बेटियां हैं बड़ी बेटी का नाम विभा और छोटी बेटी का नाम विद्या है। विभा प्राइवेट स्कूल में कक्षा 6वीं और छोटी बेटी केजी-वन में पढ़ रही हैं। वह चाहती है कि उनकी बेटियां अच्छी पढ़ाई कर अपने सपनों को पूरा करें। श्रीमती अल्का का सपना है कि उनकी बेटियां अपनी पढ़ाई पूरी करें और अच्छे करियर का चुनाव करें। इसलिए अलका अभी से तैयारी कर रही हैं। अपनी बिहान समूह की कमाई और महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि को मिलाकर सुकन्या समृद्धि योजना में दोनों बेटियों के नाम से एक-एक हजार रुपए हर महीने जमा कर रही हैं।